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बीकॉम के बाद कौन सा कोर्स करें? | Best Courses After B. Com In Hindi 

बीकॉम के बाद कौन सा कोर्स करें? Bcom Ke Baad Kaun Sa Course Kare, Best Courses After Bcom पूरी जानकारी इस लेख में पढ़ें।

Bcom Ke Baad Kaun Sa Course Kare

 

यदि आप बीकॉम कर चुके हैं और सोच रहे हैं कि बीकॉम के बाद कौन सा कोर्स करना चाहिए? जिसमें आपको बेहतरीन करियर ऑप्शन मिल सके, तो इस संबंध में इस पोस्ट में आपको पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है।

बीकॉम क्या है? Bcom Kya Hai?

बीकॉम का फुलफॉर्म है – बैचलर ऑफ कॉमर्स (Bachelor Of Commerce) । हिंदी में इसे वाणिज्य स्नातक कोर्स कहते हैं। ये एक ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसे 12 वीं के बाद किया जाता है। बीकॉम 3 साल का ग्रेजुएशन होता है, जिसमें कॉमर्स या वाणिज्य से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है, जैसे फाइनेंस, अकाउंटिंग, बिजनेस, मार्केटिंग, टैक्सेशन, बैंकिंग लॉ आदि। जो छात्र फाइनेंस, बैंकिंग, मार्केटिंग या बिज़नेस जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहते हैं, वे बीकॉम का कोर्स कर सकते हैं।

बीकॉम में एडमिशन लेने के लिए 12 वीं की कक्षा 50% के साथ उत्तीर्ण होनी चाहिए। कॉमर्स और साइंस विषयों के साथ 12 वीं उत्तीर्ण छात्र बीकॉम में एडमिशन ले सकते हैं। जिन्होंने आर्ट्स या होम साइंस लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई की है, वे बीकॉम में दाखिला नहीं ले सकते।

बीकॉम कोर्स में इकोनॉमिक्स, अकाउंटिंग, बैंकिंग लॉ, बिजनेस मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, फाइनेंस मैनेजमेंट, बिजनेस मैथमेटिक्स, कास्ट अकाउंटिंग आदि विषय शामिल होते हैं, जो आपको कॉमर्स, बिजनेस, बैंकिंग, मार्केटिंग की फील्ड में फ्यूचर बनाने के लिए तैयार करते हैं।

Bcom Ke Baad Kaun Sa Course Karen

बीकॉम कर लेने के बाद यदि आप आगे और पढ़ाई करना चाहते हैं और कोर्स करना चाहते हैं, ताकि और बेहतर करियर बना सके या नौकरी हासिल कर सकें, तो उन कोर्सेस की जानकारी नीचे विस्तार से दी जा रही है।

1. एम.कॉम (M.Com)

बीकॉम एक स्नातक कोर्स (Graduation Course) है। उसके बाद छात्र के आमतौर पर स्नातकोत्तर (Post Graduation) कोर्स करते हैं, जिनमें एम. कॉम कोर्स शामिल है। 

एम. कॉम का फुलफॉर्म मास्टर इन कॉमर्स (Master In Commerce)  है। यह 2 वर्ष की अवधि का कोर्स है, जिसे पूर्ण करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्रदान की जाती है। एम. कॉम में कॉमर्स संकाय के विषयों के बारे में और विस्तार से और गहन जानकारी दी जाती है। 

50% अंकों के साथ बीकॉम उत्तीर्ण छात्र एम. कॉम में एडमिशन के लिए पात्र होता है। कई टॉप कॉमर्स कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा भी ली जाती है। कई में बीकॉम के मार्क्स के आधार पर मेरिट अनुसार प्रवेश दिया जाता है।

बैंकिंग, अकाउंटिंग, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस सेक्टर में करियर बनाने में इच्छुक छात्र एम. कॉम कोर्स करते हैं या जो टीचर, लेक्चरर या प्रोफेसर बनना चाहते हैं, वे भी एम. कॉम और उसके बाद पीएचडी करते हैं।

भारत में एमकॉम के पूर्णकालिक, अंशकालिक, दूरस्थ या पत्राचार और ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित है और छात्र इनमें से किसी भी माध्यम से एम. कॉम कर सकता है। भारत में लगभग 3500 निजी, सरकारी और सार्वजनिक-निजी एमकॉम कॉलेज हैं, जो एम. कॉम पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की शिक्षा देते हैं।

2. बी एड (B.ed)

