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मोर के बारे में ५१ रोचक तथ्य | Peacock In Hindi ( 51 Interesting Facts And Information)

Interesting Peacock Facts In Hindi, essay on peacock in hindi

Interesting Facts About Peacock In Hindi | Essay On Peacock In Hindi

 Amazing Facts About Peacock In Hindi

Peacock In Hindi : मोर धरती के सबके सुंदर पक्षियों में से एक है. यह मध्यम आकार का एक रंगीन पक्षी है, जो तीतर (Pheasant) परिवार से संबंधित है. इसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेट्स है. यह एशिया का मूल निवासी है और मुख्यतः भारत, श्रीलंका और बर्मा में पाया जाता है. आज इस लेख में हम मोर के बारे में रोचक तथ्य (all about peacock) शेयर कर रहे हैं. आइये जानते हैं मोर के बारे में ५१ रोचक जानकारियाँ (51 interesting Facts About Peacock In Hindi) :


01-10 Interesting Facts About Peacock  In Hindi


१. केवल नर मोर को ‘Peacock’ कहते हैं. मादा मोर को ‘Peahen’ कहा जाता है. मोर सामूहिक रूप से ‘Peafowl’ के नाम से जाने जाते हैं और इनके बच्चे ‘Peachicks’ कहे जाते हैं.

२. मोरों की तीन प्रमुख प्रजातियाँ हैं, जिनमें से दो एशियाई मूल की है और एक अफ्रीका की. नीला भारतीय मोर (Blue Indian peacock) और हरा मोर (Green peacock) एशियन प्रजाति है. कांगो मोर (African Congo Peacock) अफ्रीकी प्रजाति के है. मोर मुख्यतः भारत, श्रीलंका और बर्मा में पाए जाते हैं.

३. नीला मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है. २६ जनवरी १९६३ को भारत सरकार द्वारा नीले मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी (National Bird Of India) घोषित किया था.

४. धुमैला मोर म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी है.

५. मोर मुख्यतः जमीन पर रहने वाले पक्षी हैं. मोर उड़ सकते हैं, लेकिन केवल सीमित दूरी तक. शिकारी से बचने की कोशिश में या रात में पेड़ की ऊँचाई पर सोने के लिए ये मुख्यतः उड़ान भरते हैं.

६. मोर (Peacock) खेतों, जंगलों और गर्म क्षेत्रों में निवास करना पसंद करते हैं. इन्हें निवास के रूप में ऐसे क्षेत्र पसंद हैं, जो उन्हें पौधों और कम ऊँचाई के पेड़ों तक आसान पहुँच प्रदान करते हैं. इस तरह इनके लिए भोजन प्राप्त करना आसान हो जाता है. ये वर्षावनों (rainforests) और झाड़ियों (bushlands) में भी पाए जाते हैं.

७. मोर धरती के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं. इनके पंखों का फैलाव ४.९ (१.५ मीटर) के आसपास होता है.

८. मोर के उड़ने की रफ़्तार १० मील/घंटे तक हो सकती है.

९. मोर सर्वाहारी होते हैं. ये मुख्य रूप से अनाज, घास, फल-पत्ते, बीज, फूलों की पंखुड़ियाँ, चीटियाँ, कीड़े, दीमक, टिड्डियों, चूहे,  छिपकली, साँप आदि खाते हैं.

१०. जंगल में पाए जाने वाले मोरों का जीवनकाल शिकारियों और कठोर मौसम के कारण लगभग २० वर्ष तक की आयु सीमित रहता है. चिड़ियाघर या अन्य सुरक्षित स्थानों में रहने वाले मोरों का जीवन काल लगभग ५० वर्ष तक का होता है.


11-20 Interesting Facts About Peacock  In Hindi


११. नर मोर (Male Peacock) आकार में मादा से दुगुना होता है. मोर का वजन ४ से ६ किलोग्राम तक हो सकता है, जबकि मोरनी (Peahen) का वजन लगभग २.७५ से ४ किलोग्राम तक हो सकता है.

१२. मोर की लंबाई लगभग ६ से ७ फीट तक हो सकती है, जबकि मोरनी की लंबाई लगभग ३ से ३.५  फीट तक हो सकती है.

१३. मोर की चोंच की लंबाई १ इंच होती है.

१४. नर मोर के सिर पर मुकुट के समान ख़ूबसूरत कलगी होती हैं. इसके रंग और आकार में प्रजातियों के अनुसार भिन्नता हो सकती है.

