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बिच्छू के बारे में 42 रोचक तथ्य और जानकारी | 42 Interesting Facts About Scorpion In Hindi

इस पोस्ट में हम बिच्छू के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Scorpion In Hindi) शेयर कर रहे हैं. यह आठ पैरों वाला आर्थोपोडा जीव होता है. बिच्छू का डंक ख़तरनाक और जानलेवा सिद्ध हो सकता है, ये तो सभी जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पराबैगनी प्रकाश में चमकता है या इसका जहर करोड़ों में बिकता है. ऐसी ही रोचक जानकारियाँ इस लेख में साझा की गई हैं.

Scientific Classification Of Scorpion

 Kingdom  Animalia
 Phylum  Arthropoda
 SubPhylum  Chelicerata
 Class  Arachinda
 Order  Scorpiones
Interesting Facts About Scorpion In Hindi

Interesting Facts About Scorpion In Hindi

Interesting Facts About Scorpion In Hindi

1.बिच्छू आठ पैरों वाला आर्थोपोडा जीव है. इसका वैज्ञानिक नाम Scorpiones है.

2. बिच्छू अष्टपाद (arachnids) होते हैं, जैसे मकड़ी, दीमक, घुन, किलनी/चिचड़ी (ticks). अष्टपाद (arachnids) आमतौर पर आर्थोपोड्स के व्यापक समूह का हिस्सा हैं, जिन्हें चेलीसेराटा (Chelicerates) कहा जाता है. इस समूह में समुद्री मकड़ियाँ, हॉर्सशू क्रैब (horseshoe crabs) सम्मिलित हैं.

3. बिच्छू कीट (insect) नहीं होते. कीट (insect) एक अलग तरह के आर्थोपोड्स होते हैं और चेलीसेराटा (Chelicerates) से भिन्न होते हैं. इनमें कई तरीके से अंतर किया जा सकता है. जैसे उनके पैरों द्वारा – व्यस्क कीट (insect) के छह पैर होते हैं, जबकि अष्टपाद (arachnids) और चेलीसेराटा (Chelicerates) के आठ पैर होते हैं और साथ में दो जोड़ी उपांग (appendages) होते हैं, जिन्हें चेलीसेरा (chelicerae) और पेडीपल्प्स (pedipalps). चेलीसेरा (chelicerae) मुखपत्रों का रूप लेते हैं, जबकि पेडीपल्प्स pincers में विकसित होते हैं.

4. बिच्छू का शरीर चपटा और लंबा होता है. इसे दो भागों से विभाजित किया जा सकता ही – शिरोवक्ष और उदर. इसके शिरोवक्ष में चार जोड़े पैर और अन्य उपांग होते हैं. बिच्छू के निचले सिरे पर एक डंक होता है, जो विष ग्रंथि से जुड़ा हुआ रहता है. इसका शरीर काइटिन के बाह्यकंकाल से ढका रहता है. इसके सिर पर दो आँखें होती हैं. इसकी दो से पाँच जोड़ी आँखें सिर के सामने के किनारों पर होती हैं.

5. जीवाश्म रिकॉर्ड की माने तो बिच्छू की धरती पर उत्पति डायनासोर से कहीं पहले हो चुकी थी. जीवाश्म रिकॉर्ड के अनुसार प्राचीन बिच्छू शुष्क भूमि पर विचरण करने वाला पहले समुद्री जीव में से एक था, जो लगभग 420 मिलियन वर्ष पूर्व सिलुरियन काल (Silurian Period) के दौरान पाये जाते थे. जबकि सबसे पहले ज्ञात डायनासोर 240 मिलियन वर्ष पूर्व विकसित हुए थे. आधुनिक मानव 2,00,000 साल पहले विकसित हुये.

6. बिच्छू अंटार्कटिका और न्यूज़ीलैंड को छोड़कर लगभग सभी महाद्वीपों में पाये जाते हैं.

7. बिच्छू 20 डिग्री सेंटीग्रेट से 37 डिग्री सेंटीग्रेट के तापमान के क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं. लेकिन ये सभी प्रकार के तापमान और परिस्थितियों में रह सकते हैं. इसलिए ये सूखे रेगिस्तानों से लेकर वर्षावनों तक, समुद्री तटों से लेकर पर्वतों तक, ग्रामीण क्ष्रेत्रों में घरों की दीवारों और दरार्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों के घरों तक में पाए जाते हैं.

