जन्माष्टमी के बारे में 100 रोचक तथ्य | 100 Interesting Facts About Janmashtami In Hindi

जन्माष्टमी के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Janmashtami In Hindi) जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है। यहां 100 रोचक तथ्य दिए जा रहे हैं:

Interesting Facts About Janmashtami In Hindi

Interesting Facts About Janmashtami In Hindi

1. भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है, जो हर साल भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

2. कंस के अत्याचार से रक्षा के लिए श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

3. कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था।

4. कंस, श्रीकृष्ण के मामा थे, जिन्होंने अपने राज्य को श्रीकृष्ण के भय से अत्याचारों से भर दिया था।

5. श्रीकृष्ण के माता-पिता वासुदेव और देवकी थे।

6. जन्म के तुरंत बाद, वसुदेव ने श्रीकृष्ण को यमुना नदी पार कर गोकुल पहुंचाया।

7. गोकुल में नंद और यशोदा ने श्रीकृष्ण का पालन-पोषण किया।

8. श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था।

9. जन्माष्टमी के दिन दही-हांडी का आयोजन होता है, जो माखन चोरी की लीला को दर्शाता है।

10. श्री कृष्ण का वर्ण श्यामल था, इसी कारण उन्हें श्याम कहा जाता है।

11.  श्रीकृष्ण हमेशा मोर पंख का मुकुट पहनते थे।

12.  बांसुरी श्रीकृष्ण का प्रिय वाद्ययंत्र था।

13. श्रीकृष्ण ने महाभारत के दौरान अर्जुन को गीता का उपदेश दिया।

14. श्रीकृष्ण के बाल सखा सुदामा थे।

15. श्रीकृष्ण का विवाह रुक्मिणी और सत्यभामा से हुआ था।

16. राधा श्रीकृष्ण की परम प्रिया थीं।

17. श्रीकृष्ण के बाल रूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है।

18. श्रीकृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में नंदोत्सव मनाया जाता है।

19. कृष्ण के नामकरण संस्कार के समय, उन्हें ‘कृष्ण’ नाम दिया गया।

20. श्रीकृष्ण को माखन चोर के रूप में भी जाना जाता है।

21. श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था।

22. श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का दमन किया।

23. श्रीकृष्ण ने मथुरा में कंस का वध किया।

24. श्रीकृष्ण की रासलीला उनकी गोपियों के साथ विख्यात है।

25. श्रीकृष्ण के 108 नाम हैं, जिनमें गोविंद, केशव, मुरारी आदि शामिल हैं।

26. श्रीकृष्ण की बाल लीला में माखन चोरी, कालिया मर्दन आदि प्रमुख हैं।

27. बांसुरी वादन से श्री कृष्ण पूरे ब्रज को मोहित किया।

28. भागवत पुराण में श्रीकृष्ण के जीवन का वर्णन मिलता है।

29. श्रीकृष्ण महाभारत के एक प्रमुख पात्र थे।

30. श्रीकृष्ण ने अपने जीवन के अंत में स्वयं को शर (बाण) लगने पर प्राण त्याग दिया।

31. मीरा बाई, सूरदास आदि भक्तों ने कृष्ण भक्ति के गीत रचे।

32. अर्जुन के सारथी के रूप में श्रीकृष्ण ने धर्म का प्रचार किया।

33. “यदा यदा हि धर्मस्य…” श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध वचन है।

34. श्रीकृष्ण ने भक्त प्रहलाद की रक्षा की।

35. रुक्मिणी श्रीकृष्ण की प्रमुख पत्नी थीं।

36. श्रीकृष्ण ने द्वारका नगरी की स्थापना की थी।

37. प्रद्युम्न श्री कृष्ण के प्रमुख पुत्र थे।

38. श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम एक दिव्य प्रेम के रूप में जाना जाता है।

39. कृष्ण की संदेपनी आश्रम में शिक्षा मिली।

40. कृष्ण के उपदेश जीवन में धर्म, कर्म, और भक्ति का महत्व दर्शाते हैं।

41. राधा-कृष्ण के प्रेम की याद में हरियाली तीज मनाई जाती है।

42. कृष्ण सोने की मुकुट, कंठी और अन्य आभूषण पहनते थे।

43. श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया।

44. उन्होंने हमेशा अपने भक्तों की रक्षा की।

45. हनुमानजी भी श्रीकृष्ण के भक्त माने जाते हैं।

46. रुक्मिणी को श्रीकृष्ण की शुद्ध प्रेमिका के रूप में जाना जाता है।

47. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है।

48. श्री कृष्ण की लीला को अद्भुत और दिव्य माना जाता है।

49. द्वारका में श्रीकृष्ण ने अपना अधिकांश जीवन बिताया।

50. मीराबाई का कृष्ण भक्ति पर अटूट विश्वास था।

51. कृष्ण ने गोपियों के साथ प्रकृति में खेलते हुए कई लीलाएं कीं।

52. महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण अर्जुन के सारथी बने।

