फ्रेंड्स, इस लेख में हम आपको जानकारी दे रहे हैं कि विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति के बारे में (Vishwa Ki Pratham Mahila Rashtrapti Kaun Thi). महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, फिर चाहे वो राजनीति का क्षेत्र ही क्यों ना हो? इस लेख में आप जानेंगे ऐसी महिला के बारे में जिसने नाईट क्लब में डांसर से लेकर विश्व की पहली राष्ट्रपति बनने तक का सफ़र तय किया.
Vishwa Ki Pratham Mahila Rashtrapti Kaun Thi?
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विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति (World’s First Women President) अर्जेन्टीना की मारिया एस्टेला मार्टिनेज़ कार्ट्स डे पेरोन (Maria Estela Martinez Cartas de Peron) थीं, जिन्हें इसाबेल मार्टिनेज़ दी पेरोन (Isabel Martinez de Peron) और इसाबेल पेरोन (Isabel Peron) के नाम से जाना जाता है.
Maria Isabel Peron Short Biography In Hindi
Name | Maria Estela Martinez Cartas de Peron |
Born | 4 February 1931 |
Place of Birth | La Rioja, Argentina |
Nationality | Spanish |
Known For | World’s First Women President |
मारिया इसाबेल पेरोन (Maria Isabel Peron) अर्जेन्टीना की महिला राजनेता थीं, जो 1974 से 1976 तक अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति के पद पर पदासीन रहीं. वे विश्व की पहली महिला थीं, जो किसी देश की राष्ट्रपति बनी थीं.
मारिया इसाबेल पेरोन अर्जेन्टीना के पूर्व राष्ट्रपति जुआन पेरोन (Juan Peron) की पत्नी थीं, जिनके कार्यकाल में उन्होंने अर्जेन्टीना की उपराष्ट्रपति (Vice President) और प्रथम महिला (First Lady) दोनों ही ज़िम्मेदारी संभाली. जुआन पेरोन की मृत्यु उपरांत 1 जुलाई 1974 को मारिया इसाबेल पेरोन ने अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति का पदभार संभाला और 24 मार्च 1976 तक इस पद पर रहीं, जब तक उन्हें मिलिट्री द्वारा सत्ता से हटा कर 5 वर्षों के लिए घर में नज़रबंद नहीं कर दिया. सन् 1981 में उन्हें देश से निष्काषित कर दिया गया और वे स्पेन जाकर रहने लगी.
मारिया इसाबेल पेरोन का जन्म और प्रारंभिक जीवन
मारिया इसाबेल पेरोन का जन्म 4 फ़रवरी 1931 को अर्जेन्टीना के ला रिओजा शहर (La Rioja) शहर में एक निम्न-माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. जन्म उपरांत उनका नाम मारिया एस्टेला मार्टिनेज़ कार्ट्स (Maria Estela Martinez Cartas) रखा गया. उनके पिता (Carmela Martinez) और माता (Maria Josefa Cartas Olguin) थीं. कक्षा पाँच तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया. सन् 1950 के प्रारंभ में वे एक नाईट क्लब में डांसर बन गई और एक संत के नाम पर अपना नाम इसाबेल (Isabel) रख लिया.
जुआन पेरोन से मुलाकात और विवाह
जुआन पेरोन से मारिया इसाबेल की मुलाकात सन् 1956 में हुई. सन् 1955 में जुआन पेरोन को सत्ता हथियाने के प्रयास के कारण अर्जेन्टीना से निष्कासित कर दिया था और वे पनामा में रह रहे थे. उम्र में वे मारिया इसाबेल से 35 वर्ष बड़े थे. उनकी दूसरी पत्नी ईवा पेरोन (Eva Peron) की सन् 1952 में मृत्यु हो गई थी.
सन् 1960 से जुआन पेरोन और मारिया इसाबेल स्पेन के मेड्रिड शहर में बिना विवाह के एक साथ रहने लगे. लेकिन, जब लोगों द्वारा उनके संबंधों पर उंगली उठाई जानी लगी, तब मजबूरन जुआन पेरोन को मारिया इसाबेल पेरोन से विवाह करना पड़ा. 15 नवंबर 1961 को विवाह के बाद मारिया इसाबेल जुआन पेरोन की तीसरी पत्नी बन गई.
विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सफ़र
जुआन पेरोन को अर्जेन्टीना लौटने की मनाही थी, इसलिए मारिया इसाबेल पेरोन उनके स्थान पर अर्जेन्टीना जाने लगी और वहाँ का काम देखने लगी.
सन् 1973 में जब अर्जेन्टीना में राष्ट्रपति चुनाव हुए, तो जुआन पेरोन ने डॉ. हेक्टर कोम्पोरा (Hector Compora) को अपनी पार्टी का टिकट दिलवाया और वे चुनाव जीतकर अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति बन गए. लेकिन, सत्ता की वास्तविक शक्ति जुआन पेरोन के हाथों में थी. अगले वर्ष वे अर्जेन्टीना लौट आए. डॉ. हेक्टर कोम्पोरा ने त्यागपत्र दे दिया और जुआन पेरोन अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति बन गए. मारिया इसाबेल पेरोन को उन्होंने उपराष्ट्रपति बना दिया.
18 जून 1974 को जुआन पेरोन को कई हार्ट अटैक आये और 1 जुलाई 1974 को उनकी मृत्यु हो गई. पति की मृत्यु के उपरांत मारिया इसाबेल पेरोन अर्जेन्टीना की राष्ट्रपति बनी. यह पहला अवसर था, जब कोई महिला किसी देश की राष्ट्रपति बनी हो.
मारिया इसाबेल पेरोन का कार्यकाल, त्यागपत्र और निष्कासन
मारिया इसाबेल पेरोन के शासनकाल में अर्जेन्टीना में मंहगाई, श्रमिक असंतोष और राजनीतिक हिंसा की स्थिति रही, विदेशों से लिए कर्ज के भार में लगातार वृद्धि होती गई. मारिया इसाबेल पेरोन इन समस्याओं के निराकरण में असफ़ल सिद्ध हुई. यहाँ तक कि देश अराजकता की स्थिति उत्पन्न होने के कगार पर पहुँच गया. जब मिलिट्री ऑफिसर्स ने उन पर त्यागपत्र देने के लिए ज़ोर डाला, तो उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया. 1976 आते आते-आते देश की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति बद से बदतर हो गई.
24 मार्च 1976 को एयर फ़ोर्स ऑफिसर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर उनके ही घर में नज़रबंद कर दिया. सन् 1981 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का दोषी करार देकर सजा दे दी गई. सन् 1982 में वे पैरोल पर बाहर आई और उसके बाद स्पेन चली गई. सन् 1983 में उन्होंने अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
सन् 2007 में अर्जेन्टीना के न्यायाधीश द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाकर उनके ख़िलाफ़ अरेस्ट वारंट निकाला गया. लेकिन तब मारिया इसाबेल पेरोन स्पेन की नागरिकता प्राप्त कर चुकी थी. उन्हें मेड्रिड में कुछ समय के लिए गिरफ्तार कर लिया गया. अर्जेन्टीना ने स्पेन से उनके प्रत्यर्पण किये जाने का निवेदन किया, लेकिन स्पेन नेशनल कोर्ट ने यह निवेदन को यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि उनके द्वारा मानवता के विरुद्ध कोई अपराध नहीं किया गया है और इस प्रकरण में कानूनी समयसीमा 20 वर्ष पूर्व समाप्त हो चुकी है.
वर्तमान में मारिया इसाबेल पेरोन 90 वर्ष की हो चुकी है और स्पेन में अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं.
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