बी एड (B.ed) का फुलफॉर्म हैं – बैचलर ऑफ एजुकेशन (Bachelor Of Education)। यह 2 वर्षीय कोर्स है। टीचिंग क्षेत्र में करियर बनाने में इच्छुक छात्र इस कोर्स में दाखिला लेते हैं और कोर्स पूर्ण कर प्राइमरी, मिडिल या हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्ति पा सकते हैं। कॉमर्स संकाय के छात्र भी बी एड कर किसी भी स्कूल में कॉमर्स टीचर बन सकते हैं।

भारत में कुल 6846 बी एड कॉलेज हैं। जिनमें दाखिला लेकर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

3. एलएलबी (LLB)

एलएलबी का फुलफॉर्म है – बैचलर ऑफ लेजिसलेटिव लॉ (Bachelor of Legislative Laws)। वकालत के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एलएलबी कोर्स किया जा सकता है, जिसमें आपको विधि और कानून संबंधी विभिन्न विषयों की शिक्षा दी जाती है। कॉमर्स ग्रेजुएट एलएलबी कर सकते हैं और टैक्सेशन (सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स या अन्य टैक्स) लॉयर या किसी फर्म के बिजनेस लॉयर या लीगल एडवाइजर बन सकते हैं।

एलएलबी कोर्स 12 वीं के बाद भी किया जा सकता है और ग्रेजुएशन के बाद भी। 12 वीं के बाद का एलएलबी 5 वर्षीय कोर्स और ग्रेजुएशन के बाद का एलएलबी 3 वर्षीय कोर्स होता हैं। ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी करने के लिए 50% अंकों के साथ स्नातक डिग्री होनी चाहिए। टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए CLAT, LSAT और AILET जैसे Entrance Exams पास करने होंगे।

4. एमबीए (MBA)

एमबीए का फुलफॉर्म है – मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Master Of Business Administration)। यह एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसमें बिजनेस मैनेजमेंट/व्यवसाय प्रबंधन की शिक्षा प्रदान की जाती है। कॉमर्स स्टूडेंट्स बीकॉम करने के बाद एमबीए कोर्स करके किसी अच्छी भारतीय या मल्टी नेशनल कंपनी में मैनेजमेंट लेवल की जॉब प्राप्त कर सकते हैं।

एमबीए का वॉयस 2 वर्ष का होता और इसके लिए न्यूनतम अर्हता 50% अंकों के साथ ग्रेजुएट होना है। भारत के कई सरकारी और प्राइवेट एमबीए कॉलेज में प्रवेश के लिए हर साल प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। कुछ प्रमुख एग्जाम्स हैं : 

CAT, MAT, XAT, NMAT, GMAT, CMAT, SNAP, KIITEE 

प्रवेश परीक्षा के अंकों, इंटरव्यू के अंकों के आधार पर टॉप कॉलेज एडमिशन देते हैं। कई कॉलेज ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर भी mba एमबीए में एडमिशन देते हैं। 

एमबीए में फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स, डिजीटल मार्केटिंग, इंटरनेशनल बिजनेस आदि कई विषयों में विशेषज्ञता के लिए शिक्षा दी जाती है।

5. सीए (CA)

सीए का फुलफॉर्म होता है – चार्टर्ड अकाउंटेंट। इस कोर्स में फाइनेंस, अकाउंटिंग, टैक्सेशन, ऑडिटिंग, लॉ, बिजनेस मैनेजमेंट के बारे में विशेषज्ञता प्रदान की जाती है। 

चार्टेड एकाउंटेंट द्वारा प्रदान किए जाने वाले इस कोर्स की न्यूनतम अर्हता 12वीं है। लेकिन बीकॉम के बाद भी ये कोर्स किया जा सकता है। सीए कोर्स तीन भागों में पढ़ाया जाता हैं : 

फाउंडेशन कोर्स : 4 माह

इंटरमीडिएट कोर्स : हर ग्रुप के लिए 8 माह (कुल 16 माह)

फाइनल कोर्स : हर ग्रुप के लिए 8 माह (कुल 16 माह) 

आर्टिकल शिप/प्रैक्टिकल ट्रेनिंग : 3 साल 

ये 4-5 साल का कोर्स होता है, लेकिन कोर्स का समय छात्र की परफार्मेंस पर निर्भर है। 

सीए करने के बाद ऑडिटर , टैक्स कंसल्टेंट, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट बैंकर, मैनेजमेंट एक्विट, चीफ फाइनेंस ऑफिसर आदि जॉब किया जा सकता है।

6. सीएफए (CFA)

सीएफए का फुलफॉर्म है – चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (Charted Financial Analyst)। ये कोर्स CFA Institute द्वारा संचालित किया जाता है। यह बिजनेस एनालिटिक्स, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, फाइनेंशल सर्विस आदि से संबंधित शिक्षा प्रदान करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का पाठ्यक्रम है। CFA Institute की वेबसाइट पर जाकर इसका आवेदन प्रक्रिया पाठ्यक्रम विवरण प्रावधान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

