राजकुमारी और मटर की कहानी (Princess And The Pea Story In Hindi) एक लोकप्रिय परी कथा यहां शेयर की जा रही है।
Princess And The Pea Story In Hindi
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बहुत समय पहले की बात है, एक दूर देश में एक राजा और रानी अपने महल में रहते थे। उनके जीवन में एक ही कमी थी कि उनका कोई संतान नहीं था। वर्षों तक ईश्वर से प्रार्थना करने के बाद, आखिरकार रानी ने एक सुंदर राजकुमारी को जन्म दिया। राजकुमारी का नाम अनन्या रखा गया। अनन्या बेहद सुंदर, कोमल और दयालु थी। उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी।
समय बीतता गया और अनन्या युवा हो गई। अब राजा और रानी उसकी शादी के बारे में सोचने लगे। उन्हें अपनी बेटी के लिए एक योग्य और सच्चे दिल वाले राजकुमार की तलाश थी। लेकिन राजा और रानी के सामने एक समस्या थी। वे कैसे जान सकते थे कि कोई राजकुमार वास्तव में सच्चा और योग्य है?
रानी ने एक योजना बनाई। उसने कहा, “हम एक परीक्षा लेंगे। हम देखने वाले को राजकुमार के सच्चे होने का सबूत मिलेगा।”
राजा ने पूछा, “कैसी परीक्षा?”
रानी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मैं राजकुमारी के बिस्तर पर एक मटर का दाना रखूंगी। उसके ऊपर बीस गद्दे और बीस रजाइयाँ बिछाई जाएँगी। अगर राजकुमार वास्तव में सच्चा और कोमल होगा, तो वह मटर के दाने की उपस्थिति को महसूस करेगा।”
राजा को यह विचार थोड़ा अजीब लगा, लेकिन उन्होंने रानी की योजना पर विश्वास किया। उन्होंने सभी पड़ोसी राज्यों में घोषणा करवा दी कि राजकुमारी अनन्या के लिए वर की खोज हो रही है, और राजकुमार को एक अनोखी परीक्षा से गुजरना होगा।
कुछ ही दिनों में, कई राजकुमार महल में आने लगे। सभी ने अपनी बहादुरी और वीरता की कहानियाँ सुनाईं, लेकिन राजा और रानी को उनमें से कोई भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर सका। फिर एक दिन, एक युवा राजकुमार अर्जुन महल में आया। वह न तो बहुत अमीर था और न ही बहुत प्रसिद्ध, लेकिन उसकी आंखों में सच्चाई और ईमानदारी की चमक थी।
रानी ने उसे देखकर कहा, “हमारी परीक्षा के लिए तैयार हो जाओ।”
अर्जुन ने विनम्रता से सहमति जताई। उसे उस कमरे में ले जाया गया जहां राजकुमारी अनन्या का बिस्तर था। रानी ने बिस्तर पर मटर का दाना रखा और उसके ऊपर बीस गद्दे और बीस रजाइयाँ बिछाई। अर्जुन ने इस व्यवस्था को देखा, लेकिन कुछ नहीं कहा। वह बिस्तर पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा।
रात भर अर्जुन ने करवटें बदलीं। उसे नींद नहीं आ रही थी। हर थोड़ी देर बाद वह उठ जाता और बिस्तर को देखता। अंत में, उसने सारी रात जागते हुए बिता दी। सुबह होते ही रानी ने आकर पूछा, “रात कैसी बीती?”
अर्जुन ने विनम्रता से कहा, “मुझे खेद है, महारानी, लेकिन मैं बिल्कुल भी नहीं सो पाया। बिस्तर बहुत ही असुविधाजनक था, जैसे उसमें कुछ चुभ रहा हो।”
रानी ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुमने हमारी परीक्षा पास कर ली, राजकुमार। केवल एक सच्चे राजकुमार ही इतनी कोमलता और संवेदनशीलता से महसूस कर सकते थे कि बिस्तर के नीचे मटर का दाना था।”
राजा और रानी ने अर्जुन की सच्चाई और ईमानदारी को देखकर उसे अपनी बेटी अनन्या के लिए उपयुक्त वर मान लिया। अनन्या और अर्जुन की शादी धूमधाम से हुई और वे खुशी-खुशी अपने राज्य में रहने लगे।
समय के साथ, अर्जुन और अनन्या ने अपने राज्य को एक आदर्श राज्य बना दिया। वे जनता की भलाई और विकास के लिए निरंतर काम करते रहे। अनन्या की कोमलता और अर्जुन की सच्चाई ने राज्य को समृद्ध और खुशहाल बना दिया। उनके जीवन में मटर का दाना एक प्रतीक बन गया, जो उन्हें हमेशा यह याद दिलाता था कि सच्चाई और संवेदनशीलता ही जीवन में सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं।
इस प्रकार, राजकुमारी अनन्या और राजकुमार अर्जुन ने एक लंबा, खुशहाल और समृद्ध जीवन जिया। उनकी कहानी आज भी दूर-दूर तक सुनाई जाती है, जो हमें यह सिखाती है कि सच्चाई और ईमानदारी की जीत हमेशा होती है, चाहे परीक्षा कैसी भी हो।