लिटिल रेड राइडिंग हुड की कहानी | Little Red Riding Hood Story In Hindi 

लिटिल रेड राइडिंग हुड की कहानी ( Little Red Riding Hood Story In Hindi Fairy Tale ) Little Red Riding Hood Ki Kahani  इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। ये एक छोटी बच्ची की कहानी है, जो अपनी दादी से मिलने जाती है और उसे रास्ते में भेड़िया मिल जाता है। कैसे वो भेड़िए से बचती है? ये इस परी कथा में बताया गया है :

Little Red Riding Hood Story In Hindi

Little Red Riding Hood Story In Hindi

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बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारी सी लड़की रहती थी। उसका नाम था लिटिल रेड राइडिंग हुड। उसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि उसकी दादी ने उसके लिए एक सुंदर लाल रंग की हुड (टोपी और केप) बनाई थी जिसे वह हमेशा पहनती थी। इस लाल हुड ने उसे इतना पहचान बना दिया कि सभी उसे लिटिल रेड राइडिंग हुड कहकर बुलाने लगे।

लिटिल रेड राइडिंग हुड एक दिन अपनी माँ के पास आई। उसकी माँ ने उसे एक टोकरी दी जिसमें ताजे फल, ब्रेड, और दादी के लिए कुछ खाने-पीने की चीजें थीं। उसकी माँ ने उससे कहा, “लिटिल रेड राइडिंग हुड, तुम्हारी दादी बीमार हैं और वे जंगल के दूसरी तरफ अकेली रहती हैं। तुम यह टोकरी उन्हें ले जाओ और ध्यान रखना कि रास्ते में किसी से बात मत करना। सीधे उनके घर जाओ और सुरक्षित रहना।”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने अपनी माँ की बात मानी और टोकरी लेकर चल पड़ी। वह जंगल के रास्ते पर चलने लगी। रास्ते में उसकी मुलाकात एक भेड़िये से हुई। भेड़िया बहुत चालाक था और उसने लिटिल रेड राइडिंग हुड को देखा तो उसकी आँखें चमक उठीं। उसने सोचा कि यह लड़की एक स्वादिष्ट भोजन हो सकती है, लेकिन उसने अपनी योजना को चुपचाप बनाए रखा।

भेड़िये ने लिटिल रेड राइडिंग हुड से मीठी आवाज में पूछा, “नन्ही बच्ची, तुम इतनी सुबह-सुबह कहाँ जा रही हो?”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने बिना किसी शंका के कहा, “मैं अपनी दादी के घर जा रही हूँ। वे बीमार हैं और मैं उन्हें यह टोकरी देने जा रही हूँ।”

भेड़िया ने अपनी चालाकी से पूछा, “तुम्हारी दादी का घर कहाँ है, प्यारी बच्ची?”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने भोलेपन से जवाब दिया, “उनका घर जंगल के दूसरी तरफ है, बड़े ओक के पेड़ के पास।”

भेड़िया ने तुरंत एक योजना बनाई। उसने सोचा कि अगर वह पहले दादी के घर पहुँचेगा तो वह दादी को खाकर फिर लिटिल रेड राइडिंग हुड को भी खा सकेगा। उसने लिटिल रेड राइडिंग हुड से कहा, “तुम क्यों नहीं जंगल में कुछ फूल तोड़कर अपनी दादी के लिए ले जाती हो? उन्हें फूल बहुत पसंद हैं और वे बहुत खुश होंगी।”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने सोचा कि यह एक अच्छा विचार है। उसने रास्ते से हटकर फूल तोड़ने शुरू कर दिए। इस बीच, भेड़िया जल्दी-जल्दी दादी के घर की ओर दौड़ा।

जब भेड़िया दादी के घर पहुँचा, उसने दरवाजा खटखटाया। अंदर से दादी की आवाज आई, “कौन है?”

