एक लालची राजा की कहानी | Greedy King Story In Hindi 

एक लालची राजा की कहानी (Greedy King Story In Hindi) Ek Lalchi Raja Ki Kahani इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। पढ़िए :

Greedy King Story In Hindi

Table of Contents

एक विशाल राज्य में, राजा विक्रम नामक एक शक्तिशाली और सम्मानित राजा रहता था। उनके पास प्रचुर मात्रा में धन-संपत्ति थी, लेकिन उनमें एक भयानक लालच भी था। वह लगातार अधिक से अधिक सोना जमा करने का प्रयास करता था, जिसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते थे। 

राज्य के सभी लोग राजा विक्रम के लालच से त्रस्त थे। उन्होंने भारी कर लगाए थे, जिसके कारण लोगों का जीवन कठिन हो गया था। राजा ने मंदिरों और गरीबों से भी धन छीन लिया था, जिससे लोगों में उनके प्रति रोष बढ़ गया था।

एक दिन राजा विक्रम को एक रहस्यमय सपना आया। सपने में, एक बूढ़े साधु ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अपना लालच नहीं छोड़ा, तो उन्हें भयानक परिणाम भुगतने होंगे। साधु ने कहा कि लालच उन्हें अंधा कर देगा और उन्हें बर्बादी की ओर ले जाएगा। 

लेकिन राजा विक्रम ने सपने को नजरअंदाज कर दिया। वह अपने लालच में इतने अंधे हो गए थे कि उन्होंने किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं था। उन्होंने सोचा कि धन ही सब कुछ है और वे इसके बिना नहीं रह सकते।

कुछ समय बाद, राज्य में एक भयानक सूखा पड़ गया। फसलें नष्ट हो गईं और लोग भूख से मरने लगे। लेकिन राजा विक्रम ने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया। उनकी नजर केवल अपने सोने के ढेर पर थी। उन्होंने सोचा कि उनके पास पहले से ही बहुत धन है, इसलिए उन्हें दूसरों की परवाह करने की आवश्यकता नहीं है।

राज्य के लोग क्रोधित हो गए। उन्होंने महसूस किया कि राजा विक्रम केवल अपनी परवाह करते थे और उनके दुखों की कोई परवाह नहीं करते थे। उन्होंने राजा के खिलाफ विद्रोह कर दिया और महल पर धावा बोल दिया। 

लोगों ने राजा विक्रम को बंदी बना लिया और उन्हें सिंहासन से उतार दिया। उन्होंने एक नए राजा का चुनाव किया जो दयालु और न्यायप्रिय था। राजा विक्रम को अपनी गलती का एहसास हुआ। वह बहुत पश्चाताप करने लगे और उन्होंने लोगों से माफी मांगी।

उन्होंने वादा किया कि वे अपना लालच त्याग देंगे और लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे। लोगों ने उनकी माफी स्वीकार कर ली और उन्हें एक बार फिर राजा के रूप में स्वीकार कर लिया। 

राजा विक्रम ने अपना वादा निभाया। उन्होंने अपना लालच त्याग दिया और अपने लोगों की भलाई के लिए काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने करों को कम कर दिया, गरीबों की मदद की और राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया। 

राज्य में फिर से शांति और समृद्धि लौट आई। लोग खुश थे और राजा विक्रम एक प्रिय और सम्मानित शासक बन गए। उन्होंने सीखा कि सच्चा सुख धन-दौलत में नहीं, बल्कि दूसरों की सेवा करने और उनके जीवन में खुशी लाने में होता है।

सीख

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि लालच एक बुरी चीज है। यह हमें अंधा बना सकता है और हमें भयानक परिणामों की ओर ले जा सकता है। हमें हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए और दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए। सच्चा सुख धन-दौलत में नहीं, बल्कि दूसरों के प्रति दया और करुणा में होता है।

आशा है आपको Ek Lalchi Raja Ki Kahani पसंद आई होगी। Hindi Kahani पढ़ने के लिए हमें subscribe ज़रूर करें। धन्यवाद!

एक लालची आदमी की कहानी

एक लालची किसान की कहानी

ईमानदार लकड़हारा की कहानी 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top