8. सबसे ऊँची ऊँचाई पर पाया जाने वाला बिच्छू ओरोब्रोथियुरस हुस्करन (Orobothriurus Huascaran) नाम का पेरू में पाया जाना बिच्छू है, जो 4910 मीटर की ऊँचाई पर पाया गया था.

9. बिच्छू का जीवनकाल औसतन 2 से 6 वर्ष तक होता है. इनकी परिपक्वता प्राप्त करने की अवधि 1 से 3 वर्ष होती है. उसके बाद लगभग 1 से 3 वर्ष तक ये व्यस्क रूप में जीवित रहते हैं. हालांकि बिच्छू की कई प्रजातियाँ लंबी अवधि के लिए भी जीवित रह सकती हैं (जैसे धीमी गति से बढ़ने वाले hadogenes) बिच्छू का विकास कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे तापमान, आहार की उपलब्धता, प्रजनन, तनाव आदि.

10. सबसे लंबा जीवनकाल वर्षावनों और पश्चिमी अफ्रीका के सवाना में पाये जाने वाले emperor scorpion का होता है, जो 6 से 8 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं.

11. नर बिच्छू की तुलना में मादा बिच्छू अधिक लंबे समय तक जीवित रहती हैं. पाले गए बिच्छू भी जंगली बिच्छू की तुलना में अधिक जीते हैं. संभोग करने वाले बिच्छू भी एकाकी बिच्छू की तुलना में अधिक लंबे समय तक जीवित रहते हैं.

12. प्रजाति अनुसार बिच्छुओं के आकार में भिन्नता देखने को मिलती है. अधिकांश बिच्छू 4 से 12 सेमी लंबे होते हैं. हालांकि 1 मीटर से भी अधिक लंबाई के बिच्छू अस्तित्व में रहे हैं और वर्तमान में भी कुछ बिच्छू प्रजातियाँ 12 सेमी से अधिक लंबी होती है.

13. आज से लगभग 450 वर्ष पूर्व पाये जाने वाले समुद्री बिच्छुओं (sea scorpions) की एक प्रजाति ऐसी थी, जिसकी लंबाई 3 फीट (1 मीटर से भी अधिक) हुआ करती थी.

14. वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी बिच्छू प्रजाति एशिया का विशाल वन बिच्छू (Asian Giant Forest Scorpions, Heterometrus Swammerdami) है, जो 9 इंच (23 सेमी) की लंबाई तक बढ़ता है और इसका वजन 2 औंस (56 ग्राम) तक हो सकता है.

15. दुनिया के सबसे लंबी बिच्छू प्रजाति दक्षिणी अफ्रीका की हेडोजेन्स ट्रोग्लोडाइट्स है, जिसकी लंबाई 21 सेमी से भी अधिक हो सकती है. कई लंबे बिच्छू हेटेरोमट्रस, पांडिनस और हेटेरोस्कोर्पियन वंश में भी पाये जाते हैं.

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16. दुनिया का सबसे भारी बिच्छू पांडिनस इम्पेरटुर है, जिसका वजन 50 ग्राम (वयस्क मादा) से भी अधिक हो सकता है.

17. दुनिया के सबसे छोटे बिच्छू जीनस माइक्रोटाइटस प्रजाति के होते हैं, जो वयस्क होने पर 12 mm की लंबाई तक ही बढ़ते हैं.

18. दुनिया का सबसे जहरीला बिच्छू इंडियन रेड स्कोर्पियन (Indian Red Scorpion) है. इस बिच्छू का डंक इतना घातक होता है कि डंक मारे जाने पर उलटी, त्वचा का रंग बदलना, सांस लेने में परेशानी, फेफेड़ों में पानी भर जाना और ह्रदय की समस्या उत्पन्न हो जाती है. यदि समय पर इलाज़ न मिले, तो मौत्त भी हो सकती है. यह बिच्छू भारत, पूर्वी पाकिस्तान, पूर्वी नेपाल और श्रीलंका में पाया जाता है.

19. ब्राजीलियन पीला बिच्छू भी अत्यंत खतरनाक होता है. इसका एक डंक भी भयंकर दर्द उत्पन्न करता है और फेफड़ों में सूजन तक आ जाती है.

