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शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) महाराष्ट्र : ऐसा गाँव जहाँ किसी भी घर में नहीं लगे हैं दरवाज़े

shani shingnapur Story & History In Hindi

shani shingnapur Story & History In Hindi | Image Source : BBC.com

Shani Shingnapur Story In Hindi 

Shani Shingnapur Story & History In Hindi : लोग आजकल अपने घरों की सुरक्षा को लेकर पहले से अधिक सतर्क हो गए हैं. घरों की सुरक्षा के लिए हाई-टेक सिक्योरिटीज का उपयोग होने लगा है. ऐसे में यदि किसी ऐसे गाँव के बारे में पता चले, जहाँ रहने वाले लोग अपने घरों में दरवाजे ही नहीं लगवाते हैं, तो हैरत में पड़ जाना ज़ायज़ है.

आप सोच रहे होंगे कि ये गाँव ज़रूर विदेश में होगा. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये गाँव विदेश में नहीं बल्कि भारत में ही है.

यह गाँव है महाराष्ट्र (Maharashtra) के अहमदपुर जिले (Ahmadpur District) में स्थित शनि शिंगणापुर गाँव (Shani Shingnapur Village) . मुंबई (Mumbai) से ३०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गाँव में लगभग ४००० लोग निवास करते है.

यहाँ हर घर में दरवाज़े के फ्रेम तो दिख जायेंगे, लेकिन दरवाज़े नहीं. घरों में दरवाज़े (Door) न होने के बावजूद इस गाँव में हर घर सुरक्षित है. यहाँ कभी चोरी और डकैती जैसी घटनायें नहीं हुई. ऐसा यहाँ का पुलिस रिकॉर्ड कहता है, जहाँ आज तक इस गाँव से संबंधित चोरी-डकैती का केस दर्ज नहीं हुआ.

गाँव के निवासियों की है शनि देव पर है गहन आस्था 

इस गाँव के निवासियों की शनि देव के ऊपर गहन आस्था और विश्वास है. उनकी मान्यता है कि उनके गाँव को शनि देव से सुरक्षा का वरदान प्राप्त है. वे स्वयं उनके गाँव की रखवाली करते हैं और बुरी नज़र से उनके घरों को रक्षा करते हैं.

ऐसा कहा जाता है कि इस गाँव में जो भी चोरी का प्रयास करता है, उसे उसकी सजा मिल जाती है. उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है या वह अंधत्व का शिकार हो जाता है या फिर लंबी बीमारी से पीड़ित हो जाता है.

लोगों का मानना है कि दुर्भावना से ग्रसित होकर गलत कार्य करने वाले व्यक्ति और उसके परिवार पर शनि देव के प्रभाव से दुर्भाग्य का साया पड़ जाता है और उसके ग्रहों पर साढ़े साती (दुर्भाग्य के साढ़े सात साल ) लग जाती है. दुर्भाग्य का प्रभाव उस व्यक्ति के परिवार में दुर्घटना, मौत, कंगाली या दिवालियापन के तौर पर आता है.

लोग यह भी बताते हैं कि एक बार किसी ने अपने घर में दरवाज़ा (Door) लगाया था और अगले ही दिन एक कार दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई थी. तबसे कोई भी अपने घरों में दरवाज़ा लगाने की कोशिश नहीं करता. 

गाँव के मध्य एक शनि मंदिर (Shani Temple) स्थित है, जहाँ भक्तगण पूजा-आराधना करते हैं. इस मंदिर में शनि देवता (Lord Shani) की कोई मूर्ति स्थापित नहीं है, बल्कि एक विशाल काला पत्थर रखा हुआ है, जिसे शनि का विग्रह माना जाता है.

यह विशाल काला पत्थर इस गाँव में कैसे आया? लोग अपने घरों में दरवाज़े क्यों नहीं लगाते? इसके पीछे एक पौराणिक कथा (Mythological Story) प्रचलित है.

पौराणिक कथा / इतिहास (Pauranik Katha/ History In Hindi)

लगभग ३०० वर्ष पहले इस गाँव में घनघोर बरसात हुई, जिससे गाँव में बाढ़ आ गई. लोगों का कहना है कि वह आपदा किसी दैवीय शक्ति के कारण आई थी और नदी में बाढ़ के पानी के साथ कोई दैवीय शक्ति भी बह रही थी.

जब बारिश रुकी और जलस्तर कुछ कम हुआ, तो एक विशाल काला पत्थर नदी के किनारे बेर के एक पेड़ के पास आकर टिक गया. एक व्यक्ति ने जब उस पत्थर को देखा, तो उसे नुकीली वस्तु से तोड़ने का प्रयास किया. लेकिन जैसे ही उसने नुकीली वस्तु से उस पत्थर पर प्रहार किया, उसमें से रक्त की धार निकल आई. यह देख वह व्यक्ति भयभीत हो गया और वहाँ से भाग खड़ा हुआ.

