शेर और मछली की कहानी | Sher Aur Machhali Ki Kahani 

शेर और मछली की कहानी (Sher Aur Machhali Ki Kahani) इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। The Lion And The Fish Story In Hindi एक अहंकारी शेर की कहानी है, जो एक छोटी सी मछली से प्रतियोगिता करता है। कई जीतता है, जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी:

Sher Aur Machhali Ki Kahani

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Sher Aur Machhali Ki Kahani

एक समय की बात है। एक घने जंगल में एक शेर रहता था। वह अपनी ताकत और शौर्य के लिए मशहूर था और उसे अपनी शक्ति पर बहुत घमंड था। जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे और उसके सामने उसकी प्रशंसा किया करते थे, जिससे शेर को लगता था कि वह सबसे ताकतवर है और उसे कोई भी हरा नहीं सकता।

एक दिन शेर जंगल की सीमा पर बहने वाली एक सुंदर नदी के किनारे पहुंचा। उसने सुना था कि नदी में मछलियाँ रहती हैं, जो बहुत चालाक होती हैं। शेर ने सोचा कि वह उन मछलियों को भी अपनी ताकत दिखाएगा और उन्हें हराएगा।

नदी के किनारे पहुँचकर शेर ने गरजते हुए कहा, “अरे मछलियों! मैं जंगल का राजा शेर हूँ। मेरी ताकत के सामने कोई टिक नहीं सकता।”

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नदी की गहराई से एक छोटी, परंतु चतुर मछली ने शेर की चुनौती सुनी। वह सतह पर आई और बोली, “हमें आपकी ताकत का अंदाजा है, लेकिन हर स्थान पर और हर परिस्थिति में हर कोई ताकतवर नहीं हो सकता।”

शेर ने हँसते हुए कहा, “तुम छोटी मछलियाँ क्या जानो ताकत का मतलब। मैं इस ब्रह्माण्ड में कहीं भी जाऊं वहां ताकतवर ही रहूंगा। आओ, हम एक प्रतियोगिता करें। देखते हैं कौन जीतता है। तुम समझ जाओगी कि मैं कितना ताकतवर हूं।”

छोटी मछली ने एक पल सोचा और फिर मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है शेर सिंह! चलिए एक रेस करते हैं। नदी के उस पार एक बड़ा पत्थर है। जो भी उसे पहले छूकर वापस यहाँ आएगा, वही विजेता होगा।”

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शेर ने आत्मविश्वास से भरी आवाज में कहा, “मैं तैयार हूँ।”

रेस शुरू करने के लिए दोनों ने तैयारियां कीं। मछलियाँ इस प्रतियोगिता को देखने के लिए किनारे पर जमा हो गईं, जबकि जंगल के जानवर भी इस अद्भुत मुकाबले को देखने के लिए वहाँ पहुँचे।

छोटी मछली ने कहा, “तीन…दो…एक…शुरू!”

जैसे ही छोटी मछली ने शुरुआत की घोषणा की, शेर ने नदी में छलांग लगाई। पानी में उसका शरीर भारी हो गया और उसकी चाल धीमी हो गई। वह तैरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसे महसूस हो रहा था कि यह उसके लिए बहुत मुश्किल है।

उधर छोटी मछली तीव्र गति से तैरते हुए आगे बढ़ रही थी। उसके लिए यह उसका घर था। वह आसानी से पत्थर के पास पहुँच गई। शेर ने जब तक पत्थर के पास पहुँचने की कोशिश की, तब तक छोटी मछली पत्थर को छूकर वापस भी लौट रही थी।

शेर ने देखा कि छोटी मछली तेजी से वापस आ रही है। उसने अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन उसके शरीर ने उसका साथ नहीं दिया। छोटी मछली नदी के किनारे पहुँचकर चिल्लाई, “मैं जीत गई!”

शेर थका हुआ और हारा हुआ महसूस कर रहा था। उसने नदी के किनारे पर आकर गहरी साँसें लीं। 

छोटी मछली ने शेर के पास आकर कहा, “शेर सिंह! ताकत हर जगह काम नहीं आती। हमें अपनी कमजोरियों को समझकर ही जीत हासिल कर सकते हैं।”

शेर ने सिर झुकाते हुए कहा, “तुमने मुझे एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया है। मैं अपने घमंड में अंधा हो गया था। आज मुझे समझ आ गया कि हर स्थान और परिस्थिति में अलग-अलग कौशल की जरूरत होती है।”

छोटी मछली ने मुस्कुराते हुए कहा, “शेर सिंह! सच्ची ताकत वही है, जो हमें हमारी कमजोरियों को स्वीकार करने और उन्हें दूर करने में मदद करे।”

शेर ने छोटी मछली से वादा किया कि वह अब से हमेशा विनम्र रहेगा और दूसरों के कौशल और गुणों का सम्मान करेगा। 

सीख (Lion And Fish Story In Hindi Moral)

ताकत और घमंड से ज्यादा महत्वपूर्ण है समझदारी, विनम्रता, और अनुकूलन। 

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