थंबेलिना की कहानी (Thumbelina Story In Hindi Fairy Tale)
Thumbelina Story In Hindi
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बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक बूढ़ी औरत रहती थी। उसके कोई बच्चे नहीं थे, और वह बहुत अकेली महसूस करती थी। एक दिन उसने एक जादुई बूढ़ी महिला से मुलाकात की, जो उसके दुख को समझ गई। जादुई महिला ने उसे एक छोटा सा बीज दिया और कहा, “इसे अच्छे से लगाओ और देखभाल करो, यह तुम्हें खुशी देगा।” बूढ़ी औरत ने बीज को एक फूल के गमले में लगाया और उसकी देखभाल करने लगी।
कुछ दिनों बाद, बीज से एक सुंदर फूल उगा, जो किसी भी फूल से बड़ा और सुंदर था। जब वह फूल पूरी तरह खिल गया, तो बूढ़ी औरत ने देखा कि उसके अंदर एक बहुत ही छोटी, सुंदर लड़की बैठी थी। लड़की इतनी छोटी थी कि उसे अपने अंगूठे पर बैठाया जा सकता था। बूढ़ी औरत ने उसे ‘थंबेलिना’ नाम दिया।
थंबेलिना बहुत ही प्यारी और चंचल थी। वह फूलों के बीच खेलती, तितलियों के साथ उड़ती और चिड़ियों के गाने सुनती। बूढ़ी औरत ने थंबेलिना के लिए एक अखरोट का खोल तैयार किया, जिसमें वह सोती थी। उसके बिस्तर के लिए फूलों की पंखुड़ियों का इस्तेमाल किया गया और उसकी चादरें गुलाब की पत्तियों से बनी थीं।
एक रात, जब थंबेलिना अपनी अखरोट के खोल में सो रही थी, एक विशालकाय मेंढ़क ने उसे देखा। उसने सोचा कि थंबेलिना उसकी बेटे के लिए एक आदर्श पत्नी होगी। वह धीरे से थंबेलिना को अखरोट के खोल से बाहर निकाला और उसे अपने बेटे के पास ले गया। जब थंबेलिना जागी, उसने खुद को नदी के किनारे मेंढ़क के बेटे के साथ पाया।
थंबेलिना बहुत डरी हुई थी। मेंढ़क और उसका बेटा उसे अपनी पानी के घर में ले जाना चाहते थे, लेकिन थंबेलिना को यह पसंद नहीं आया। उसने मेंढ़क से कहा, “कृपया मुझे छोड़ दो, मैं यहां नहीं रह सकती।” मेंढ़क ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे एक लिली के पत्ते पर छोड़ दिया ताकि वह वहां से भाग न सके।
थंबेलिना ने लिली के पत्ते पर बैठकर मदद की गुहार लगाई। एक छोटी मछली ने उसकी पुकार सुनी और उसकी मदद करने का फैसला किया। मछली ने लिली के पत्ते के तने को काट दिया, जिससे पत्ता नदी में बहने लगा। थंबेलिना को अब और डर नहीं था, क्योंकि वह नदी के साथ बह रही थी और मेंढ़क से दूर जा रही थी।
बहते हुए पत्ते पर थंबेलिना एक सुंदर तितली से मिली। तितली ने थंबेलिना की कहानी सुनी और उसकी मदद करने का फैसला किया। तितली ने थंबेलिना को अपने पंखों पर बिठाया और उसे एक सुंदर फूलों के बगीचे में ले गई। वहां थंबेलिना ने विभिन्न फूलों और जीवों से दोस्ती की। लेकिन उसकी असली यात्रा अभी बाकी थी।
एक दिन, जब थंबेलिना एक सुंदर फूल के अंदर सो रही थी, एक बड़ा भंवरा उसे उठा ले गया। भंवरा ने सोचा कि थंबेलिना कितनी सुंदर है और उसे अपने साथ ले जाना चाहा। लेकिन अन्य भंवरे थंबेलिना की छोटी कद और अलग रूप देखकर हँसने लगे। भंवरे ने थंबेलिना को छोड़ दिया और उसे अकेला छोड़ दिया।