20. क्यूबा में पाये जाने वाले नीले रंग के बिच्छू का जहर दुनिया का सबसे महंगा जहर है. इसकी कीमत 75 करोड़ रुपये प्रति लीटर है. इस जहर में कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं, जिनका उपयोग पेन किलर के रूप में किया जाता है. गठिया रोग में भी यह कारगर सिद्ध होता है और कैंसर एक्टिव सेल्स को बनने से रोकने में भी यह लाभकारी होता है.

21. बिच्छू रात्रिचर होते हैं. ये दिन के समय किसी चट्टान, पत्थर के नीचे या पेड़ों की छाल, घरों की दरारों में छुपे रहते हैं और रात होने पर बाहर निकलते हैं.

22. बिच्छू सामान्यतः 6 दिनों तक सांस रोके रह सकता है. किंतु उसकी एक प्रजाति Pseudo Scorpion, जो आर्कटिक क्षेत्रों में पाई जाती है, वह 17 दिन तक सांस रोक सकती है.

23. बिच्छू के भागने की रफ़्तार 19 किमी/घंटे होती है.

24. बिच्छू मुख्य आहार मकड़ी और कीट हैं. बड़े बिच्छू छोटी छिपकली और चूहे भी खा लेते हैं.

25. बिच्छू अपने शिकार का सिर्फ तरल ही चूसते हैं.

26. बिच्छुओं का मेटाबोलिक रेट कम होता है. वे लंबे समय तक बिना खाये रह सकते हैं. बिच्छुओं की कुछ प्रजाति में यह अवधि कुछ हफ़्तों तक की होती है, कुछ में 6 से 12 माह की.

27. बिच्छू में विष की दो (एक जोड़ी) ग्रंथियाँ पाई जाती है. ये विष ग्रथियाँ इसकी पूंछ में होती है और इसकी वाहिकायें बिच्छू के डंक में खुलती हैं.

28. बिच्छू के जहर में ‘क्लोरोटोक्सिन’ (Chlorotoxin) नामक रसायन पाया जाता है. शोधकर्ताओं दावा है कि क्लोरोटोक्सिन स्वस्थ और कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं की पहचान करने में सहायक सिद्ध हो सकता है. बिच्छू के जहर से कई प्रकार के कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं का इलाज भी संभव है.

29. बिच्छू का जहर स्वादहीन, गंधहीन और अल्पश्यान (viscous) तरल होता है. यह पानी, खारे विलयन और ग्लिसरीन में घुलनशील होता है, किंतु ऐल्कोहॉल और ईथर में अघुलनशील.

30. जब तब बिच्छू को छेड़ा न जाये, ये डंक नहीं मारते. अधिकांश बिच्छुओं का जहर मनुष्यों के लिए घातक नहीं होता, फिर भी चिकित्सक को दिखाना आवश्यक है. दुनिया में 25 ही प्रजातियों के बिच्छुओं का जहर मनुष्य के लिए घातक सिद्ध होता है.

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31. वयस्क बिच्छुओं बिछुओं के hyaline layer (जो उनके exoskeleton के cuticle का हिस्सा होता है) में फ्लोरोसेंट रसायन होते हैं. जो पराबैंगनी प्रकाश (Ultra Violet Light) में चमकते हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उनका यह शारीरिक गुण उन्हें सूर्य की तेज रौशनी से बचाने में, एक-दूसरे को ढूंढने में तथा शिकार तलाशने में मदद करता है.

32. बिच्छू डंक तभी मारते हैं, अब अत्यावश्यक हो. वे डंक से निकलने वाले जहर ही मात्रा नियंत्रित कर सकते हैं. इस तरह वे जहर निर्माण में लगने वाली शारीरिक उर्जा बचाते हैं. जहाँ तक संभव हो वे शिकार को मारने में अपने प्रिंसर (पंजों) का इस्तेमाल करते हैं.

33. बिच्छू वाइविपरस (viviparous) होते हैं. इसका अर्थ ये हैं कि वे अंडे देने के स्थान साथ पर बच्चे को जन्म देते हैं. बिच्छू की प्रजाति अनुसार संभोग के 2 से 18 माह के भीतर बच्चे का जन्म होता है.

