भक्ति गोस्वामी तुलसीदास का प्रेरक प्रसंग| Bhakti Tulsidas Prerak Prasang

इस पोस्ट में हम भक्ति गोस्वामी तुलसीदास का प्रेरक प्रसंग (Bhakti Tulsidas Prerak Prasang In Hindi) शेयर कर रहे हैं। ये प्रेरक प्रसंग भक्ति के महत्व और आवश्यकता का वर्णन करता है।

Bhakti Tulsidas Prerak Prasang 

Bhakti Tulsidas Prerak Prasang
Bhakti Tulsidas Prerak Prasang In Hindi

एक दिन गोस्वामी तुलसीदास का भक्त, उनके पास आया और बोला, “गुरूजी! मैं प्रतिदिन ईश्वर की भक्ति करता हूं। प्रतिदिन मंत्र का जाप करता हूं। कई मन न होने पर भी मैं मंत्र का जाप करता हूं। क्या इस प्रकार की भक्ति से कोई फल प्राप्त होगा?”

तुलसीदास बोले –

तुलसी मेरे राम को, रीझ भजो या खीज। 

भौम पड़ा जामे सभी, उल्टा सीधा बीज॥

अर्थात्

भूमि में बीज बोते समय ये नहीं देखा जाता कि वे सीधे पड़े हैं या उल्टे। उल्टे पड़े बीज भी अंकुरित होते हैं। उनसे भी फ़सल तैयार होती है। इसी प्रकार भक्ति किसी भी तरह करो, फल अवश्य प्राप्त होता है।

सीख

रोज़ मंत्र का जाप कर ईश्वर की भक्ति करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। मन शांत होता है। मन में छाई नकारात्मकता दूर होती है। इसलिए रोज़ ईश्वर की भक्ति अवश्य करनी चाहिए।

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