CFA Course के 3 लेवल होते हैं। पूरे कोर्स की न्यूनतम अवधि ढाई वर्ष है :

लेवल 1: 4-5 माह

लेवल 2 : 6-9 माह

लेवल 3 : 9-12 माह

सीएफए कोर्स के बाद कई क्षेत्र और इंडस्ट्रीज में कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है। आप इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, कॉर्पोरेट फाइनेंस, इक्विटी रिसर्च, रिस्क मैनेजमेंट, वेल्थ मैनेजमेंट जैसे कार्यों में अपना करियर बना सकते हैं। म्यूच्यूअल फंड कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी या बैंक में समय समय पर नियुक्तियां निकलती हैं, जिसमें आप जॉब हासिल कर सकते हैं।

7. सीपीए (CPA)

सीपीए का फुलफॉर्म है – सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (Certified Public Accountant) । Bcom करने के बाद इस कोर्स को किया जा सकता है। इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए CPA exam उत्तीर्ण करना आवश्यक हैं, जो 4 पार्ट में होता है और उसमें ऑडिटिंग, अटेस्टेशन, बिसिहेस एनवायरनमेंट एंड कांसेप्ट, फाइनेंशियल एक्वाउंटिंग एंड रिपोर्टिंग एंड रेगुलेशन आदि विषय शामिल होते हैं। CPA कोर्स के बाद लाइसेंस्ड सीपीए बनने के लिए वर्क एक्जोरिएंस की भी आवश्यकता होती है।

इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप पब्लिक अकाउंटिंग फॉर्म, प्राइवेट या पब्लिक कंपनी में कॉर्पोरेट एकाउंटिंग, सरकारी एजेंसी में गवर्नमेंट अकाउंटिंग, नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन में फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, बजटिंग, टैक्स ऑडिट, एडवाइजरी सर्विस आदि काम कर सकते हैं या खुद की एकाउंटिंग औरत कंसलटिंग फर्म शुरू कर सकते हैं। 

8. सीएमए (CMA)

सीएमए का फुलफॉर्म है – सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (Certified Management Accountant)। ये एक सर्टिफिकेशन कोर्स है, जो यूनाइटेड स्टेट्स के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एकाउंटेंट (IMA) द्वारा प्रदान किया जाता है। इस कोर्स द्वारा फाइनेंशियल प्लानिंग, कंट्रोल, डिसीजन सपोर्ट एंड प्रोफेशनल एथिक्स में विशेषज्ञता प्रदान की जाती है।

बीकॉम करने के बाद सीएमए कोर्स किया जा सकता है। इस कोर्स की अहर्ता ग्रेजुएशन डिग्री और न्यूनतम 2 वर्ष का मैनेजमेंट अकाउंटिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट में प्रोफेशनल एक्सपीरियंस है। अहर्ता पूरी करने के बाद 2 पार्ट में सीएमए एग्जाम पास करना पड़ता है। 

ये कोर्स करने के बाद अकाउंटिंग, फाइनेंस और मैनेजमेंट में कई कैरियर ऑप्शन खुल जाते हैं, जैसे फाइनेंशियल एनालिटिक्स, मैनेजमेंट एकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट, इंटरनल ऑडिटर, कॉरपोरेट कंट्रोलर, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, बिजनेस कंसल्टेंट आदि की जॉब की जा सकती है।

9. सीएफपी (CFP)

CFP का फुलफॉर्म है – सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (Certified Financial Planner) । इस कोर्स को बीकॉम के बाद किया जा सकता है। इसकी न्यूनतम अर्हता किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री या समकक्ष योग्यता है। इस कोर्स में फाइनेंशल प्लानिंग, इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, रिटायरमेंट प्लानिंग, टैक्स प्लानिंग, इंश्योरेंस प्लानिंग, रियल एस्टेट प्लानिंगआदि विषय कवर किए जाते हैं।

इस कोर्स को करने के बाद आप बैंक या किसी भी बड़ी कंपनी में फाइनेंसर के तौर पर कार्य कर सकते हैं।

10. सीआईबी (CIB)

सीआईबी का फुलफॉर्म है – सर्टिफिकेट इन इन्वेस्टमेंट बैंकिंग (Certificate In Investment Banking)। यह एक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है, जिसमें इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है। इस कोर्स में फाइनेंशियल एनालिसिस, वैल्युएशन, रिस्क मैनेजमेंट, डील स्ट्रक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी आदि विषय सम्मिलित रहते हैं।

