
Shetfal Snake Village Maharashtra : Image Source : lokmat.com
Shetfal Snake Village Maharashtra
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Shetfal Snake Village Maharashtra Story & History In Hindi : भारत में सांपों को हमेशा से श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है. ‘नाग पंचमी’ के त्यौहार के दिन विशेष रूप से सांपों पूजा की जाती है. लेकिन सपेरों को छोड़कर कोई अपने घर में सांप नहीं रखता. पालतू पशु के रूप से कुत्ता या बिल्ली तो पाले जाते हैं, लेकिन सांपों को पालने के बारे में शायद ही कोई सोच सकता है.
लेकिन भारत में एक ऐसा अनोखा गाँव भी है, जहाँ हर घर में सांप पाला जाता है. क्या बच्चे? क्या बड़े? और क्या बुजर्ग? सांप यहाँ हर किसी के साथी हैं. इस गाँव में प्रवेश करते ही सांपों से आपका सामना हो जायेगा और हर जगह सांप घूमते नज़र आ जायेंगे.
यह गाँव है महाराष्ट्र का शेतफल गाँव (Snake Village Maharashtra). आइये जानते हैं सांपों के इस गाँव के बारे में विस्तार से :
साँपों का गाँव शेतफल (Shetfal Snake Village Maharashtra)
महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के करमाला ताल्लुक के शेतफल गाँव को “सांपों का गाँव” (Snake Village) कहा जाता है. पुणे से २०० किलोमीटर दूसर स्थित लगभग २६०० की आबादी वाले इस गाँव में आपको हर स्थान पर सांप विचरण करते हुए नज़र आ जायेंगे. फिर चाहे वह सार्वजानिक स्थान हो, घर हो या फिर स्कूल.
गाँव के लोगों को सांप से कोई डर नहीं है. इसलिए कोई भी यहाँ सांपों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुँचाता. बल्कि उन्हें पूजा जाता है. यहाँ हर घर में सांप पालने की परंपरा है. सांप भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते.
शेतफल गाँव में बड़ी संख्या में सांपों के पाये जाने कारण यहाँ का अनुकूल वातावरण है. यह एक मैदानी इलाका है और यहाँ का मौसम शुष्क है, जो सांपों के लिहाज़ से सर्वोत्तम है. शायद यही कारण है कि यहाँ सांपों की भरमार है.
साँपों के लिए घर में अलग से स्थान
शेतफल गाँव के हर घर में सांप पाला जाता है. इसलिए घरों में साँपों के रहने के लिए एक अलग से स्थान की भी व्यवस्था की जाती है. इस स्थान को ‘देवस्थानम’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है – ‘देवों का स्थान’. नाम से ही स्पष्ट है कि शेतफल में सांपों को देवतातुल्य माना जाता है.
गाँव के घर पुराने हो या नव-निर्मित, कच्चे हों या पक्के, हर घर की छत पर सांपों के रहने का स्थान देखने को मिल जायेगा. एक तरह से सांप परिवार के सदस्य होते हैं और उनके प्रति घर के अन्य सदस्यों का व्यवहार भी अपने पारिवारिक मित्रों और संबंधियों जैसा ही होता है.
घर-घर में पाले जाते हैं कोबरा
घरों में पाले जाने वाले साँपों में सबसे विषैला माना जाने वाला साँप ‘कोबरा’ (Cobra) भी सम्मिलित है. ‘कोबरा’ (Cobra) को भगवान शिव का अवतार मान लोग उसकी पूजा करते हैं और अपने घर में विशिष्ट स्थान प्रदान करते हैं.
बच्चों को भी नहीं लगता डर
शेतफल गाँव के छोटे बच्चे भी साँप के साथ खेलते नज़र आ जाते हैं. साँप भी सहजता से उनके आस-पास रहते हैं. यहाँ तक कि वे बच्चों के स्कूल में उनकी कक्षाओं में जाकर उनके बीच बैठे रहते हैं. ऐसा भाईचारा शायद ही कहीं और देखने को मिले.
शेतफल गाँव का सिद्धेश्वर मंदिर (Siddheshwar Temple Shetfal Village)
शेतफल में “सिद्धेश्वर मंदिर” (Siddheshwar Temple) स्थित है. इस मंदिर में तांबे से निर्मित भगवान शिव की प्रतिमा सप्तमुखी कोबरा नाग के साथ स्थापित है. इस मंदिर में सर्पदंश (snake-bite) से प्रभावित लोगों को उपचार के लिए लाया जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में सर्पदंश प्रभावित व्यक्ति का जहर उतर जाता है और वह ठीक हो जाता है.

snake village maharashtra India| Image Source : amarujala.com
The Gazettes Department Of Maharashtra के अनुसार १९७४ में इस मंदिर १०० सर्पदंश (snake-bite) प्रभावित लोग ठीक किये गये. हालांकि ये ज्ञात नहीं है कि लोगों को जिन साँपों ने काटा था, वे जहरीले थे या नहीं.
कैसे पहुँचे शेतफल गाँव? (How To Reach Shetfal Village)
रेल मार्ग (By Train) – शेतफल गाँव में पहुँचने के लिए माडेनिम्ब और अष्टि निकटतम रेल्वे स्टेशन हैं. जहाँ से शेतपुर गाँव के लिए बस या कैब ली जा सकती हैं. सोलापुर जंक्शन पर उतरकर भी शेतफल गाँव (shetfal village) बस या कैब द्वारा पहुँचा जा सकता है.
सड़क मार्ग (By Road) – शेतफल गाँव जाने के लिए सोलापुर, पंढरपुर, मंगलबंधे, कुरुद्वादी, बर्शी से महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट (Maharashtra State Transport) की बस पकड़ी जा सकती है.
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