Biography In Hindi

गोल्डन गर्ल हिमा दास की जीवनी | Hima Das Biography In Hindi

इस पोस्ट में हम गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर भारतीय एथलीट हिमा दास की जीवनी (Hima Das Biography In Hindi ) शेयर कर रहे हैं. यहाँ पढ़िए Hima Das Ki Jivani : Hima Das date Of Birth, Education, Early Life, Parents AndHima DasHima Das Family, Career, Award, Income, Net Worth, Unknown Facts की पूरी जानकारी.

Hima Das Inspiring Story In Hindi 

Hima Das Biography In Hindi 

Hima Das Inspiring Story In Hindi

भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के एक छोटे से गाँव की १९ वर्ष की लड़की का नाम आज हर किसी की जुबान पर है. उसने कारनामा ही ऐसा कर दिखाया है, जो आज तक कोई भारतीय दिग्गज एथलीट नहीं कर पाया है.

मात्र १८ वर्ष की उम्र में World U-20 Championship 2018 में गोल्ड मैडल हासिल करने वाली पहली भारतीय एथलीट बनने के बाद उसने वर्ष २०१९ में १ माह के भीतर ५ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में गोल्ड मैडल जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया है.  

हम बात कर रहे हैं ‘Golden Girl‘ और ‘Dhing Express’ के नाम से मशहूर sprint runner हिमा दास (Hima Das) की. हिमा दास ने सीमित संसाधनों के साथ अपनी कड़ी मेहनत और जूनून से जो सफ़लता प्राप्त की है, वो काबिले तारीफ है. लेकिन सफ़लता की ये राह इतनी भी आसान नहीं थी. आइये विस्तार से जानते हैं – हिमा दास के जीवन, उनके संघर्ष और सफ़लता के बारे में (Hima Das Biography And Success Story In Hindi) :

हिमा दास का संक्षिप्त परिचय | Hima Das Short Biography In Hindi

Name  Hima Das हिमा दास 
Nick Name Dhing Express, Golden Girl
Birth Date 9 January 2000
Birth Place  Dhing, Nagaon, Assam
Nationality Indian 
Father’s Name Ronjit Das
Mother’s Name Jonali Das
Coach Nipon Das
Height 167 cm (5 Ft. 6 Inch)
Weight 52 Kg
Occupation Athlete, Sprint Runner

हिमा दास का जन्म और प्रारंभिक जीवन (Hima Das Birth, Early Life, Parents And Family)

हिमा दास (Hima Das) का जन्म 9 जनवरी 2000 को असम (Assam) के नगाँव (Nagaon) जिले के ढींग (Dhing) कस्बे के कांधूलिमारी (Kandhulimari Village) नामक गाँव में हुआ था. ढींग गाँव की होने के कारण लोग उन्हें ‘ढींग एक्सप्रेस’ (Dhing Express) के नाम से भी पुकारते हैं.

हिमा के पिता का नाम रणजीत दास (Ronjit Das) है, जो एक कृषक है. वे मुख्य रूप से चांवल की कृषि करते हैं. माता जोनाली दास (Jonali Das) है, जो घर संभालने के साथ ही कृषि के कार्यों में हिमा के पिता का हाथ बंटाती है.

6 भाई-बहनों में हिमा सबसे छोटी है. 17 सदस्यों का उनका एक बड़ा परिवार है. परिवार का पूरा खर्च कृषि से होने वाली आमदनी से चलता था. ज़ाहिर है, कृषि की सीमित आय से इतने बड़े परिवार का पालन-पोषण इतना आसान नहीं था.

हिमा का जीवन अभावों में बीत रहा था. लेकिन अभावों में भी उनके भीतर छुपी प्रतिभा निखरती रही. गाँव के ही एक सरकारी स्कूल ‘ढींग पब्लिक हाई स्कूल’ (Dhing Public High School) में पढ़ने जाने वाली हिमा खेती के काम में अपने पिता की सहायता किया करती थी और जब भी समय मिलता स्कूल के ही सहपाठी लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थी.   

हिमा दास का फुटबॉल से दौड़ की तरफ झुकाव

हिमा दास (Hima Das) की फुटबॉल के खेल में गहरी दिलचस्पी थी और वे बचपन में फुटबाल में अपना भविष्य बनाने के बारे में सोचा करती थी.

लेकिन ‘जवाहर नवोदय विद्यालय’ के शिक्षक शम्स-उल-हक़ ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें सलाह दी थी कि उन्हें फुटबॉल में नहीं बल्कि एथलीट बनने की दिशा में गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए, जहाँ फुटबॉल की अपेक्षा अधिक बेहतर भविष्य की संभावना है. हिमा को शम्स-उल-हक़ की सलाह जंच गई और उसके बाद से उन्होंने दौड़ की तरफ़ ध्यान देना प्रारंभ किया.

हिमा दास ने 2017 में गुवाहाटी में ‘असम युवा कल्याण मंत्रालय’ के द्वारा आयोजित Inter District Competition में 100 और 200 मीटर रेस में हिस्सा लिया. सस्ते जूतों के साथ दौड़ते हुए उन्होंने अपना जुझारूपन दिखाया और प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया.