यदि आप इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, कॉर्पोरेट फाइनेंस, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल के संबंधित कार्य करने में इच्छुक हैं, तो बीकॉम के बाद सीआईबी कोर्स कर सकते हैं।

11. एम. फिन (M.Fin)

एमफिन का फुलफॉर्म है – एमबीए इन फाइनेंस (MBA In Finance) । ये 2 वर्ष का कोर्स है, जिसमें फाइनेंशियल अकाउंटिंग, कॉरपोरेट फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मार्केट्स और फाइनेंशियल मॉडलिंग जैसे विषयों की शिक्षा दी जाती है। जो छात्र फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, कॉर्पोरेट फाइनेंस या संबंधित क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, वे ये कोर्स कर सकते हैं। 

12. बैट (Bat)

BAT का फुलफॉर्म है – Business Accounting and Taxation। इस कोर्स में फाइनेंशियल अकाउंटिंग, मैनेजेरियल अकाउंटिंग और टैक्सेशन के सिद्धातों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। जो छात्र अकाउंटिंग, फाइनेंस और टैक्सेशन में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए ये एक आधारभूत कोर्स है।

इस कोर्स में फाइनेंशियल स्टेटमेंट एनालिसिस, कॉस्ट अकाउंटिंग, बजटिंग, इंटरनल कंट्रोल, इनकम टैक्स लॉ, टैक्स प्लानिंग स्ट्रेटजी आदि विषय पढ़ाए जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप ऑडिटर, अकाउंटेंट, टैक्स प्रिपेटर, फाइनेंशियल एनालिस्ट आदि जॉब कर सकते हैं।

13. एफआरएम (FRM)

एफआरएम का फुलफॉर्म है – फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर (Financial Risk Manager)। यह एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है, जो ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ रिस्क प्रोफेशनल (GARP) द्वारा प्रदान किया जाता है। FRM कोर्स में फाइनेंशियल रिस्क मैनेजमेंट के सिद्धांतों की पूरी जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के दो पार्ट होते हैं, जिन्हें उत्तीर्ण करने के बाद ही FRM certificate प्राप्त होता हैं

इस कोर्स को करने के बाद बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, फाइनेंशल इंस्टीट्यूट में रिस्क मैनेजर, रिस्क एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट, कंसल्टेंट आदि की जॉब मिल सकती है।

14. सीएस ( CS)

सीएस का फुलफॉर्म है – कंपनी सेक्रेटरी (Company Secretory)। यह एक प्रोफेशनल कोर्स है, जो इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया के द्वारा ऑफर किया जाता है। कंपनी सेक्रेटरी कोर्स के 3 चरण होते हैं : 1) फाउंडेशन प्रोग्राम 2) एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम 3) प्रोफेशनल प्रोग्राम

इन तीनों चरणों को पूर्ण करने के बाद 15 माह की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग होती है। कोर्स और ट्रेनिंग पूरा करने he बाद कैंडिडेट को इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया में मेंबर के रूप में रजिस्टर करना होता है। उसके बाद वह सर्टिफाइड कंपनी सेक्रेटरी बनता है।

बीकॉम के बाद सीएस का कोर्स एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है। सीएस के फाउंडेशन कोर्स के लिए अहर्ता 12 वीं उत्तीर्ण है। एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिए ग्रेजुशन (फाइन आर्ट विषय छोड़कर) है। प्रोफेशनल प्रोग्राम के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

सीएस का कोर्स करने के बाद आपको किसी कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन में कंपनी सेक्रेटरी, लीगल एडवाइजर, कंप्लायंस ऑफिसर, कॉर्पोरेट ट्रेनर आदि जॉब आसानी से मिल जायेगी।

15. डिप्लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग

बीकॉम के बाद अब डिप्लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग कोर्स (Diploma In Digital Marketing)  भी कर सकते हैं। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य मार्केटिंग में डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिखाना है। इस कोर्स में सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन, ईमेल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग, डिजीटल एडवरटाइजिंग आदि सिखाया जाता हैं। इस कोर्स को करने के बाद डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर, सोशल मीडिया मैनेजर, ईमेल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, कंटेंट मार्केटिंग स्टेटजिस्ट और डिजीटल एडवर्टाइजमेंट प्रोफेशनल के रूप में काम किया जा सकता है और पब्लिक रिलेशन, एडवरटाइजिंग, ई कॉमर्स एंड टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाया जा सकता है।

आशा है आपको Best Course After B. Com In India In Hindi  के बारे में जानकारी अच्छी लगी होगी. B. Com Ke Baad Kaun Sa Course Karna Chahiye  की जानकारी पसंद आने पर आप इसे Like और Share भी करें. सामान्य ज्ञान व अन्य रोचक जानकारियां पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

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