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वर्ष 1947 में डॉलर की कीमत क्या थी? | 1947 Mein Dollar Ki Keemat Kya Thi?

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1947 Mein Dollar Ki Keemat Kya Thi

डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय मुद्रा है। डॉलर दुनिया में सबसे व्यापक स्तर पर इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी हैं। अमेरिका के अलावा डॉलर कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जमैका, हैती, बहामास, बेलीज और न्यूजीलैंड जैसे देशों की भी करेंसी (currency) डॉलर है।

एक तरह से डॉलर एक बेंचमार्क करेंसी है, जिससे तुलना कर अन्य देशों की करेंसी के मूल्य का आंकलन किया जाता है। भारत की राष्ट्रीय मुद्रा रुपए की तुलना भी डॉलर से की जाकर उसकी कीमत निर्धारित की जाती है।

1947 Mein Dollar Ki Keemat Kya Thi

1947 से आरंभ हुई डॉलर से तुलना

भारत को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से रुपये की तुलना डॉलर से प्रारंभ की गई। उसके पूर्व चूंकि भारत ब्रिटिश राज के अधीन था। इसलिए रुपए के मूल्य/कीमत का आंकलन ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड से तुलना कर किया जाता था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद रुपए को भी डॉलर के मुकाबले आंका जाने लगा।

1947 में डॉलर की कीमत क्या थी?

वर्ष 1947 से भारत की करेंसी रुपया की तुलना डॉलर से की जाने लगी और डॉलर के मुकाबले उसका मूल्य निर्धारित किया जाने लगा। 1947 में 1 डॉलर की कीमत 4.16 रुपये थी।

1950 में डॉलर की कीमत क्या थी?

वर्ष 1950 में डॉलर की कीमत 4.76 रूपये थी। वर्ष 1966 तक एक डॉलर की कीमत 4.76 रुपये ही रही। लेकिन इसके बाद ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई, जिससे रूपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले गिरता गया।

1966 से 1974 तक डॉलर की कीमत क्या रही? 

1966 के बाद भारत की अर्थ व्यवस्था में लगातार गिरावट देखने को मिली। विदेशों से लिए गए कर्ज में बढ़ोत्तरी हुई, पड़ोसी देश चीन के साथ वर्ष 1962 में हुए युद्ध ने भी भारतीय अर्थ व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला, उसके उपरांत वर्ष 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध ने स्थिति और विकट कर दी। उस पर वर्ष 1966 में अकाल का सामना भी करना पड़ा। फलस्वरूप रुपए की कीमत में लगातार गिरावट होती चली गई और वर्ष 1967 में डॉलर की कीमत 7.50 रुपये तक पहुंच गई। 

उसके बाद भी रुपए के मूल्य में गिरावट होती गई। कच्चे तेल की सप्लाई के संकट के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों के कारण वर्ष 1974 में डॉलर की कीमत 8.10 रुपये तक पहुंच गई।

1990 के बाद के वर्षों में डॉलर की कीमत क्या रही?

इसके बाद भी अगले एक दशक तक डॉलर के मूल्य में गिरावट जारी रही। देश राजनीतिक संकट से जूझता रहा, विदेशी कर्ज में बढ़ोत्तरी हुई और भारत की अर्थ व्यवस्था डांवाडोल रही। इस कारण वर्ष 1990 में डॉलर की कीमत 17.50 रुपये तक जा पहुंची। ये वह वक्त था, जब भारत का वित्तीय घाटा 7.8 फीसदी तक पहुंच गया था। भारत के राजस्व का 39% विदेशी कर्ज के भुगतान में जा रहा था। स्थिति तो ऐसी आ पड़ी थी कि भारत दिवालियेपन के स्थिति में पहुंच गया था।

वर्ष 1991 से आर्थिक सुधार प्रारंभ हुए। उसके बाद भी 1992 में रुपए के मूल्य में गिरावट रही और उसकी कीमत डॉलर के मुकाबले 25.92 रही।

2004 में डॉलर की कीमत क्या थी?

वह 2004 में यूपीए सरकार के समय डॉलर की कीमत 45.32 रुपये थी। 

2014 में डॉलर की कीमत क्या थी?

2014 में बीजेपी के सरकार बनाने के बाद डॉलर की कीमत 63 रुपये थी। रुपए के मूल्य में गिरावट का सिलसिला थमा नहीं। वर्ष 2021 में डॉलर की कीमत 4.57 रुपये थी।

2022 में डॉलर की कीमत क्या थी?

2022 के बाद से रुपया डॉलर के मुकाबले और कमज़ोर होता गया। 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और महंगाई पर नियंत्रण के लिए सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व, अमरीका ने ब्याज दरें बढ़ा दीं। विदेशी इन्वेस्टरों ने अपने हाथ खींचे। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 640 अरब डॉलर से 530 अरब डॉलर पर आ गया। 2022 में डॉलर की कीमत 83 रुपए पर आ गई।

वर्तमान में डॉलर की कीमत क्या है?

वर्तमान में डॉलर की कीमत 82.26 रुपये है।

डॉलर के बारे में रोचक तथ्य 

ऐसे देश जिनकी खुद की करेंसी नहीं है

ऐसे देश जहां जाने के लिए भारतीयों को वीजा नहीं लगता

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