34. मादा बिच्छू एक बार में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है.

35. जन्म के समय बिच्छू के बच्चों की बाहरी शेल (exoskeleton) बहुत नरम होती है और ये सफ़ेद रंग के होते हैं.

36. जन्म के तुरंत बाद बिच्छू के बच्चे अपनी माँ की पीठ पर चढ़ जाते हैं. ये अपनी माँ की पीठ पर तब तक रहते हैं, जब तक बाह्य त्वचा (exoskeleton) पूरी तरह से कठोर नहीं हो जाती और इनके पंजे (princer) व डंक पूरी तरह विकसित नहीं हो जाते. यह अवधि 10 से 25 दिनों तक की होती है. कुछ बच्चे 2 वर्ष तक अपनी माँ की पीठ पर लदे रहते हैं. माँ अपने बच्चों की रक्षा करती है और शिकार कर उनके लिए भोजन का प्रबंध करती है. कई प्रजातियों में बिच्छू के बच्चे माँ की पीठ की पौष्टिक जर्दी की थैली को अवशोषित करते हैं.

37. कई बार भोजन न मिलने की स्थिति में बिच्छू अपने बच्चों को खा लेती है. ऐसा सिर्फ अपना जीवन बचाने की स्थिति में करती हैं.

38. अपने जीवन काल में लगभग 6 बार बिच्छू अपनी त्वचा झड़ा (molting process) देते है. इस प्रक्रिया में बिच्छू की बाह्य त्वचा टूटती है और खुल जाती है. बिच्छू इस त्वचा में से बाहर निकलते हैं और पुरानी त्वचा मरे हुए बिच्छू के समान दिखाई पड़ती है. बिच्छू की नई त्वचा नरम होती है, जो कुछ दिनों में कठोर हो जाती है.

39. दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहाँ बिच्छुओं को खाया जाता है, जिसमें पश्चिम अफ्रीका और पूर्वी एशिया के देश शामिल हैं. म्यांमार में बिच्छुओं को चाव से खाया जाता है. चीन के शेडोंग में बिच्छुओं को तलकर, भूनकर, यहाँ तक कि कच्चा और जीवित भी खाया जाता है. आमतौर पर इसे डंक के साथ खाया जाता है, क्योंकि आग में पकाने पर इसके डंक का जहर निष्प्रभावी हो जाता है. थाईलैंड में तला हुए बिच्छू एक स्ट्रीट फूड है.

40. अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्वी देशों और भारत के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बिच्छुओं के द्वारा काटा जाना एक बड़ी समस्या है. इन क्षेत्रों में बिच्छू द्वारा काटे जाने की प्रतिवर्ष लगभग5 मिलियन घटनायें होती हैं और प्रतिवर्ष लगभग 2,600 मौतें होती हैं.

41. बिच्छू द्वारा काटे जाने की सर्वाधिक समस्या मैक्सिको में है, जहाँ बिच्छुओं की सबसे अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं. यहाँ प्रति वर्ष लगभग 200,000 लोग बिच्छू द्वारा काटे जाते हैं और कम से कम 300 मौतें होती हैं.

42. ये सोचना पूर्णतः गलत है कि बिच्छू जितना बड़ा होगा, वह उतना ख़तरनाक होगा. सामान्यतः बड़े बिच्छू मनुष्यों के लिए उतने खतरनाक नहीं होते और डंक के स्थान पर पंजों (princers) का इस्तेमाल करते हैं. अधिकांश ख़तरनाक बिच्छू 10 सेमी से छोटे आकार के होते हैं, जिसका अपवाद दक्षिणी अफ्रीका के कुछ Parabuthus हैं, जो 10 सेमी से कुछ बड़े होते हैं और मनुष्यों के लिए खतरनाक होते हैं.

Frequently Asked Questions

बिच्छू का वैज्ञानिक नाम क्या है?

बिच्छू का वैज्ञानिक नाम Scorpiones है.

बिच्छू की उम्र कितनी होती है?

बिच्छू औसतन 2 से 6 वर्ष की उम्र तक जीवत रहते हैं. हालांकि कुछ प्रजातियाँ अधिक लंबे समय तक भी जीवित रह सकती हैं (जैसे धीमी गति से बढ़ने वाले hadogenes). बिच्छू का जीवनकाल कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे तापमान, आहार की उपलब्धता, प्रजनन, तनाव आदि.