१५. मोर (Peacock) की आँखों के ऊपर और नीचे सफेद रंग के धब्बे होते हैं.

१६. मोर की ख़ूबसूरत रंग-बिरंगी पूंछ को ‘train’ कहा जता है. इसमें लगभग १५० पंख होते हैं.

१७. मोर की पूंछ उसकी पूरी लंबाई का ६०% हिस्सा बनाती है. नर मोर की पूंछ रंगीन और सुंदर होती है. यह लाल, सुनहरे  और हरे रंग के पंखों से बनी होती है और इसमें खूबसूरत छोटे-छोटे क्रिस्टल जैसी संरचना होती है, जिसे अलग-अलग कोणों से देखने पर इसका रंग बदलता हुआ सा प्रतीत होता है.

१८. नर मोर मादा की तुलना में अधिक सुंदर होते हैं. इनके सुंदर पंख और सुंदर लंबी पूंछ होती हैं. मोरनी मोर की तरह सुंदर नहीं होती. इनका गेंहुवा चेहरे, भूरे रंग की कलगी के साथ-साथ धात्विक रंग का ऊपरी भाग होता हैं. मोर के सामान इनकी सुंदर लंबी पूंछ नहीं होती.

१९. मोर के पंखों के लिए शिकार करने की आवश्यकता नहीं है. ये गर्मी के मौसम में ख़ुद-ब-ख़ुद अपने पंखों को झड़ा देते हैं.

२०. एक मोर के पैरों में चार उँगलियाँ होती हैं, जिनमें से तीन आगे की ओर और एक पीछे की ओर पॉइंट करती है. उँगलियों की ऐसी संरचना मोर के लिए शाखाओं को पकड़ना और पेड़ों में घूमना आसान बनाती हैं.


21-30 Interesting Facts About Peacock  In Hindi


२१. मोर का दौड़ने की औसत रफ़्तार १० मील/घंटे (१६ किलोमीटर/घंटे) होती है.

२२. मोर समूह बनाकर रहने वाला पक्षी है. यह अकेला रहना पसंद नहीं करता. इनके समूहों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है. मोरनियों (Peahen) के समूह को ‘bevy’ कहा जता हो. इसे ‘muster‘ या ‘party‘ भी कहा जाता है. मोर और मोरनियों के संयुक्त समूह को “harem” कहा जाता है.

२३. नर मोर एक से अधिक मादाओं से संबंध बनाते हैं. इसके लिए नर मोर एक समूह (harem) बनाते हैं, जिसमें २-५ मादा होती हैं.

२४. आमतौर पर मोरनियाँ संभोग के लिए अपने साथी का चुनाव आकार, रंग, पंखों और पूंछ की सुंदरता देखकर करती है.

२५. प्रजनन काल के समय नर मोर सुंदर पंख फैलाकर मादा को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं.

२६. मोरनी का प्रजनन काल जनवरी और मार्च के मध्य होता है. ये एक बार में ३ से ६ अंडे देती हैं. अंडे सेने का काम मादा ही करती हैं. २८ दिनों के बाद अंडों में से बच्चे निकल आते हैं.

२७. जन्म के समय मोर के बच्चों का वजन १०३ ग्राम होता है. ये जन्म से ही बच्चे चलने-फ़िरने और खाने-पीने में सक्षम होते हैं.

२८. नर मोर जन्म के बाद ६ माह तक दिखने में मादा मोर की तरह ही होते है. ६ माह के बाद उनमें बदलाव आने लगता है. उनकी कलगी और पूंछ ३ वर्ष के बाद आती है.

२९. मोर एक आक्रामक पक्षी हैं और अपने क्षेत्र में अजनबी या यहाँ तक कि नए मोर के प्रवेश को भी मंजूरी नहीं देता.

३०. सामान्यतः मोर ८ से १० के समूह में यात्रा करते हैं.


31-40 Interesting Peacocks Facts In Hindi


३१. जंगली मोरों को खेल खेलते हुए भी देखा जा सकता है. मोर के बच्चों को झाड़ी के चारों ओर सिर झुकाकर एक-दूसरे का पीछा करते या अपनी गर्दन को पृथ्वी के समानांतर पकड़कर चलते हुए देखा जा सकता है. ये इस तरह खेल रहे होते हैं. ख़ास बात यह है कि मोर खेलते समय हमेशा clockwise डायरेक्शन में ही चलते हैं. उन्हें सूरज की रोशनी के नीचे खेलना पसंद है.