बिना किसी ट्रेनर के हिमा दास द्वारा किये गए प्रदर्शन पर कोच निपोण दास (Nipon Das) की नज़र पड़ी. वे हिमा से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने हिमा को प्रशिक्षण देने का मन बना लिया.

निपुण दास हिमा के गाँव गए और उनके माता-पिता से मिलकर हिमा को गुवाहाटी भेजने की बात की. हिमा के माता-पिता अपनी बेटी को गुवाहाटी भेजने तैयार नहीं थे. 17 सदस्यों के बड़े परिवार के खर्च के साथ हिमा के प्रशिक्षण का खर्च उठा पाना उनके लिए संभव नहीं था. ऐसे में निपुण दास हिमा के रहने, खाने-पीने और प्रशिक्षण का खर्च स्वयं उठाने को तैयार हो गये और हिमा के माता-पिता को उनकी बात माननी पड़ी.

प्रशिक्षण में पहले दिन से ही हिमा ने अपना दम-ख़म दिखाना शुरू कर दिया. लड़कों के साथ बचपन में फुटबॉल खेलने के कारण उनका स्टेमना जबरदस्त था. निपुण दास ने उन्हें पहले 200 मीटर की रेस के लिए तैयार किया. बाद में उन्होंने महसूस हुआ कि हिमा 400 मीटर रेस के लिए परफेक्ट है.  

हिमा दास का करियर (Hima Das Struggle Story And Career)

शुरुवाती प्रतियोगिता में असफ़लता का सामना

प्रशिक्षण उपरांत हिमा दास (Hima Das) ने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. वह प्रतियोगिता थी – अप्रैल 2018 में Gold Coast, Australia में आयोजित Commonwealth Games. हिमा ने इसमें 400 मीटर रेस और 4×400 मीटर रिले रेस में हिस्सा लिया.

400 मीटर रेस में वे फाइनल में तो पहुँच गई, लेकिन फाइनल में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा. वहाँ उन्होंने 51.32 सेकंड का समय लेते हुए ६वां स्थान प्राप्त किया.

4×400 मीटर रिले रेस में हिमा भारतीय रिले टीम का हिस्सा थी. लेकिन इसमें भी भारतीय टीम फाइनल तक पहुँचकर 7वां स्थान ही हासिल कर पाई.  

अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुवात में मिली असफ़लता से हिमा दास कुछ निराश ज़रूर हुई, लेकिन उन्होंने निराशा को स्वयं पर हावी होने देने के स्थान पर मेहनत पर विश्वास किया. हिमा का फोकस जीत ज्यादा रेस में अपनी टाइमिंग में सुधार करना था. वे जानती थी कि टाइमिंग में सुधार होने से जीत अपने आप ही सुनिश्चित हो जाएगी.

अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक इवेंट में गोल्ड मैडल जीतकर रचा इतिहास

Commonwealth Games में मिली असफ़लता को भुलाने का अवसर हिमा को 2 महिने बाद ही मिल गया. जुलाई 2018 में Tampere, Finland में आयोजित World U-20 Championship 2018 उनके सामने थी और इस बार उन्होंने कोई गलती नहीं की. 400 मीटर के फाइनल में धीमी शुरूवात के बाद 3 प्रतियोगितियों को पीछे छोड़ने हुए 51.46 सेकंड का रिकॉर्ड समय लेते हुए उन्होंने गोल्ड मैडल अपने नाम कर लिया और किसी भी International Track Event में गोल्ड मैडल जीतने वाली पहली भारतीय धाविका बनकर इतिहास रच दिया. ऐसा कारनामा कर दिखाने वाली वो पहली भारतीय एथलीट हैं. जब उन्होंने यह कारनामा किया, तब उनकी उम्र मात्र 18 वर्ष थी.

2018 के एशियाई खेल में शानदार प्रदर्शन

World U-20 Championship 2018 में गोल्ड मैडल जीतने के बाद हिमा दास का आत्मविश्वास बढ़ चुका था. उन्होंने 2018 में आयोजित जकार्ता, इंडोनेशिया में आयोजित एशियाई खेलों (Aisan Games 2018) में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा.

  1. 400 मीटर फाइनल रेस में हिमा ने नेशनल रिकॉर्ड में सुधार करते हुए 50.79 सेकंड में रेस पूरी की और सिल्वर मैडल प्राप्त किया.
  2. 4×400 मीटर महिला रिले रेस में हिमा ने भारतीय टीम के साथ हिस्सा लिया. इस रेस में भारतीय टीम ने गोल्ड मैडल जीता.
  3. 4×400 मीटर मिक्स रिले रेस में भारतीय टीम रहते हुए हिमा ने गोल्ड मैडल जीतने में अहम भूमिका निभाई.

