GK

भारत में पहला आधार कार्ड किसका और कब बना था? | First Aadhar Card Holder In India

क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे पहला आधार कार्ड किसका बना था? (Bharat Mein Sabse Pahla Aadhar Card Kiska Bana Tha). आज भारत में लगभग 99% व्यस्क जनसँख्या के पास आधार कार्ड है. इसे पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल में लाते हमें कई साल हो गए. फिर भी अधिकांश लोग इस बात से अनजान होंगे कि भारत में सबसे पहला आधार कार्ड किसका और कब बना था? इस लेख में हम इस प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं. आइये पहले जानते हैं कि आधार कार्ड वास्तव में है क्या. फिर इसके पहले धारक के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.

Bharat Mein Sabse Pahla Aadhar Card Kiska Bana Tha

Bharat Mein Sabse Pahla Aadhar Card Kiska Bana Tha

आधार कार्ड (Aadhar Card) क्या है?

आधार कार्ड (Aadhar Card) एक पहचान पत्र है, जो भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों और पासपोर्ट धारकों को जारी किया जाता है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भा.वि.प.प्रा.) द्वारा जारी 12 अंकों की विशिष्ट संख्या का यह कार्ड भारत के नागरिकों की पहचान और उनके पते का प्रमाण है. यह दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली है, जिसमें लोगों के बायोमेट्रिक और जन-सांख्यिकीय डेटा पर आधारित पहचान पत्र जारी किया जाता है.

जनवरी 2009 में भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भा.वि.प.प्रा.) के मातहत यह कार्य किया जाता है. जनवरी 2009 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के गठन उपरांत सितंबर 2010 से आधार कार्ड बनाने और वितरण का कार्य प्रारंभ किया गया था. अब तक भारत में कुल 128.48 करोड़ लोगों को आधार कार्ड वितरित किये जा चुके हैं (जून 2021 तक).

भारत में पहला आधार कार्ड किसका और कब बना था?

भारत का पहला आधार कार्ड 29 सितंबर 2010 को महाराष्ट्र की रहने वाली एक महिला ‘रंजना सोनावाने’ (Ranjana Sonawane) का बना था. उनक आधार कार्ड नंबर “782474317884” है.

रंजना सोनावाने एक दिहाड़ी मजदूर है, जो महाराष्ट्र के नंदुरबार (nandurbar) जिले में स्थित तम्भाली (tembhali) गाँव में निवास करती है. यह गाँव पुणे से लगभग 470 किलो मीटर दूर है.

जब आधार कार्ड योजना का आरंभ किया गया, उस समय भारत में यू.पी.ए. सरकार थी. UPA सरकार ने आधार कार्ड योजना का आरंभ करने महाराष्ट्र के नन्दुबार (nandurbar) जिले का तम्भाली गाँव इसलिए चुना, क्योंकि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी वर्ष 1998 में महाराष्ट्र के नन्दुबार (nandurbar) से एक बड़ी रैली के बाद राजनीति में पदार्पण किया था.

तम्भाली गाँव की ‘रंजना सोनावाने’ को भारत का पहला आधार कार्ड तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी द्वारा तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में दिया गया था. उस समय उनके गाँव की मीडिया में काफ़ी चर्चा हुई. नेतागण और पत्रकार गाँव में आये, गाँव के लोगों की आधार कार्ड वितरित किये गए, उनकी फोटो खींची गई, गाँव सुर्ख़ियों में आ गया. उसके बाद स्थिति जस की तस रही.

रंजना जो कि दिहाड़ी मजदूर है, ने सोचा था कि आधार कार्ड मिल जाने से उनको नौकरी मिल जायेगी. पर ऐसा कुछ हुआ नहीं, उन्हें बाद में समझ आया कि आधार कार्ड महज़ एक पहचान पत्र है. वो भारत की पहली आधार कार्ड धारक महिला अवश्य बन गईं, लेकिन न उनकी स्थिति में न उनके गाँव की स्थिति में कोई सुधार आया.

कुछ मीडिया और पत्रकार ने जब उनकी स्थिति पता करने का प्रयास किया, तो पता चला कि अब भी वो दिहाड़ी मजदूरी का काम करती हैं.  मजदूरी मिल गई, तो ठीक है, वरना खाली हाथ बैठना पड़ता है. उनके परिवार में पति और उनके तीन बच्चे हैं. उनके पति सदाशिव सोनावाने भी दिहाड़ी मजदूर है. जैसे-तैसे उनके घर का खर्चा चलता है.

FAQ (Frequently Asked Questions)

भारत का पहला आधार कार्ड कब बना था? 

29 सितंबर 2010

भारत का पहला आधार कार्ड किसका बना था?

भारत का सबसे पहला आधार कार्ड श्रीमती रंजना सोनावाने का बना था.

रंजना सोनावाने का आधार नंबर क्या है?

रंजना सोनावाने का आधार नंबर “782474317884” है.

रंजना सोनावाने किस गाँव की रहने वाली हैं?

रंजना सोनावाने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में स्थित तम्भाली गाँव की रहने वाली हैं.

Friends, आशा है आपको ‘Bharat Mein Sabse Pahla Aadhar Card Kiska Bana Tha‘ रुचिकर लगी होगी. ‘First Aadhar Card Holder In Hindi’ की जानकारी पसंद आने पर आप इसे Like कर ज़रूर करें. और अपने Friends को Share भी करें. सामान्य ज्ञान व अन्य रोचक जानकारियां पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

पढ़ें :

दुनिया का सबसे पहला डॉक्टर कौन था?

विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति कौन थी?

भारत में पहली रेलगाड़ी कब और कहाँ चली थी?

Leave a Comment