Dwarf Village China Story & History In Hindi :बचपन में परी कथाओं में हम सभी ने बौनों के शहर या गाँव के बारे में सुना या पढ़ा है और अपनी कल्पनाओं में उसका चित्रण भी किया है. लेकिन क्या हो, जब यह कल्पना सच हो जाये? बौनों का गाँव परी कथा से निकलकर यथार्थ के धरातल पर अवतरित हो जाये. यकीनन, लोग हैरत में पड़ जायेंगे.
आज हम आपको हैरत में डाल देने वाले एक ऐसे गाँव के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जहाँ आबादी का अधिकतम हिस्सा बौना है. यह गाँव चीन में स्थित है और “बौनों का गाँव” (Dwarf Village) कहलाता है.
आइये जानते हैं इस गाँव के बारे में विस्तार से –
हैरत में डाल देता है चीन का बौनों का गाँव
Table of Contents
चीन (China) के शिचुआन प्रांत (Sichuan Province) के दक्षिणी पश्चिमी कोने पर यांग्सी (Yangsi) नामक गाँव स्थित है. यह गाँव चांवल के खेत और पहाड़ों से घिरा हुआ है. वैसे देखा जाये, तो यह अन्य गाँवों की तरह ही है. लेकिन जो बात इसे ख़ास बनाती है, वह है यहाँ के लोगों की ऊँचाई.
यहाँ की आधी से अधिक आबादी की ऊँचाई २ फीट १ इंच से लेकर ३ फीट १० इंच तक है. हर परिवार में आपको इस ऊँचाई के लोग देखने को मिल जायेंगे. यही कारण है कि चीन का यह गाँव “बौनों का गाँव” (Dwarf Village) कहलाता है.
पढ़ें : इस गाँव में होती है कुत्ते की पूजा, कुकुरदेव मंदिर का इतिहास (Kukurdev Temple History)
यह गाँव काफी लंबे समय तक दुनिया की नज़रों से छुपा रहा. १९११ में पहली बार यहाँ बौने देखने की बात सामने आई. १९४७ में एक अंग्रेज वैज्ञानिक ने भी यहाँ बौने देखने की बात रखी थी. लेकिन इस बात की अधिकारिक पुष्टि १९५१ में की गई.
यहाँ जन्म लेने वाले प्रति २०००० बच्चों में १ बच्चा बौना होता है. ऐसा क्यों होता है? इसका कारण कोई नहीं जानता. हैरान कर देने वाली बात यह हैं कि इस गाँव के आस-पास के गाँवों में ऐसी कोई समस्या नहीं पाई जाती.
क्या हैं इस गाँव में बौनेपन के पीछे का कारण? (Reason Behind dwarfism in Dwarf Village)
क्या इस गाँव में बौनेपन की समस्या वातावरण, मिट्टी, पानी या फिर खान-पान के कारण है? इस बात की जांच के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा इस गाँव की मिट्टी, पानी और अनाज का परीक्षण किया. लेकिन वे किसी नतीज़े पर नहीं पहुँच सके. सब कुछ समान्य ही नज़र आया और आज भी ये गाँव एक रहस्य बना हुआ है.

Village of Dwarf Yangsi China : Image Source : amarujala
विज्ञान की तरफ से तो इस गाँव में होने वाली बौनेपन की समस्या का कोई कारण सामने नहीं आ सका. लेकिन यहाँ रहने वाले लोग इस समस्या की उत्पत्ति के अलग-अलग कारण गिनाते हैं.
१. एक वर्णन के अनुसार द्वितीय विश्व युद्ध (World War-II) के दौरान जापान के द्वारा कोई रहस्यमयी जहरीली गैस के द्वारा यहाँ हमला किया गया. जिसके फलस्वरूप आज तक इस गाँव में शारीरिक तौर पर अविकसित लोग पैदा हो रहे हैं. हालांकि इसके कोई प्रमाण नहीं हैं कि जापान ने इस क्षेत्र में हमला करने को कोशिश की थी.
२. यहाँ के बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि पहले इस गाँव में इस तरह की कोई समस्या नहीं थी. लेकिन किसी रहस्यमयी बीमारी के कारण यहाँ के बच्चे ५ या ७ साल के बाद ऊँचाई में बढ़ना बंद हो गए. साथ ही अन्य side effects भी उनमें देखे जाने लगे, जैसे – गंजापन (Baldness), हाथ-पैर में दर्द (Joint Pain). शरीर पर चकते (rashes) आदि. इस बात की पुष्टि के लिए यहाँ के लोगों का शारीरिक परीक्षण (physical examination) किया गया. लेकिन उसमें ऐसी किसी बीमारी का पता नहीं चला.
पढ़ें : इस मंदिर में देवी माँ को गर्मी में निकलता है पसीना, काली माई मंदिर जबलपुर (Kali Mai Temple Jabalpur)
३. कई लोगों का मानना है कि पूर्वजों को सही तरह से न दफ़नाने के कारण उनके द्वारा श्राप दिया गया और उस श्राप के परिणामस्वरूप इस गाँव में बच्चों की ऊँचाई बढ़ना रूक गई.
४. इस संबंध में एक और कहानी सामने आती है और वह है – एक रहस्यमयी काले रंग कछुवे की. लोगों का कहना है कि एक बार इस गाँव में एक रहस्यमयी काले रंग का विचित्र पैरों वाला कछुवा प्रकट हुआ, जिसे गाँव वालों ने पकड़ लिया. उस समय गाँव में अकाल पड़ा हुआ था और लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई थी. सभी सोच में पड़ गए कि कछुवे को छोड़ दिया जाए या मार दिया जाए. लेकिन भूख उन पर हावी हो गई और उन्होंने कछुवे को मार दिया. मरने के पहले कछुवे द्वारा गाँव को श्राप दिया गया. उस श्राप के कारण गाँव के लोग बौने होने लगे.
बरहलाल, इन सब कहानियों के मध्य “बौनों के गाँव” (Dwarf Village China) का राज आज भी बरक़रार है.
Friends, आशा है आपको ‘Dwarf Village China Story & History In Hindi‘ में प्रदान की गई जानकारी अच्छी लगी होगी. जानकारी पसंद आने पर आप इसे Like कर ज़रूर करें. और अपने Friends को Share भी करें. ऐसी ही History Related Information & news के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.
Leave a Comment