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भारत की प्रथम समाचार वाचक कौन थी? | India’s First News Reader In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम आपको भारत/दूरदर्शन की पहली समाचार वाचिका (Doordarshan/India’s First News Reader In Hindi) के बारे में जानकारी दे रहे हैं. आजकल टीवी पर न्यूज़ चैनल की बाढ़ सी आ गई है और न्यूज़ रीडर की भी. एक से बढ़कर एक तेज-तर्रार न्यूज़ रीडर और न्यूज़ रिपोर्टर न्यूज़ चैनल पर दिनभर नज़र आते हैं. लेकिन कभी वो भी समय था, जब टीवी का नया-नया पदार्पण हुआ था. क्या आप जानते हैं कि जब टीवी पर सबसे पहली बार न्यूज़ का टेलीकास्ट हुआ था, तब न्यूज़ किसने पढ़ा था. यदि नहीं, तो हम आपको इस लेख में टीवी पर सबसे पहली बार न्यूज़ पढ़ने वाले के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं:

Doordarshan/India's First News Reader In Hindi

India’s First News Reader In Hindi

दूरदर्शन की पहली समाचार वाचक कौन थीं? (Who was Doordarshan First News Reader In Hindi)

भारत/दूरदर्शन की पहली समाचार वाचक प्रतिमा पुरी (Pratima Puri) थी. उनके द्वारा 15 अगस्त 1965 को पहली बार दूरदर्शन के लिए समाचार वाचन किया था.

प्रतिमा पुरी की जीवनी (Pratima Puri Biography In Hindi)

प्रतिमा पुरी का जन्म लाल पानी, शिमला, हिमाचल प्रदेश में एक गोरखा परिवार में हुआ था. जन्म के बाद उनका नाम ‘विद्या रावत’ रखा गया था. शिमला में रहकर अपनी पढ़ाई उपरांत उन्होंने अपना करियर शिमला के ‘ऑल इंडिया रेडियो’ (AIR) स्टेशन से प्रारंभ किया. यह करियर के तौर पर उनकी एक अच्छी शुरुवात थी. 15 सितम्बर 1959 छोटे से ट्रांसमीटर और एक मेकशिफ्ट स्टूडियो के साथ पहली बार ‘ऑल इंडिया रेडियो’ के तहत टेलीविज़न का एक्सपेरिमेंटल टेलीकास्ट शुरू हुआ. टेलीविज़न की शुरुवात के बाद प्रतिमा पुरी को न्यूज़ एनाउंसर के तौर पर चुन लिया गया और वे नई दिल्ली शिफ्ट हो गई.

15 अगस्त 1965 से दिल्ली के आकाशवाणी भवन के स्टूडियो सभागार से नियमित तौर पर दूरदर्शन का प्रसारण प्रारंभ हुआ. ‘दूरदर्शन’ पर  टेलीकास्ट पहला न्यूज बुलेटिन मात्र पाँच मिनट का था, जिसे प्रतिमा पुरी ने पढ़ा था और इस तरह वह भारत की पहली न्यूज़ रीडर बन गई थी.

वह टेलीविज़न सेवा का प्रारंभिक चरण था. उस समय बहुत कम लोगों के घरों में टेलीविज़न हुआ करते थे और बहुत कम लोग टेलीविज़न देखा करते थे. प्रतिमा पुरी का स्क्रीन टाइम भी बहुत कम हुआ करता था. फिर भी उसका सिंपल लुक, मधुर आवाज़, आकर्षक अंदाज़ और डिलीवरी ने ऑडियंस को बांध लिया था. वह अपने समय की एक आइकोनिक फिगर बन गई थी. उनसे प्रेरणा लेकर कई महिलायें इस क्षेत्र में आने लगी. प्रतिमा पूरी ने स्टेट स्पॉन्सर्ड ब्रॉडकास्टर के साथ अपने करियर में कई मशहूर हस्तियों का इंटरव्यू लिया, जिसमें अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति यूरी गगारिन का इंटरव्यू भी शामिल था.

ये वो दौर था, जब न्यूज़ रीडिंग के लिए युवाओं को नहीं, बल्कि परिपक्व लोगों को प्राथमिकता दी जाती थी. उस समय प्रतिमा पुरी और गौरव कौल दूरदर्शन के जाने-पहचाने चेहरे थे.

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गौरव कौल कभी न्यूज़ पढ़ना नहीं चहते थे. एक बार जब उन्हें न्यूज़ पढने के लिए कहा गया, तो अपने सिर मुड़ाकर आ गये. तब सलमा सुल्तान (Salma Sultan) का ऑडिशन लिया गया. यह वर्ष 1967 था. उन्हें न्यूज़ रीडर चुना गया. दूरदर्शन ज्वाइन करने बाद वे प्रतिमा पुरी के स्थान पर न्यूज़ पढ़ने लगी.

सलमा सुल्तान के आने के बाद भी प्रतिमा पुरी दूरदर्शन के लिए काम करती रहीं. उनका रोल बदल गया था. धीरे-धीरे दूरदर्शन का विस्तार हो रहा था. सन् 1975 आते तक दिल्ली के अलावा छः अन्य शहरों में भी टेलीविज़न सेवा प्रारंभ हो चुकी थी. हालांकि उस समय एकमात्र सर्विस प्रोवाइडर ‘दूरदर्शन’ था. दूरदर्शन के विस्तार के साथ ब्रॉडकास्टर ने अन्य न्यूज़ रीडर्स की आवश्यकता महसूस की. नये न्यूज़ एंकर दूरदर्शन ज्वाइन करने लगे और उनकी ट्रेनिंग की ज़िम्मेदारी प्रतिमा पुरी को दी गई.

प्रतिमा पुरी की मृत्य 29 जुलाई 2007 में हुई. आज भी वे कई जर्नलिस्ट्स के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

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