परमात्मा पर कबीर दास का प्रेरक प्रसंग | Kabir Das Prerak Prasang On God In Hindi 

इस पोस्ट में हम परमात्मा पर संत कबीर दास का प्रेरक प्रसंग (Kabir Das Prerak Prasang On God In Hindi) शेयर कर रहे हैं। Parmatma Par Kabir Das Ka Prerak Prasang हमें जीवन देने वाले परमात्मा को स्मरण करने के बारे में है।

Kabir Das Prerak Prasang On God 

Kabir Das Prerak Prasang On God In Hindi 

संत कबीर दास हरि भजन करते हुए जा रहे थे। उनके सामने कुछ स्त्रियां चल रही थीं। उन स्त्रियों में एक स्त्री का अभी अभी विवाह तय हुआ था और शगुन में उसके ससुराल से उसे एक नथ भेजी गई थी।

वह बार बार उस नथ के बारे में ही बातें किए जा रही थी। उनकी बातें सुनकर संत कबीर दास बोले –

नथनी दीनी यार ने, तो चिंतन बारम्बार।

नाक दिनी करतार ने, उनको दिया बिसार।।

अर्थात प्रिय ने नथ दी है, तो उसके बारे में बार बार सोचा जा रहा है। लेकिन जिस परमात्मा ने नाक दी है, उसे स्मरण करने का समय ही नहीं है। सोचो नाक ही न होती, तो नथ कहां पहनी जाती।

सीख (Kabir Prerak Prasang Moral)

जिस परमात्मा ने हमें जीवन दिया है। जीवन से संबंधित समस्त वस्तुएं दी है। उसे सदा स्मरण करते रहना चाहिए। वो है, तो सर्वस्व है।

Parmatma Par Kabir Das Ka Prerak Prasang Video Audio 

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