कछुआ और खरगोश की कहानी | Kachua Aur Khargosh Ki Kahani

कछुआ और खरगोश की कहानी | Kachua Aur Khargosh Ki Kahani | The Tortoise And The Hare Story In Hindi इस पोस्ट में शेयर की जा रही है।

Kachua Aur Khargosh Ki Kahani

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Kachua Aur Khargosh Ki Kahani

एक घने जंगल में, जहाँ ऊँचे-ऊँचे वृक्ष और हरी-भरी वनस्पतियाँ थीं, तेज दौड़ने वाला खरगोश और धीमी गति से चलने वाला कछुआ रहते थे। खरगोश अपनी तेज दौड़ पर बहुत घमंड करता था और हमेशा दूसरों को नीचा दिखाता था।

एक दिन, जंगल के सभी जानवर जमा हुए और दौड़ प्रतियोगिता आयोजित करने का फैसला किया। यह प्रतियोगिता पूरे जंगल में प्रसिद्ध हो गई और सभी जानवर इस रोमांचक घटना को देखने के लिए उत्सुक थे।

दौड़ शुरू होने से पहले, खरगोश ने घमंड से कहा, “मुझे कोई चिंता नहीं है। मैं इस दौड़ को आसानी से जीत लूंगा।”

कछुआ शांत रहा और बोला, “मैं धीमा हूँ, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा। मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा।”

दौड़ शुरू हुई और खरगोश, अपनी तेज गति का उपयोग करते हुए, तुरंत आगे निकल गया। उसने कछुए को पीछे बहुत दूर छोड़ दिया। खरगोश को इतना यकीन था कि वह जीतेगा कि वह रास्ते में एक बड़े पेड़ के नीचे आराम करने के लिए रुक गया।

उसने सोचा, “कछुआ इतना धीमा है कि वह कभी भी मुझसे आगे नहीं बढ़ पाएगा। मैं थोड़ी देर आराम कर सकता हूँ और फिर धीरे-धीरे दौड़ पूरी कर सकता हूँ।”

कछुआ धीरे-धीरे लेकिन लगातार आगे बढ़ रहा था। वह कभी नहीं रुका और दृढ़ संकल्प के साथ दौड़ता रहा।

जब खरगोश सोकर उठा तो उसे पता चला कि सूरज ढल रहा है और दौड़ लगभग खत्म होने वाली है। वह घबरा गया और तेज़ी से दौड़ने लगा।

लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। कछुआ पहले ही फिनिश लाइन पार कर चुका था और दर्शकों की तालियां बजा रहा था।

खरगोश को बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और उसने अपनी गलती सीखी। उसने महसूस किया कि घमंड और आत्मविश्वास अत्यधिक होने पर हानिकारक हो सकते हैं।

उसने कछुए से माफी मांगी और उससे सीखने का फैसला किया।

इस घटना के बाद, खरगोश ने अपना घमंड छोड़ दिया और विनम्र बन गया। उसने दूसरों का सम्मान करना सीखा और हमेशा अपनी पूरी कोशिश करने का प्रयास किया।

कछुआ भी दयालु था और उसने खरगोश को सच्चा मित्र बनने में मदद की।

सीख

  • घमंड हमें हरा सकता है।
  • हमें कभी भी दूसरों को नीचा नहीं दिखाना चाहिए।
  • धीरे-धीरे और लगातार प्रयास से हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  • हमें दूसरों से सीखना चाहिए और हमेशा अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए।
  • सच्चा विजेता वह होता है जो हार नहीं मानता और अंत तक कोशिश करता रहता है।
  • सच्ची दोस्ती हमें गलतियों से सीखने और बेहतर इंसान बनने में मदद करती है।

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि

  • हर व्यक्ति में अपनी-अपनी प्रतिभा और क्षमता होती है। हमें अपनी कमजोरियों पर ध्यान देने के बजाय अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
  • सच्ची सफलता तभी मिलती है जब हम मेहनत, लगन और विनम्रता के साथ काम करते हैं।

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