गणेश चतुर्थी के बारे में 100 रोचक तथ्य | 100 Interesting Facts About Ganesh Chaturthi In Hindi 

गणेश चतुर्थी के बारे में 100 रोचक तथ्य (100 Interesting Facts About Ganesh Chaturthi In Hindi) 

Interesting Facts About Ganesh Chaturthi In Hindi

Interesting Facts About Ganesh Chaturthi In Hindi

यहाँ गणेश चतुर्थी के बारे में 100 रोचक तथ्य दिए गए हैं:

1. गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है।

2. इसे “विनायक चतुर्थी” के नाम से भी जाना जाता है।

3. गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जो चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक रहता है।

4. गणेश चतुर्थी को महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।

5. इस त्योहार की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी।

6. गणेश चतुर्थी का उत्सव स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोकमान्य तिलक ने जन जागृति के लिए पुनः प्रारंभ किया।

7. गणेशजी को “विघ्नहर्ता” यानी संकटों को दूर करने वाला माना जाता है।

8. गणेशजी को “सिद्धिदाता” यानी सफलता प्रदान करने वाला भी कहा जाता है।

9. गणेशजी की मूर्ति की स्थापना इस त्योहार का मुख्य अनुष्ठान है।

10. गणेश चतुर्थी पर घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है।

11. गणेशजी को मोदक का भोग सबसे प्रिय है।

12. गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना के बाद 10 दिनों तक गणपति बप्पा की पूजा की जाती है।

13. “गणपति बप्पा मोरया” इस त्योहार का प्रमुख जयघोष है।

14. गणेश चतुर्थी का मुख्य प्रसाद मोदक, लड्डू और अन्य मिठाइयाँ होती हैं।

15. महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के दौरान सार्वजनिक पंडालों की सजावट बहुत भव्य होती है।

16. गणेश चतुर्थी के अवसर पर नाट्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

17. गणेशजी की मूर्ति के विसर्जन से पहले विशेष आरती और पूजन होता है।

18. विसर्जन के समय “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” का नारा लगाया जाता है।

19. गणेश चतुर्थी के दौरान सामाजिक और धार्मिक एकता का माहौल बनता है।

20. इस त्योहार में गजानन गणपति की विशेष रूप से स्थापना की जाती है।

21. गणेशजी को रिद्धि और सिद्धि की सवारी माना जाता है।

22. गणेश चतुर्थी का उत्सव विभिन्न समुदायों को एक साथ लाने का कार्य करता है।

23. गणेशजी को चारों दिशाओं में देख सकने वाली दृष्टि के लिए जाना जाता है।

24. गणेशजी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है।

25. गणेशजी की पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले की जाती है।

26. गणेशजी का वाहन मूषक (चूहा) है।

27. गणेशजी के चार प्रमुख रूप सिद्धिविनायक, धूम्रवर्ण, वक्रतुंड, और महोदर हैं।

28. गणेश चतुर्थी के दौरान लोग अपने घरों और पंडालों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाते हैं।

29. गणेशजी के चार प्रमुख हाथों में से एक में अंकुश, दूसरे में पाश, तीसरे में मोदक, और चौथे में अभय मुद्रा होती है।

30. गणेश चतुर्थी के दौरान बड़ी-बड़ी मूर्तियों का निर्माण किया जाता है, जिनकी ऊंचाई कई फीट तक होती है।

31. पारंपरिक रूप से गणेशजी की मूर्तियों का निर्माण मिट्टी से किया जाता था।

32. पर्यावरण की दृष्टि से अब लोग मिट्टी की मूर्तियों की ओर वापस लौट रहे हैं।

33. गणेश चतुर्थी के दौरान “ध्यानमंत्र”, “गणेश स्तुति”, और “गणेश चालीसा” का पाठ किया जाता है।

34. गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता है, जिसमें दिनभर उपवास और रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत तोड़ा जाता है।

35. महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी पर “लालबागचा राजा” का विशेष महत्व है।

36. गणेशजी को “एकदंत” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उनके एक ही दांत हैं।

37. गणेशजी के टूटे हुए दांत से महाभारत की कथा लिखी गई थी।

38. गणेश चतुर्थी के समय भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है।

39. गणेश चतुर्थी पर परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करते हैं।

40. गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी को विशेष श्रृंगार किया जाता है।

41. गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन जलाशय या नदी में किया जाता है।

42. विसर्जन के समय लोग अपने मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

43. गणेशजी के हाथों में रखी गईं वस्तुएं अलग-अलग प्रतीकों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

44. गणेश चतुर्थी के अवसर पर कई लोग गरीबों को दान करते हैं।

45. गणेश चतुर्थी के दौरान अनेक लोग कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

46. इस त्योहार के समय लोग भगवान गणेश को समर्पित गीत और भजन गाते हैं।

47. गणेशजी को संगीत का ज्ञाता और कला का संरक्षक माना जाता है।

48. गणेश चतुर्थी का उत्सव महाराष्ट्र में सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाता है।

49. गणेश चतुर्थी के दौरान लालबागचा राजा का दर्शन करने के लिए लाखों लोग मुंबई आते हैं।

50. गणेशजी की मूर्तियों को विभिन्न स्वरूपों में प्रस्तुत किया जाता है।

51. गणेश चतुर्थी के दौरान लोग अपने घरों में गणेश जी के लिए विशेष भोग तैयार करते हैं।

52. गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोग अपने मित्रों और परिवार के साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं।

53. गणेशजी की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

54. गणेश चतुर्थी का उत्सव एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

55. गणेशजी को संकटों को दूर करने वाला देवता माना जाता है।

56. गणेश चतुर्थी के समय लोग घरों को रोशनी और रंगोली से सजाते हैं।

57. गणेशजी की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

58. गणेश चतुर्थी के दिन शुभता और समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है।

59. गणेशजी की मूर्ति को चंदन और हल्दी का लेप लगाया जाता है।

60. गणेश चतुर्थी के दौरान लोग एक दूसरे को गणेशोत्सव की बधाई देते हैं।

61. गणेशजी को बुद्धि का देवता माना जाता है।

62. गणेशजी को बच्चे विशेष रूप से प्रिय होते हैं।

63. गणेश चतुर्थी के अवसर पर विशेष जुलूस निकाले जाते हैं।

64. गणेश चतुर्थी के दिन “दूर्वा” का विशेष महत्व होता है, जिसे गणेशजी को अर्पित किया जाता है।

65. गणेशजी की मूर्ति को सिंदूर और रोली से सजाया जाता है।

66. गणेश चतुर्थी के समय लोग भगवान गणेश के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं।

67. गणेश चतुर्थी का उत्सव भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है।

68. गणेशजी की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

69. गणेश चतुर्थी के समय लोग परिवार और मित्रों के साथ सामूहिक भोज का आयोजन करते हैं।

70. गणेश चतुर्थी के दौरान मंदिरों में विशेष पूजा और आरती का आयोजन होता है।

71. गणेशजी की मूर्ति को सिन्दूर से रंजित किया जाता है, जो उनकी कृपा का प्रतीक है।

72. गणेशजी की सवारी मूषक को अद्भुत धैर्य और समझदारी का प्रतीक माना जाता है।

73. गणेश चतुर्थी के समय लोग अपने घरों में गणेशजी की पूजा का विशेष ध्यान रखते हैं।

74. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का अभिषेक किया जाता है।

75. गणेशजी को “वक्रतुंड” के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है टेढ़ी सूंड वाला।

76. गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोग गणेश जी के मंत्रों का जाप करते हैं।

77. गणेश चतुर्थी के समय लोग अपने कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए गणेशजी से प्रार्थना करते हैं।

78. गणेश चतुर्थी का उत्सव भारतीयों के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

79. गणेशजी की मूर्ति को बनाने वाले कलाकार गणेश चतुर्थी से पहले कई महीनों तक कड़ी मेहनत करते हैं।

80. गणेश चतुर्थी के दौरान कई लोग मंदिरों में जाकर गणेशजी के दर्शन करते हैं।

81. गणेश चतुर्थी के समय लोग अपने घरों में गणेशजी के स्वागत की विशेष तैयारी करते हैं।

82. गणेशजी को विघ्नों को दूर करने के लिए पूजा जाता है।

83. गणेशजी को “लम्बोदर” कहा जाता

है, जिसका अर्थ है लंबा पेट वाला, जो उनकी बुद्धिमत्ता और धैर्य का प्रतीक है।  

84. गणेश चतुर्थी के दौरान लोग अपने घरों में गणेश जी की स्थापना से पहले उन्हें विधिपूर्वक स्नान कराते हैं।  

85. गणेशजी की पूजा के लिए विशेष प्रकार की धूप और दीप जलाए जाते हैं, जिन्हें शुभ माना जाता है।  

86. गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी के भक्त उनसे जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।  

87. महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के दौरान पारंपरिक नृत्य और संगीत का भी आयोजन किया जाता है।  

88. गणेशजी को उनके कई नामों जैसे “विनायक”, “गजानन”, और “गणपति” के रूप में पूजा जाता है।  

89. गणेश चतुर्थी के समय गणेशजी के मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है।  

90. गणेशजी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।  

91. गणेश चतुर्थी के समय लोग अपने घरों में गणेशजी के साथ-साथ देवी पार्वती और भगवान शिव की भी पूजा करते हैं।  

92. गणेशजी की पूजा में मुख्य रूप से लाल रंग के फूलों का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह रंग शक्ति और समर्पण का प्रतीक है।  

93. गणेश चतुर्थी के दौरान गणेशजी की मूर्ति का निर्माण विभिन्न सामग्रियों से किया जाता है, जिसमें मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस और पेपर मेशी प्रमुख हैं।  

94. गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की पूजा करने से जीवन में नई शुरुआत का संकेत मिलता है।  

95. गणेशजी को “द्वारपाल” के रूप में भी पूजा जाता है, जो घर और परिवार की रक्षा करते हैं।  

96. गणेश चतुर्थी के समय विशेष रूप से बच्चे गणेशजी की मूर्ति की सजावट में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।  

97. गणेशजी को “गौरीपुत्र” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वे माता पार्वती के पुत्र हैं।  

98. गणेश चतुर्थी के दौरान गणेशजी के प्रसिद्ध 108 नामों का जाप किया जाता है।  

99. गणेशजी की पूजा में नारियल का उपयोग किया जाता है, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक है।  

100. गणेश चतुर्थी का त्योहार न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है, जो लोगों को एकजुट करता है और सामूहिकता की भावना को बढ़ावा देता है।  

गणेश चतुर्थी का यह उत्सव भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही श्रद्धा और भक्ति की भावना को प्रदर्शित करता है।

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