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हाथी, भालू और मगरमच्छ की कहानी | Elephant, Bear And Crocodile Story In Hindi

हाथी, भालू और मगरमच्छ की कहानी, Elephant Bear And Crocodile Story In Hindi, Hathi Bhalu Aur Magarmach Ki Kahani 

Elephant Bear And Crocodile Story In Hindi

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Elephant Bear And Crocodile Story In Hindi

एक जंगल में हाथी रहता था, जो अपने दयालु स्वभाव के लिए जाना जाता था। वह हमेशा सबकी मदद करने के लिए तत्पर रहता था। उसके इस गुण के कारण जंगल के सभी जानवर उससे बहुत प्यार करते थे।

एक दिन हाथी नदी किनारे गया। वहां उसे एक मगरमच्छ पत्थर के नीचे दबा दिखाई पड़ा। वह दर्द से छटपटा रहा था।

हाथी ने उससे पूछा, “क्या हुआ मगरमच्छ भाई, तुम इस पत्थर के नीचे कैसे दब गए?”

मगरमच्छ दर्द से कराहते हुए बोला, “हाथी दादा, मैं खाना खाकर नदी किनारे आराम कर रहा था। तभी एक बड़ा पत्थर टूट कर मेरे ऊपर गिर गया और मैं इसके नीचे दब गया। मैं दर्द से मरा जा रहा हूं। मेरी मदद करो और इस पत्थर को हटा दो। मैं जिंदगी भर तुम्हारा आभारी रहूंगा।”

हाथी ने दयावश मगरमच्छ की मदद करने का फैसला किया। मगर उससे अंदाजा था कि मगरमच्छ उस पर हमला भी कर सकता है। इसलिए उसने मगरमच्छ से कहा, “मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं मगरमच्छ भाई। लेकिन मुझसे वादा करो कि तुम मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाओगे।”

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मगरमच्छ ने हाथी से वादा किया कि वह उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। मगरमच्छ के वादे से संतुष्ट होकर हाथी इसके पास गया और उसके ऊपर से पत्थर हटा दिया। पत्थर हटने के बाद मगरमच्छ ने वादे से पलटते हुए हाथी पर हमला कर दिया और अपने जबड़े से उसका पैर पकड़ लिया।

हाथी चीखने लगा, “तुमने मुझसे वादा किया था मगरमच्छ भाई और अब तुम धोखा कर रहे हो।”

“कैसा वादा? मुझे कोई वादा याद नहीं!” कहकर मगरमच्छ की और जोर से हाथी का पैर जकड़ लिया। हाथी तेज आवाज में चिंघाड़ने लगा।

पास ही से एक भालू गुजर रहा था। हाथी की चीख सुनकर नदी के पास पहुंचा। वहां का सारा माजरा देखकर उसने पूछा, “हाथी दादा क्यों चीख रहे हो?”

हाथी ने उसे सारी घटना सुना दी और मदद की गुहार लगाई। सारी बात सुनकर भालू बोला, “ऐसा हो ही नहीं सकता कि मगरमच्छ पत्थर के नीचे दब गया हो और जिंदा हो।”

मगरमच्छ ने कहा, “ऐसा हुआ था।”

“मैं नहीं मानता।” भालू ने कहा।

“मानो मेरी बात कि ऐसा ही था।” मगरमच्छ फिर से बोला।

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तब भालू ने कहा, “मैं अपनी आंखों से देख लूंगा, तभी मानूंगा। क्या हुआ था, जरा मुझे वो नज़ारा तो दिखाना।”

तब मगरमच्छ ने हाथी से कहा, “ये भालू ऐसे नहीं मानेगा। ऐसा करो, तुम वो पत्थर मेरे ऊपर रख दो और फिर उसे हटा कर दिखाओ।” 

मगरमच्छ हाथी का पैर छोड़कर नदी के किनारे जाकर बैठ गया। हाथी ने अपने सूंड से बड़ा सा पत्थर उठाया और मगरमच्छ के ऊपर रख दिया।

तब मगरमच्छ भालू से बोला, “यह देख रहे हो। इसी तरह मैं इस पत्थर के नीचे दबा हुआ था और हाथी ने पत्थर हटाकर मुझे बचाया।”

“हाथी ने तुम्हारी मदद की थी और तुमने उस पर ही हमला कर दिया था। तुम इसी लायक हो कि इस पत्थर के नीचे ही दबे रहो।”

भालू ने हाथी को इशारा किया और वे दोनों वहां से चले गए। मगरमच्छ पत्थर के नीचे की दबा रह गया। अपनी करनी का फल उसे मिल चुका था।

सीख (Moral Of Elephant And Bear Story In Hindi)

1. जो आपकी सहायता करें, उसके प्रति सदा कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए।

2. कभी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए।

3. मुसीबत के समय बुद्धि से काम लेना चाहिए।

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