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गाँव जाकर उसने यह बात लोगों को बताई. लोग जब वह पत्थर देखने पहुँचे, तो दंग रह गए. उन्हें समझ नहीं आया कि उस पत्थर के साथ क्या करें? वे अगले दिन सोच-विचार कर वापस आने का का सोच गाँव लौट गये.

उस रात गाँव के एक व्यक्ति को स्वप्न में शनि देव ने दर्शन देकर उस विशाल काले पत्थर को गाँव में स्थापित करने का आदेश दिया.

सुबह होने पर उसने यह बात गाँव वालों को बताई. सभी फिर से उस पत्थर के पास पहुँचे और उस उठाने का भरसक प्रयास किया. किंतु पत्थर था कि तस से मस न हुआ. बहुत देर तक कोशिश करने के बाद भी जब पत्थर नहीं हिला, तो गाँव वाले वापस लौट आये.

shani shingnapur Story & History In Hindi

shani shingnapur Story & History In Hindi | Image Source : holidify.com

उस रात फिर उस व्यक्ति के स्वप्न में शनि देव आये और उसे बताया कि वह पत्थर उस स्थान से तभी हिलेगा, जब उसे उठाने वाले रिश्ते में सगे मामा-भांजे होंगे. साथ ही यह भी कहा कि उस पत्थर में मैं स्वयं समाहित हूँ. मुझे खुले मैदान में सूर्य की रोशनी में स्थापित किया जाये. वहाँ किसी छज्जे या मंदिर का निर्माण न किया जाये. इस तरह मैं अपनी दृष्टि पूरे गाँव पर रखूंगा और हर संकट से वहाँ निवास करने वाले परिवारों की रक्षा करूंगा.  

अगले दिन उसने यह बात सारे गाँव वालों को बताई. सगे मामा-भांजे से वह विशाल पत्थर उठवाया गया और उसे गाँव के मध्य एक बड़े मैदान में स्थापित किया गया. तबसे गाँव वालों का मानना है कि शनि देव की दृष्टि उनके घरों पर है और वे अपने घरों पर दरवाज़ा नहीं लगवाते.

शनि शिंगणापुर के शिव मंदिर में का समय और  पूजा विधि  (Shani Shingnapur Temple Timings & Pooja Vidhi) 

भक्तगण शनि शिंगणापुर के शिव मंदिर (Shani Shignapur Shiv Mandir) में केसरी वस्त्र धारण कर प्रवेश करते हैं. यहाँ प्रतिदिन प्रातः ४ बजे एवं संध्या ५ बजे आरती होती है और शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक किया जाता है.

प्रति शनिवार या शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को दर्शनाभिलाषी इस मंदिर में शनिदेव के दर्शन, पूजा-आराधना हेतु आते हैं. शनि देव की भक्ति हेतु बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे भी यहाँ आते हैं.

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इस मंदिर के बारे में लोगों का कहना है कि शनि देव के दर्शन के लिए आये व्यक्ति को माथा टेक सीधे मंदिर से बाहर निकल जाना चाहिए, मुड़कर नहीं देखना चाहिए. इससे बुरा प्रभाव पड़ता है. यहाँ महिलायें दूर से ही शनि देव के दर्शन कर सकती हैं. शनि देव की प्रतिमा के पास जाना महिलाओं के लिए वर्जित है.  

देश-विदेश से भक्तगण शनि के प्रकोप से मुक्ति हेतु इस मंदिर में आते है और शनि विग्रह की पूजा करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से वे शनी के कुप्रभाव से मुक्त हो जायेंगे. ऐसी भी मान्यता है कि शनि देव को तेलाभिषेक करने वाले को शनि देव कभी कष्ट नहीं देते.

कैसे पहुँचे शनि शिंगणापुर? (How To Reach Shani Shingnapur)

सड़क मार्ग (By Road) – बस द्वारा औरंगाबाद-अहमदपुर राजमार्ग क्रमांक ६० पर स्थित घोड़ेगाँव उतरकर ५ किमी दूर शनि शिंगणापुर गाँव टैक्सी या जीप से पहुँचा जा सकता है. या फिर मनमाड़-अहमदनगर राजमार्ग क्रमांक १० पर स्थित राहुरी उतारकर टैक्सी द्वारा ३२ किमी दूर शनि शिंगणापुर गाँव जाया जा सकता है.    

रेल मार्ग (By Rail) – (Railway station near shani shingapur) शनि शिंगणापुर गाँव पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन  अहमदनगर, राहुरी, श्रीरामपुर (बेलापुर) है. जहाँ तक ट्रेन स्वरा पहुँचकर बस, जीप आय टैक्सी से शनि शिंगणापुर पहुँचा जा सकता है.

हवाई मार्ग (By Air) – शनि शिंगणापुर गाँव के निकटतम एयरपोर्ट मुंबई (Mumbai), औरंगाबाद (Aurangabad) और पुणे (Pune) हैं. यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा शनि शिंगणापुर गाँव पहुँचा जा सकता है.

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