थंबेलिना बहुत दुखी और अकेली महसूस करने लगी। वह अब कहाँ जाए, उसे कुछ समझ नहीं आया। चलते-चलते उसे एक छोटा सा मैदान मिला, जहाँ एक बूढ़ी चूहिया रहती थी। चूहिया बहुत दयालु थी और उसने थंबेलिना को अपने घर में आश्रय दिया। उसने थंबेलिना को गर्म दूध पिलाया और उसकी देखभाल की।
एक दिन चूहिया ने थंबेलिना से कहा, “मेरे पास एक दोस्त है, जो बहुत अमीर है और तुम्हारी मदद कर सकता है।” यह दोस्त एक तिल था, जो जमीन के अंदर अपना घर बनाता था। तिल थंबेलिना से बहुत प्रभावित हुआ और उसने उसे अपने साथ रहने का प्रस्ताव दिया। लेकिन थंबेलिना जमीन के अंदर अंधेरे में नहीं रहना चाहती थी।
थंबेलिना ने तिल से कहा, “मुझे सूरज की रोशनी और ताजगी की जरूरत है, मैं अंधेरे में नहीं रह सकती।” तिल ने थंबेलिना की बात नहीं सुनी और उसे अपने घर ले जाने की तैयारी करने लगा। थंबेलिना बहुत उदास थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने चूहिया से मदद मांगी, लेकिन चूहिया ने कहा कि तिल एक अच्छा विकल्प है।
एक दिन, जब तिल थंबेलिना को अपने घर ले जाने वाला था, थंबेलिना ने एक घायल चिड़िया को देखा। वह चिड़िया ठंड से कांप रही थी और मरने की कगार पर थी। थंबेलिना ने चिड़िया की देखभाल की, उसे गर्मी दी और उसकी चोटों को ठीक किया। कुछ दिनों बाद, चिड़िया स्वस्थ हो गई और उसने थंबेलिना को धन्यवाद दिया।
चिड़िया ने थंबेलिना से कहा, “मैं अब स्वस्थ हूँ और उड़ सकती हूँ। अगर तुम चाहो, तो मैं तुम्हें अपने साथ ले चल सकती हूँ।” थंबेलिना ने तुरंत सहमति दी और चिड़िया के साथ उड़ चली। चिड़िया थंबेलिना को एक सुंदर फूलों की घाटी में ले गई, जहाँ हर जगह खुशियाँ और सुंदरता फैली हुई थी।
घाटी में थंबेलिना की मुलाकात फूलों के राजा से हुई। राजा ने थंबेलिना की कहानी सुनी और उसकी सुंदरता और साहस से प्रभावित हुआ। उसने थंबेलिना को अपनी रानी बनने का प्रस्ताव दिया। थंबेलिना ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। राजा ने थंबेलिना को एक छोटी, सुंदर जोड़ी पंखों का तोहफा दिया, जिससे वह भी तितलियों की तरह उड़ सकती थी।
थंबेलिना अब बहुत खुश थी। उसने अपने नए दोस्तों और प्यारे फूलों के साथ खुशी-खुशी जीवन बिताया। उसकी हर दिन नई-नई जगहों पर यात्रा होती और हर रात वह अपने राजा के साथ सितारों के नीचे नाचती। थंबेलिना को आखिरकार अपने जीवन में वह खुशी और प्यार मिला, जिसकी वह हमेशा से हकदार थी।
इस प्रकार थंबेलिना ने अपनी बहादुरी, धैर्य और दृढ़ संकल्प से सभी मुश्किलों को पार किया और एक सुंदर और सुखी जीवन जीया। और वह छोटी सी लड़की, जो एक अंगूठे के जितनी छोटी थी, सबके दिलों में अपनी जगह बना ली और हमेशा के लिए एक परीकथा बन गई।