भेड़िये ने नकल करते हुए कहा, “दादी, मैं लिटिल रेड राइडिंग हुड हूँ। मैं आपके लिए टोकरी लेकर आई हूँ।”

दादी ने कहा, “दरवाजा खुला है, आ जाओ प्यारी बच्ची।”

भेड़िया अंदर घुसा और बिना समय गवाए दादी को निगल गया। फिर उसने दादी के कपड़े पहने, उनका नाइटकैप लगाया और बिस्तर में जाकर लेट गया, ताकि लिटिल रेड राइडिंग हुड को बेवकूफ बना सके।

कुछ समय बाद, लिटिल रेड राइडिंग हुड फूलों का एक गुच्छा लेकर दादी के घर पहुँची। उसने दरवाजा खटखटाया और अंदर से भेड़िये की नकली आवाज आई, “कौन है?”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने कहा, “दादी, मैं लिटिल रेड राइडिंग हुड हूँ। मैं आपके लिए टोकरी और कुछ फूल लेकर आई हूँ।”

भेड़िये ने कहा, “दरवाजा खुला है, अंदर आ जाओ प्यारी बच्ची।”

लिटिल रेड राइडिंग हुड अंदर गई और सीधे दादी के बिस्तर के पास गई। उसने देखा कि दादी कुछ अजीब सी लग रही हैं। उसने कहा, “दादी, आपके कान इतने बड़े क्यों हैं?”

भेड़िये ने अपनी आवाज बदलकर कहा, “ताकि मैं तुम्हारी आवाज़ अच्छे से सुन सकूं, प्यारी बच्ची।”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने फिर पूछा, “दादी, आपकी आँखें इतनी बड़ी क्यों हैं?”

भेड़िये ने जवाब दिया, “ताकि मैं तुम्हें अच्छे से देख सकूं, प्यारी बच्ची।”

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने कहा, “दादी, आपके हाथ इतने बड़े क्यों हैं?”

भेड़िये ने कहा, “ताकि मैं तुम्हें अच्छे से पकड़ सकूं, प्यारी बच्ची।”

अंत में, लिटिल रेड राइडिंग हुड ने डरते हुए पूछा, “दादी, आपके दांत इतने बड़े क्यों हैं?”

भेड़िये ने जोर से चिल्लाकर कहा, “ताकि मैं तुम्हें खा सकूं!” और वह बिस्तर से कूदकर लिटिल रेड राइडिंग हुड की तरफ लपका।

लिटिल रेड राइडिंग हुड जोर से चीखने लगी। उसकी चीख सुनकर पास से गुजर रहा एक बहादुर शिकारी वहाँ आ गया। उसने देखा कि भेड़िया लिटिल रेड राइडिंग हुड को खाने की कोशिश कर रहा है। शिकारी ने अपने कुल्हाड़ी से भेड़िये को मार डाला और लिटिल रेड राइडिंग हुड को बचा लिया।

शिकारी ने भेड़िये का पेट काटा और अंदर से दादी को भी सुरक्षित निकाल लिया। दादी बहुत खुश हुई और लिटिल रेड राइडिंग हुड को गले लगाया।

लिटिल रेड राइडिंग हुड ने अपनी दादी और शिकारी का धन्यवाद किया और उसने खुद से वादा किया कि वह भविष्य में कभी भी किसी अजनबी से बात नहीं करेगी और हमेशा अपनी माँ की बात मानेगी।

उस दिन के बाद, लिटिल रेड राइडिंग हुड और उसकी दादी सुखी और सुरक्षित जीवन जीने लगे। उन्होंने यह कहानी पूरे गाँव में सुनाई ताकि सभी को यह सबक मिल सके कि जंगल में सावधानी से रहना चाहिए और किसी अजनबी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

 शिक्षा:

कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए, अजनबियों से बात नहीं करनी चाहिए, और कठिन परिस्थितियों में धैर्य और साहस से काम लेना चाहिए।

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