तोता और मैना की कहानी | Tota Aur Maina Ki Kahani

तोता और मैना की कहानी (Tota Aur Mayna Ki Kahani) Parrot And Mayna Story In Hindi इस पोस्ट में शेयर की जा रही है।

Tota Aur Maina Ki Kahani

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Tota Aur Maina Ki Kahani

बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में दो प्यारे पक्षी तोता और मैना रहते थे। ये दोनों पक्षी बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे का साथ निभाते थे। तोता हरे रंग का था, जिसकी चोंच लाल थी और पंख सुंदर हरे और नीले रंग के थे। दूसरी ओर, मैना का रंग गहरा भूरा था, और उसकी आँखें चमकदार काली थीं।

तोता और मैना सुबह-सुबह सूरज उगते ही अपने घोंसलों से बाहर निकलते और खाने की तलाश में पूरे जंगल में उड़ते थे। वे दोनों मिलकर फलों और बीजों को ढूंढते और मजे से खाते थे। दिन के समय वे अक्सर पेड़ की ऊंची डाल पर बैठकर बातें किया करते थे।

एक दिन तोता और मैना ने सोचा कि क्यों न जंगल के दूसरे हिस्सों को भी देखा जाए। वे दोनों उड़ते-उड़ते जंगल के एक नए हिस्से में पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि पेड़ों पर बड़े-बड़े और रसीले फल लगे हुए थे। तोता और मैना ने उन फलों को खाने का निर्णय लिया और खुशी-खुशी उन फलों का आनंद लिया।

जब वे वापस अपने घोंसलों की ओर लौट रहे थे, तो अचानक एक शिकारी ने उन्हें देख लिया। शिकारी ने अपने जाल को बिछाकर तोता और मैना को पकड़ने की कोशिश की। तोता और मैना को जैसे ही शिकारी का जाल दिखाई दिया, वे तुरंत उड़ने लगे। मगर शिकारी बहुत चालाक था। उसने अपने जाल को इस तरह फेंका कि तोता और मैना उसमें फंस गये।

शिकारी खुश होकर बोला, “आज तो मेरा दिन बन गया। अब मैं इन सुंदर पक्षियों को बेचकर बहुत पैसे कमाऊंगा।” उसने जाल को उठाया और खुशी-खुशी अपने गांव की ओर चल पड़ा।

तोता और मैना जाल में फंसे हुए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। तोता ने कहा, “मैना, हमें मिलकर इस जाल से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए। हमें एक-दूसरे की मदद करनी होगी।” मैना ने सहमति में सिर हिलाया और वे दोनों मिलकर जाल को काटने की कोशिश करने लगे।

तोता ने अपनी तेज चोंच से जाल को काटना शुरू किया और मैना ने अपने पैरों से जाल को खींचना शुरू किया। थोड़ी ही देर में, वे दोनों जाल से बाहर निकलने में सफल हो गये। वे तुरंत उड़कर पेड़ की एक ऊंची शाखा पर बैठ गए और राहत की सांस ली।

शिकारी ने जब देखा कि उसका जाल खाली है, तो वह बहुत नाराज हुआ। उसने कहा, “ये पक्षी बहुत चालाक हैं, लेकिन मैं उन्हें फिर से पकड़ूंगा।” शिकारी ने अपने जाल को उठाया और जंगल में चला गया।

तोता और मैना ने शिकारी के जाने के बाद एक-दूसरे की ओर देखा और हंसने लगे। तोता ने कहा, “मैना, आज हम एक बड़ी मुसीबत से बच गए। हमें हमेशा एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।” 

मैना ने मुस्कुराते हुए कहा, “सच में तोता, जब हम मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी मुश्किल हमें हरा नहीं सकती।”

इसके बाद तोता और मैना ने यह फैसला किया कि वे अब से हमेशा सावधान रहेंगे और एक-दूसरे की मदद करेंगे। वे दोनों वापस अपने घोंसलों की ओर लौट आए और खुशहाल जीवन जीने लगे। जंगल के अन्य पक्षियों ने भी उनकी दोस्ती और साहस की कहानी सुनी और उनसे प्रेरणा ली।

कहानी का शिक्षा

तोता और मैना की कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किल समय में हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और दोस्तों के साथ मिलकर हर मुश्किल का सामना करना चाहिए। जब हम एकजुट रहते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो कोई भी मुसीबत हमें हरा नहीं सकती। 

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