Friends, रूबिक्स क्यूब (Rubiks Cube) दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला खिलौना है. ऐसा खिलौना जो आपकी अच्छी-खासी दिमागी कसरत करवा देगा. आपने कभी न कभी इस खिलौने के साथ अपना दिमाग ज़रूर उलझाया होगा. और आशा है इसे सुलझाने में सफ़ल भी रहे होंगे. मगर, क्इया आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं? क्सया आप जानते हैं कि इस खिलौने का अविष्कार किसने किया? यदि ये प्इरश्सन आपके दिमाग में हैं, तो इस लेख में आपको रूबिक्स क्यूब के अविष्कार, इतिहास और सफ़लता के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.
Invention Story Of Rubiks Cube In Hindi
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रूबिक्स क्यूब क्या है ? (What Is Rubik’s Cube)
रूबिक्स क्यूब एक 3D पज़ल गेम है. यह क्यूब या घन के आकार का एक गेम होता है, जिसमें छः भाग होते हैं और हर भाग छः अलग रंगों के क्यूब के टुकड़ों से बना होता है. प्रारंभ में सभी भाग अलग-अलग रंगों के पैटर्न में अव्यवस्थित रहते हैं, उनमें दिमागी कसरत द्वारा रंगों का संयोजन इस तरह करना होता है कि सभी भाग एक रंग के हो जायें.
रूबिक्स क्यूब का अविष्कार किसने किया था? (Who Invented Rubik’s Cube?)
रूबिक्स क्यूब (Rubik’s Cube) का अविष्कार 1974 में हंगरी के Budapest College Of Applied Arts में आर्किटेक्चर के प्रोफ़ेसर एनरो रुबिक (Enro Rubik) ने किया था.
इसका अविष्कार एक खिलौने के तौर पर नहीं किया गया था. एनरो रुबिक अपने विद्यार्थियों को आसान और रुचिकर तरीके से 3-Dimensional geometry समझाना चाहते थे और रूबिक्स क्यूब का निर्माण उन्होंने इसी उद्देश्य से किया था.
एनरो रुबिक ने लकड़ी के 54 रंग-बिरंगे छोटे-छोटे क्यूबों को इलास्टिक से जोड़कर एक बड़े क्यूब की रचना की. इस क्यूब के छः साइड थे, हर साइड पर छः रंगीन क्यूब थे. इसकी खासियत यह थी कि इसमें हर छोटे क्यूब को घुमाया जा सकता था, जिससे इसके रंगों का संयोजन बदल जाता था. चुनौती यह थी कि इसे इस तरह घुमाया जाये कि सभी हिस्सों के रंग एक से हो जायें.
रूबिक्स क्यूब (Rubik’s Cube) बनाने के बाद जब एनरो रुबिक ने इसे पहली बार घुमाया, तब उन्हें समझ आया कि उन्होंने एक Puzzle का निर्माण कर दिया है क्योंकि इसे वापस अपनी जगह ज़माने में वे खुद ही चकरा गए. इसे व्यवस्थित करने के 43,000,000,000,000,000,000 से भी ज्यादा तरीके थे.
उन्हें क्यूब के सभी हिस्सों को एक रंग में ज़माने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी. आखिरकार एक माह मशक्कत करने के बाद एनरो रुबिक Rubik’s Cube की गुत्थी सुलझाने में कामयाब हुए. इसे उन्होंने मैजिक क्यूब (Magic Cube) का नाम दिया. हंगेरियन भाषा में इसे ‘Buvos Kocka’ कहा जाता है.
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रूबिक्स क्यूब का पेटेंट और बिक्री की शुरुआत (Rubik’s Cube Patent & Sale)
एनरो रुबिक ने अपने बनाये पजल गेम को Magic Cube का नाम देकर पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया. उन्हें 1975 में उन्हें Magic Cube का पेटेंट मिल गया और उसके बाद इसकी बिक्री प्रारंभ हुई. लेकिन प्रारंभ में बिक्री की रफ़्तार बहुत धीमी थी. उन दिनों हंगरी में कम्युनिस्ट शासन होने के कारण वह Iron Curtain के पीछे था, जिससे वहाँ आयात और निर्यात नियंत्रित थे. हंगरी तक सीमित होने के कारण Magic Cube को अधिक सफलता नहीं मिल पा रही थी.
उन्हीं दिनों, हंगरी के एक व्यवसायी टिबर लक्ज़ी ने एक दिन कॉफ़ी शॉप में एक वेटर को Magic Cube खेलते हुए देखा. वे इस क्यूब से बहुत प्रभावित हुए और अगले ही दिन उन्होंने एनरो रुबिक से मुलाकात कर इस क्यूब को पश्चिमी देशों में बेचने के अधिकार हासिल कर लिये.
टिबर लक्ज़ी में 1979 में ‘न्यूरेमबर्ग टॉय फ़ेअर’ में इसे प्रदर्शन के लिए रखा. ब्रिटिश खिलौना विशेषज्ञ टॉम क्रेमर को यह बहुत पसंद आया और वे इसे विश्व के अन्य भागों में बेचने ले लिए तैयार हो गये.
कैसे मिला रूबिक्स क्यूब को इसका नाम? (How Rubik’s Cube Was Named?)
टॉम क्रेमर द्वारा सबसे पहले Magic Cube के वितरण के अधिकार ‘Ideal Toy Corporation’ को दिए गये. ‘Ideal Toy Corporation’ इस खिलौने को नये नाम के साथ बाज़ार में उतारना चाहती थी. इसलिए इसका फिर से नामकरण किया गया और इसे नया नाम रूबिक्स क्यूब (Rubik’s Cube) दिया गया.
कैसे बना रूबिक्स क्यूब दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला खिलौना? (Rubik’s Cube Success Story)
1980 में Rubik’s Cube को लंदन, पेरिस, न्यूरेमबर्ग और न्यूयार्क के Toy Fare में रखा गया. जहाँ यह तत्काल लोकप्रिय हो गया. इसकी डिमांड बढ़ने लगी और इसके निर्माण के लिए कई फैक्ट्रीज बनानी पड़ी.
यह क्यूब इतना लोकप्रिय हुआ कि 1980 में इसे German Game Of the Year का पुरुस्कार प्राप्त हुआ. ब्रिटेन, अमरीका, फ्रांस में भी इसे Game Of the Year का पुरुस्कार प्राप्त हुआ.
इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1982 में OxFord Dictionary में इसे शामिल किया गया. साथ ही इस पर कई पुस्तकें लिखी गई. अब तक लगभग बारह भाषाओँ में इस पर सौ से भी ज्यादा पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं.
बाद में Rubik’s Cube के जैसे कई डुप्लीकेट क्यूब भी मार्केट में आये, जिससे इसकी बिक्री प्रभावित हुई. लेकिन आज भी यह खिलौना दुनिया में सबसे ज्यादा खेला जाने वाला खिलौना है, भले ही कोई इसका puzzle solve कर पाए या नहीं.
सोचने में अजीब लगता है कि क्या कोई एक खिलौने के दम पर मशहूर हो सकता है. लेकिन अपने इस खिलोने के दम पर एनरो रुबिक न सिर्फ मशहूर हुए बल्कि हंगरी ले सबसे अमीर व्यक्ति भी बन गए.
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