आचरण गोस्वामी तुलसीदास प्रेरक प्रसंग | Acharan Tulsidas Prerak Prasang

फ्रेंड्स, हम इस पोस्ट में आचरण महाकवि संत तुलसीदास का प्रेरक प्रसंग (Acharan Tulsidas Prerak Prasang) शेयर कर रहे हैं। Tulsidas Story In Hindi मनुष्य को भला आचरण करने की सीख देती है।

Acharan Tulsidas Prerak Prasang

Acharan Tulsidas Prerak Prasang
Acharan Tulsidas Ka Prerak Prasang

 

एक बार महाकवि संत तुलसी दास ने बिच्छू को नदी के पानी में डूबते हुए देखा। उन्होंने उसे बचाने के लिए हाथ बढ़ाया। बिच्छू ने उन्हें डंक मार दिया। 

तुलसीदास बार बार उसे बचाने का प्रयत्न करते रहे। बिच्छू बार बार उन्हें डंक मारता रहा। अंततः तुलसीदास ने उसे पानी से बाहर निकालकर उसके प्राण बचा ही लिये।

ये सारा दृश्य देख रहे उनके मित्र ने पूछा, “सखा! बिच्छू तुम्हें बार बार डंक मारता रहा, किंतु फिर भी तुमने उसे क्यों बचाया?”

तुलसीदास बोले –

उमा संत कइ इहइ बड़ाई। मंद करत जो करइ भलाई॥

अर्थात संत बुरा करने वाले का भी भला करते हैं।

बिच्छू का धर्म है डंक मारना और संत का धर्म है भला करना। मैंने अपना धर्म निभाया।

सीख (Tulsidas Prerak Prasang Moral)

मनुष्य को अपना धर्म दूसरों की प्रतिक्रिया पर आधारित नहीं करना चाहिए।

आशा है, आपको Acharan Tulsidas Prerak Prasang पसंद आई होगी.  आप Goswami Tulsidas Prerak Prasang In Hindi  को like करें और अपने मित्रों को share करें। ऐसी ही अन्य  Prerak Prasang In Hindi के लिए कृपया हमें subscribe करना ना भूलें।

Note: इस वेबसाइट में लिखे समस्त आर्टिकल्स का copyright वेबसाइट admin के पास है। कृपया बिना अनुमति किसी भी डिजिटल या प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल न करें। अन्यथा कार्यवाही की जावेगी, जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

ये कहानियां भी पढ़ें : 

अच्छे बुरे पर गुरू नानक देव का प्रेरक प्रसंग 

परमात्मा पर संत कबीर दास का प्रेरक प्रसंग 

मां का कर्ज़ मां बेटे की कहानी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top