३२. मोर में एक अजीब व्यवहार होता है; ये जमीन पर अपने घोंसले बनाते हैं और पेड़ की ऊँची डाली पर बैठते हैं.

३३. मोर (Peacock) ११ अलग-अलग तरह की आवाजें निकाल सकता है. इसकी आवाज़ कर्कश होती है.

३४. बत्तख और अन्य पक्षियों के विपरीत मोर पानी में प्रवेश नहीं कर सकते और न ही तैर सकते हैं. उनके पैर जमीन पर मजबूती से टिके रहने में सक्षम होते हैं. लेकिन पानी में तैरने वाले अन्य पक्षियों की तरह झिल्लीदार पैर न होने के कारण ये पानी में तैर नहीं सकते.

३५. हिंदू धर्म में मोर का विशेष महत्त्व है. भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट पर मोर पंख सजा होता है. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन मोर है.

३६. ग्रीक और रोमन पौराणिक कथाओं में मोर को देवी हेरा (Goddess Hera) से जुड़ा हुआ माना जाता है.

३७. प्राचीन यूनान में लोग मोरनी को अमरता का प्रतीक मानते थे, क्योंकि उनका मनाना था कि मोरनी का शरीर मरने के बाद भी नहीं सड़ता है.

३८. बेबीलोन वासी मोर को अपना संरक्षक मानते हैं.

३९. मोर ईसाई धर्म में चिरस्थायी जीवन का प्रतिनिधित्व करता है.

४०. मौर्य साम्राज्य का राष्ट्रीय चिन्ह मोर था. चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में प्रचलित सिक्कों में एक ओर मोर की आकृति अंकित होती थी.


41-51 Interesting Peacocks Facts In Hindi


४१. प्राचीन काल में मोर पंख का इस्तेमाल लेखनी के रूप में भी किया जाता है. इसे स्याही में डुबाकर लेखन किया जाता है.

४२. मुगल बादशाह शाहजहाँ (Shah Jahan) की राजगद्दी को ‘तख़्त-ए-ताऊस’ कहा जाता था. ‘ताऊस’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है, जो “मोर” के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ‘तख़्त-ए-ताऊस’ में दो मोरों के बीच तख़्त निर्मित था और पीछे की आकृति पंख पसारे मोर की थी.

४३. बाइबिल (Bible) में भी मोर का ज़िक्र मिलता है. राजा सुलेमान द्वारा जहाज में लादकर कई मूल्यवान चीजें एशिया से बाहर ले जाई गई थी, उनमें मोर भी शामिल था.

४४. विश्व विजेता सिकंदर (Sikandar) मोरों का शौक़ीन था. यूनान लौटते समय वह अपने साथ मोर भी लेकर गया, जिसके बाद ही मोर पूरे विश्व में पहुँचे.

४५. फेंगशुई की मान्यतों में मोरपंख को खतरों और आपदाओं से रक्षा करने वाला माना जाता है.

४६. दुनिया भर में लगभग २००० वर्षों से मोरों को मनोरंजन के लिए या धार्मिक आस्था के चलते पालतू बनाकर रखा जाता है. पालतू मोरों को खुले क्षेत्र में रखना चाहिए, क्योंकि वे खुला स्थान पसंद करते हैं. बंद क्षेत्र उन्हें भयभीत कर सकता है.

४७. साँपों को पकड़ने और खाने की प्रवृत्ति के कारण गाँव के लोग आमतौर पर मोर (Peacock) पालते हैं. एक प्रकार से मोर गाँव के लोगों की सुरक्षा का काम करते हैं.

४८. जंगली में मोर जंगल में बाघ (Tiger) और अन्य जंगली जानवरों से खतरों का सामना करते हैं. वहीं गाँवों के करीब रहने वाले मोरों को कुत्तों, बिल्लियों और अन्य जानवरों का खतरा रहता है.

४९. मोर के ख़ूबसूरत पंखों का इस्तेमाल पर्स, जैकेट और कई तरह के सजावटी सामान बनाने में होता है.

५०. शिकार और निवास के नुकसान के कारण मोरों की संख्या में कमी हो रही है. लेकिन भारतीय मोर लुप्तप्राय पक्षी नहीं है. Congo Peafowl मोर की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में दर्ज है, जबकि Green Peafowl एक लुप्तप्राय प्रजाति है.

५१. भारत में मोर को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, १९७२ के तहत पूर्णतः संरक्षण प्रदान किया गया है. इसके शिकार पर भारत में पूर्णतया प्रतिबंध है.


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