53. **धार्मिक ग्रंथ**: भगवद गीता में श्रीकृष्ण के उपदेश संकलित हैं।

54. श्रीकृष्ण को सर्वगुण संपन्न माना जाता है।

55. कृष्ण की हँसी में भी एक दिव्य शक्ति थी।

56. योग में श्रीकृष्ण के रूप का ध्यान किया जाता है।

57. कृष्ण ने संदेश दिया कि कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो।

58. अर्जुन ने श्रीकृष्ण के उपदेशों का पालन किया।

59. रास लीला का आयोजन श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति के रूप में होता है।

60. गीता में श्रीकृष्ण ने जीवन के उच्चतम सत्य का ज्ञान दिया।

61. कृष्ण के अनुयायी हर युग में रहे हैं।

62. कृष्ण की योगेश्वर के रूप में भी पूजा जाता है।

63. कृष्ण का बाल्यकाल लीलाओं से भरा था।

64. श्रीकृष्ण ने धर्म की पुनर्स्थापना के लिए कार्य किया।

65. सुदर्शन चक्र श्री कृष्ण के प्रमुख आयुध थे।

66. श्री कृष्ण ने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

67. कृष्ण की कृपा से भक्तों को अनंत सुख प्राप्त होता है।

68. भक्त श्री कृष्ण के नाम की साधना करते हैं।

69. कृष्ण ने ब्रजभूमि में अपना विहार किया।

70. कृष्ण की लीलाएं अद्भुत और अलौकिक मानी जाती हैं।

71. कृष्ण का बाल रूप लड्डू गोपाल के नाम से प्रसिद्ध है।

72. महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामह का सम्मान किया और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की, भले ही वे कौरवों की ओर से लड़ रहे थे।

73. राधा-कृष्ण का प्रेम हर भक्त के लिए भक्ति और प्रेम का आदर्श है।

74. राधा जी के जन्मदिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आता है।

75. महाभारत में श्रीकृष्ण को धर्म, योग और शांति का प्रतीक माना गया है।

76. गोपियाँ श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं और उनकी भक्ति के लिए जानी जाती हैं।

77. कृष्ण का बचपन अनेक अद्वितीय लीलाओं से भरा था, जैसे पूतना वध और शकटासुर का विनाश।

78. श्रीकृष्ण को गौपालक के रूप में भी पूजा जाता है, और गाय उनके जीवन में विशेष स्थान रखती थी।

79. गोपियों के साथ रासलीला करते समय, श्रीकृष्ण ने कई प्रेम गीत गाए।

80. श्रीकृष्ण को विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है।

81. श्रीकृष्ण की महिमा अनंत है, और उन्हें पूर्ण पुरुषोत्तम कहा जाता है।

82. महाभारत युद्ध के पहले, श्रीकृष्ण ने शांति प्रस्ताव रखा था, लेकिन कौरवों ने इसे अस्वीकार कर दिया।

83. कृष्ण की ने महाभारत के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अर्जुन को युद्ध का मार्गदर्शन किया।

84. कृष्ण ने शिक्षा को जीवन का महत्वपूर्ण अंग बताया और धर्म के प्रति निष्ठा की शिक्षा दी।

85. जन्माष्टमी के अलावा गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व भी कृष्ण से जुड़े हुए हैं।

86. गोकुल को कृष्ण की बाल लीलाओं का स्थल माना जाता है।

87. सुदामा और कृष्ण की मित्रता की कहानी आज भी अद्वितीय मानी जाती है।

88. कृष्ण भक्तों को उनकी कृपा से मोक्ष प्राप्त होता है।

89. कृष्ण को सर्वोच्च योगी और आत्मज्ञानी माना गया है।

90. श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह किया था।

91. मथुरा, वृंदावन और द्वारका को श्रीकृष्ण के प्रमुख लीला स्थल माना जाता है।

92. कृष्ण की उपासना में मंत्र, भजन, और कथा का महत्वपूर्ण स्थान है।

93. श्रीकृष्ण के दर्शन में भक्ति, प्रेम और कर्म का सामंजस्य है।

94. भगवद गीता में श्रीकृष्ण की वाणी आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक है।

95. यशोदा मैया ने श्रीकृष्ण के बाल रूप का लालन-पालन किया, और उनके प्रेम की कहानियाँ आज भी सुनी जाती हैं।

96. कृष्ण और राधा का प्रेम संसारिक प्रेम से ऊपर उठकर दिव्यता को दर्शाता है।

97. श्रीकृष्ण की शिक्षा का प्रभाव आज भी अध्यात्म, दर्शन और समाज में देखा जा सकता है।

98. कुब्जा को श्रीकृष्ण ने उसके शरीर को सीधा कर उसे सुंदरता प्रदान की थी।

99. संतों और भक्तों ने श्रीकृष्ण की महिमा का गायन सदियों से किया है।

100. कृष्ण का जीवन प्रेम, भक्ति, साहस, और धर्म की उत्कृष्ट मिसाल है, जो सभी को प्रेरणा देता है।

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