History In Hindi

जीन्स का अविष्कार किसने किया? | Jeans Ka Aviskar Kisne Kiya? | History Of Jeans In Hindi

जीन्स (Jeans) का फैशन सदाबहार है. कोई भी मौसम हो, जीन्स हर मौसम में डिमांड में रहती है. लड़का हो या लड़की, ये हर किसी पर फबती है. देखा जाये, तो यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय परिधानों में से एक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीन्स के जनक कौन हैं और किस तरह से इसका अविष्कार हुआ?

नहीं?

तो आइये आज जानते हैं जीन्स के जनक, अविष्कार और इतिहास के बारे में :

History Of Jeans In Hindi

जीन्स का इतिहास (Origin/History Of Jeans In Hindi)

डेनिम फैब्रिक की खोज/अविष्कार कैसे हुआ? (Facts About Denim History)

जींस के अविष्कार के बारे में जानने के पहले हमें डेनिम फैब्रिक के अविष्कार के बारे में जानना होगा, क्योंकि जींस ‘डेनिम’ या ‘डंगरी’ कपड़े की बनी पैंट होती है. डेनिम शब्द की उत्पत्ति ‘Serge de Nimes’  से हुई है, जो एक फैब्रिक का नाम है. ‘Serge’ फैब्रिक इटली के जेनोआ में निर्मित होता था. 18 वीं शताब्दी में फ्रांस के नेम्स शहर में Serge’ की तरह ही फैब्रिक तैयार करने के प्रयास किया गया, जिसमें वे असफ़ल हुए. वे हूबहू वैसा फैब्रिक तो नहीं बना पाये, मगर जो नया फैब्रिक बना, उसे उन्होंने ‘Serge de Nimes’ नाम दे दिया. जो बाद में छोटा होकर डेनिम (denim) हो गया.

जींस का ख़ोज/अविष्कार किसने किया? (Who First Invented Jeans?)

जीन्स की खोज का श्रेय लीवाइ स्ट्रॉस (Levi Strauss) को जाता है. उनकी कंपनी का नाम ‘Levi Strauss & Co.’ है, जिसकी जीन्स बहुत मशहूर है.

लीवाइ स्ट्रॉस का जन्म 26 फरवरी 1829 को जर्मनी में हुआ था. 18 वर्ष की उम्र तक वे जर्मनी में रहे. उसके बाद 1851 वे अपनी माँ और बहनों के साथ न्यूयॉर्क चले आये, जहाँ उनके बड़े भाई जोनस आर. लुइस का ‘J. Strauss Brothers & Co.’ नामक ड्राई-गुड्स की कंपनी थी. लीवाइ स्ट्रॉस भाई के व्यवसाय में हाथ बंटाने लगे.

अपने भाई की न्यूयॉर्क की ड्राई-गुड्स स्टोर के विस्तार हेतु वे 1853 में 23 वर्ष की उम्र में सैन फ्रांसिस्को आ गए और ड्राई-गुड्स स्टोर की ब्रांच खोल ली. लगभग 20 वर्षों तक वे सैन फ्रांसिस्को में ड्राई-गुड्स का व्यवसाय करते रहे और एक व्यवसायी के साथ ही समाजसेवी के तौर पर भी अच्छा-खासा नाम कमा लिया.

सैन फ्रांसिस्को में चाँदी की खानें थी, जहाँ कई खनिक चाँदी खोजने का काम करते थे. वे खनिक अपने पेंट विशेषकर उसकी जेबों के फटने से परेशान थे. जेबों में चाँदी में ढेले रखने से वो जल्दी फट जाया करती थी. इसलिये वे ऐसी पेंट चाहते थे, जो मजबूत होने के साथ-साथ सुविधाजनक हो और लंबे समय तक चल सके.

एक दिन अल्कली आइक नामक खनिक उस क्षेत्र के एक दर्जी जेकब डेविस (Jacob Davis) के पास आया और अपनी समस्या बताते हुई उसका समाधान करने का अनुरोध किया. जेकब डेविस मुख्यतः टेंट्स, कंबल और सामानों के कवर्स सिलने का काम करता था. लेकिन, वह अल्कली आइक की समस्या के समाधान हेतु सोच-विचार करने लगा.

उसे मजदूरों के लिए मजबूत पेंट बनानी थी, जिसके लिए उसे डेनिम का कपड़ा श्रेष्ठ लगा. वह लीवाइ स्ट्रॉस के स्टोर गया, जहाँ से वह उधार पर कपड़े लाया करता था. वहाँ उसने एक मजबूत डेनिम का कपड़ा पसंद किया और अपनी टेलरिंग शॉप पर आकर उससे पेंट सिल दी. अब समस्या पेंट के जेबों के फटने की थी. उसने इस समस्या को भी हल करने का एक उपाय खोज निकाला. उसने पेंट को मजबूती प्रदान करने के लिए उन जगहों पर तांबे के रिवेट लगा दिये, जहाँ अधिक जोर पड़ता था, मसलन जेब के चारों कोनों और बटन फ्लाय पर. इस तरह यह जीन्स का अविष्कार हुआ. 