एक  माह में 5 गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रच देने का कारनामा

2019 का जुलाई माह हिमा दास के करियर के सुनहरे दौर के रूप में हमेशा याद किया जायेगा. इस एक माह में हिमा दास ने 5 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और अपने प्रदर्शन से न केवन भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया. प्रतियोगितावार उनका प्रदर्शन इस प्रकार रहा :

  1. 2 जुलाई 2019 को Poland में आयोजित Poznan Athletics Grand Prix में हिमा दास ने 200 मीटर रेस में 23.65 सेकंड का समय लेकर गोल्ड मैडल पर कब्ज़ा जमाया.
  2. 7 जुलाई 2019 को Poland के Kutno Athletics Meet में 200 मीटर रेस में 23.97 सेकंड का समय लेकर गोल्ड मैडल प्राप्त किया.
  3. 13 जुलाई 2019 को Czech Republic में आयोजित Kladno Athletics Meet में 200 मीटर रेस में 23.43 सेकंड का समय लेकर गोल्ड मैडल जीता.
  4. 17 जुलाई 2019 को Czech Republic में आयोजित Tabor Athletics Meet में 200 मीटर रेस में 23.25 सेकंड के साथ सोने का तमगा हासिल किया.
  5. 20 जुलाई 2019 को Nove Mesto, Czech Republic में ४०० मीटर रेस में 52.09 सेकंड का समय लेकर उन्होंने गोल्ड मैडल हासिल किया.

एक माह में ही 5 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीतकर हिमा दास ने वो कारनामा कर दिखाया, जो आज तक कोई भी भारतीय एथलीट नहीं कर पाया था.    

हिमा दास को मिले पुरूस्कार और सम्मान (Hima Das Awards And Recognition)

  1. 25 सितंबर 2018 को भारत के राष्ट्रपति के द्वारा हिमा दास को अर्जुन अवार्ड (Arjun Award) से सम्मानित किया गया.
  2. 14 नवंबर 2018 को हिमा दास UNICEF-India की पहली youth ambassador नियुक्त की गई.
  3. असम सरकार (Assam Government) द्वारा हिमा दास को स्पोर्ट्स के लिए असम का Brand Ambassador बनाया गया.
  4. सितंबर 2018 Adidas के द्वारा हिमा दास के साथ endorsement deal sign की गई और उन्हें अपना Brand Ambassador बनाया गया.
  5. Vogue Magazine ने नवंबर 2018 में हिमा दास को Sportswoman of the Year का अवार्ड दिया और उन्हें अपने कवर पेज पर स्थान दिया.
  6. 1 माह के अंदर 5 गोल्ड मैडल जीतने वाली गोल्डन गर्ल हिमा दास की उपलब्धियों की देखते हुए उनके सम्मान में जुलाई 2019 में Bannerghatta Biological Park, Bengaluru को ‘Tigress Club Hima’ नाम दिया गया.
  7. हिमा दास Femina India और LA India जैसी magazine के कवर पेज पर भी स्थान पा चुकी हैं. 

हिमा दास की आय और वेतन (Hima Das Income And Salary)

वर्तमान में हिमा दास असम राज्य में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। इस पद पर उनका वेतन लगभग ₹50000 से ₹70000 है।

इसके अतिरिक्त वे कई ब्रांड्स का प्रोमोशन करती है। उनकी adidas के साथ ₹1.5 करोड़ की डील हुई है। इसके अतिरिक्त उन्होंने Infinity Optimal Solution Mumbai के साथ भी डील साइन की है। वे Star Cement, State Bank Of India का भी ब्रांड प्रोमोशन कर चुकी हैं।

हिमा दास की नेटवर्थ (Hima Das net worth)

वर्ष 2021 में हिमा दास की नेट वर्थ 5 मिलियन डॉलर थी, जो इंडियन करंसी में तकरीबन ₹3.6 करोड़ है। हिमा दास की आय का स्रोत उनकी जॉब से प्राप्त वेतन है। वर्तमान में वह असम में डी एस पी के पद पर कार्यरत हैं, जहाँ उनका वेतन लगभग ₹50000 से ₹70000 है। इसके अतिरिक्त ब्रांड एंडोर्समेंट उनकी आय का स्रोत है। उनकी ब्रांड एंडोर्समेंट की फीस लगभग ₹10 लाख है और ब्रांड एंडोर्समेंट से सालाना आय लगभग ₹60 लाख है।

हिमा दास के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Hima Das In Hindi)

१. हिमा दास का पसंदीदा खेल फुटबॉल और रेसिंग है.
२. हिमा दास के पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी निकोलस वेलेज़ हैं.
३. हिमा दास के पसंदीदा एथलीट अश्विनी अक्कुंजी हैं.
४. हिमा दास के पसंदीदा अभिनेता विक्की कौशल और पसंदीदा अभिनेत्री अलिया भट्ट है.
५. हिमा दास की पसंदीदा फिल्म मों जय (असमिया फिल्म), मिशन चाइना (असमिया And  फिल्म) है.
६. हिमा दास के पसंदीदा गायक ज़ुबीन गर्ग हैं.
७. हिमा दास की पसंदीदा जगह शिमला, हिमांचल प्रदेश है.

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