बिच्छू की कितनी आँखें होती हैं?

बिच्छू के सिर पर दो आँखें होती हैं. इसके अतिरक्त दो से पाँच जोड़ी आँखें इसके सिर के सामने के किनारों पर होती हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा बिच्छू कौन सा है?

वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा बिच्छू एशियाई जायंट स्कोर्पियन (Asian Giant Forest Scorpions) है. इसका वैज्ञानिक नाम Heterometrus Swammerdami है. इसकी लंबाई 9 इंच (23 सेमी) तक बढ़ सकती है. इसका वजन 2 औंस (56 ग्राम) तक हो सकता है.

दुनिया का सबसे जहरीला बिच्छू कौन सा है?

दुनिया का सबसे जहरीला बिच्छू इंडियन रेड स्कोर्पियन (Indian Red Scorpion) है. इस बिच्छू के डंक से उल्टी, त्वचा का रंग बदलना, सांस लेने में परेशानी, फेफेड़ों में पानी भर जाना और ह्रदय की समस्या उत्पन्न हो जाती है. यदि समय पर इलाज़ न मिले, तो मौत भी हो सकती है. यह बिच्छू भारत, पूर्वी पाकिस्तान, पूर्वी नेपाल और श्रीलंका में पाया जाता है.

बिच्छू कितने बच्चे पैदा करती है?

बिच्छू एक बार में 100 बच्चे पैदा कर सकती है.

बिच्छू के बच्चे क्या खाते हैं?

जन्म के बाद बिच्छू के बच्चे अपनी माँ की पीठ पर लद जाते हैं. कई प्रजातियों में बिच्छू के बच्चे माँ की पीठ की पौष्टिक जर्दी की थैली को अवशोषित करते हैं. कई प्रजातियों में माँ बिच्छू शिकार कर अपने बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करती है.

बिच्छू अपने बच्चों को कैसे पालती है?

जन्म के तुरंत बाद बिच्छू के बच्चे अपनी माँ की पीठ पर चढ़ जाते हैं. बाह्य त्वचा (exoskeleton) कठोर होने तक और पंजे (princer) व डंक पूरी तरह विकसित होने तक ये अपनी माँ की पीठ पर रहते हैं. माँ अपने बच्चों की रक्षा करती है और शिकार कर उनके लिए भोजन का प्रबंध करती है. कई प्रजातियों में बिच्छू के बच्चे माँ की पीठ की पौष्टिक जर्दी की थैली को अवशोषित करते हैं.
 

बिच्छू कितने दिन तक सांस रोक सकता है?

बिच्छू सामान्यतः 6 दिनों तक सांस रोके रह सकता है. किंतु उसकी एक प्रजाति Pseudo Scorpion, जो आर्कटिक क्षेत्रों में पाई जाती है, वह 17 दिन तक सांस रोक सकती है.

बिच्छू कितने दिन तक भूखा रह सकता है?

बिच्छुओं की कुछ प्रजातियाँ कुछ हफ़्तों तक बिना खाये रह सकती हैं. कुछ प्रजातियाँ 6 से 12 माह तक भूखी रह सकती हैं.

बिच्छू के कितने पैर होते हैं?

बिच्छू के 8 पैर होते हैं. ये अष्टपाद (arachnids) होते हैं, जैसे मकड़ी, दीमक, घुन, किलनी/चिचड़ी (tick).

क्या बिच्छू में श्वसन अंग होता है?

बिच्छू में श्वसन अंग उसके मध्यभाग में होता है, जिसमें चार जोड़ा पुस्तफुफ्फुस (book lungs) होते है. बिच्छू में पुस्तफुफ्फुस (book lungs) के अतिरिक्त अन्य श्वसन अंगों का अभाव होता है.

बिच्छू के डंक में क्या पाया जाता है?

बिच्छू के डंक में जो जहर होता है, उसमें ‘क्लोरोटोक्सिन’ (Chlorotoxin) नामक रसायन पाया जाता है. क्लोरोटोक्सिन स्वस्थ और कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं की पहचान करने में सहायक सिद्ध हो सकता है. यह कैंसर के इलाज में सहायक होता है.

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