लीवाइस जींस का पेटेंट (Levis Jeans Patent)

खनिक अल्कली आइक को डेनिम कपड़े की यह रिवेट वाली पेंट बहुत पसंद आई, क्योंकि इससे उसकी समस्या हल हो चुकी थी. जब वह धन्यवाद देने दर्जी जेकब डेविस के पास पहुँचा, तो जेकब डेविस ने सोचा कि इस तरह ही अन्य समस्त खनिकों की समस्या हल की जा सकती है.

वह अपनी इस खोज का पेटेंट करने के बारे में सोचने लगा. मगर जब उसने इस संबंध में अपनी पत्नी से सलाह की, तो उसने इस विचार को मूर्खतापूर्ण बताया और उसे इस तरह की फिजूलखर्ची न करने की सलाह दी. मगर जेकब डेविस अपने अविष्कार का पेटेंट कराने का इच्छुक था.

उसने पेटेंट की फ़ीस पता की, जो उस समय 68 डॉलर थी. जेकब डेविस के पास उतने पैसे नहीं थे. मगर उसे अपने आईडिया पर यकीन था. इसलिए वह लीवाइ स्ट्रॉस के पास गया. उसने लीवाइ स्ट्रॉस के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि अगर वह पेटेंट की फीस भर दे, तो वे दोनों ही उस पेटेंट के आधे-आधे मालिक बन जायेंगे.

दूरदर्शी लीवाइ स्ट्रॉस को जेकब डेविस की इस खोज में भरपूर संभावना नज़र आई और वे राज़ी हो गए. दोनों ने मिलकर पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया. लेकिन पेटेंट मिलने में देरी हो रही थी.

इस देरी से कुंठित होकर जेकब डेविस ने पेटेंट का अपना आधा हिस्सा भी लीवाइ स्ट्रॉस को बेच दिया. दस माह बाद जब 20 मई 1873 को लीवाइ स्ट्रॉस को पेटेंट मिला, तो वे उस खोज के पूरी तरह मालिक बन गए, जो उन्होंने की ही नहीं थी.

‘लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी’ की स्थापना (Levi Strauss & Co.)

पेटेंट मिलने के बाद उन्होंने रिवेट वाली पेंटों का व्यापक स्तर पर उत्पादन प्रारम्भ किया. 1960 तक इसे “waist overalls” या सिर्फ “overalls” कहा जाता था. इसकी कीमत उन्होंने 22 सेंट रखी तथा इसका प्रचार करने के लिए विज्ञापन निकाले.

विज्ञापन में बताया गया कि यह मुख्यतः किसानों, मैकेनिकों, मजदूरों, खनिकों के लिये बनाई गई है. इसकी मजबूती की गारंटी दी गई और कहा गया कि इसके फटने पर एक नई जीन्स मुफ्त में दी जायेगी. जीन्स को खींचने वाले दो घोड़े लीवाइस जीन्स (Levis Jeans) का ट्रेडमार्क बन गए,

मार्केट में आते ही यह जीन्स लोकप्रिय हो गई. पेटेंट के कारण अगले 20 वर्षों तक रिवेट वाली जीन्स पर लीवाइ स्ट्रॉस का एकाधिकार रहा. बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए इन जीन्सों के निर्माण के लिए कई फैक्ट्रीज खोली गई.

1890 में लीवाइ स्ट्रॉस ने ‘लीवाइ स्ट्रॉस एंड कंपनी’ (Levi Strauss & Co.) स्थापित की. इस जीन्स की बदौलत लीवाइ स्ट्रॉस इतने अमीर बन गए कि अपनी मृत्यु के समय अपने पीछे 60 लाख डॉलर छोड़ कर गए. इस तरह अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए लीवाइ स्ट्रॉसजीन्स क्रांति के जनक” बन गए.  

FAQ (Frequently Asked Questions)

जीन्स का अविष्कार किसने किया?

जीन्स का अविष्कार  लीवाइ स्ट्रॉस और जेकब डेविस ने किया था.

जींस का अविष्कार कब हुआ?

जींस का अविष्कार सन् 1873 में हुआ.

डेनिम जींस के जनक कौन थे?

डेनिम जींस के जनक लीवाइ स्ट्रॉस हैं.

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