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CRYPTO के क्षेत्र में नया धमाका – GoSats की सफलता की कहानी | CRYPTO Story : GoSats Success Story In Hindi 

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GoSats Success Story In Hindi 

क्रिप्टोकरेंसी का बढ़ता बाज़ार और भविष्य में उसकी संभावनाओं को देखकर भाई बहन मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम ने वर्ष 2021 में अपने स्टार्टअप GoSats की स्थापना की। GoSats किसी भी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन शॉपिंग करने पर रिवार्ड के रूप में बिटकॉइन प्रदान करता हैं। कंपनी वर्ष 2021 में प्रारंभ हुई और वर्तमान में इसका टर्न ओवर 3 करोड़ रुपए हैं। मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम को अगले वर्ष तक कंपनी का टर्न ओवर 15 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

GoSats Success Story In Hindi 

GoSats क्या है?

GoSats एक बिटकॉइन रिवार्ड प्लेटफॉर्म है, जो जोखिम मुक्त तरीके से बिटकॉइन में निवेश को बढ़ावा दे रहा है। कस्टमर किसी भी ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से शॉपिंग करें, GoSats उन्हें रिवार्ड के रूप में बिटकॉइन प्रदान करता है। इस तरह लोग शॉपिंग करते हुए बिटकॉइन की कमाई कर सकते हैं, जो एक बड़ी फाइनेंशियल एसेट है। कैशबैक, पॉइंट्स, या कॉइन के मुकाबले ये कहीं बेहतर रिवार्ड है, जो सेविंग्स में बढ़ोत्तरी करता है। इसमें रिवार्ड की कीमत बिटकॉइन की कीमत के साथ बढ़ती जाती है। बिटकॉइन को आसानी से एक्सचेंज किया जा सकता है और इसमें किसी प्रकार की एक्सपायरी डेट या दूसरी लिमिटेशन नहीं होती।

GoSats के फाउंडर्स कौन हैं?

कंपनी के सीईओ मोहम्मद रोशन एक इंजीनियर है। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग डिग्री ‘ श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन ब्रांच में प्राप्त की। जनवरी 2014 में उन्होंने अपना पहला बिटकॉइन खरीदा था। उसके बाद से वे सक्रिय तौर पर ब्लॉकचेन/क्रिप्टो इंडस्ट्री में काम करते रहे। उन्होंने भारत की पहली क्रिप्टोकरेंसी SaffronCoin बनाई। उन्होंने चीफ साइंटिस्ट के तौर पर भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Unocoin में 18 महीने काम किया। उसके बाद उन्होंने Throughbit ज्वाइन कर ली और वहां सीटीओ के तौर पर काम करने लगे।

वहीं दूसरी ओर कंपनी की हेड ऑफ फाइनेंस रोशनी असलम ने यूनाइटेड किंगडम की university of Strathclyde से फाइनेंस में M.Sc की डिग्री हासिल की। Msc करने के बाद इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट के तौर पर क्रिप्टोकरंसी और डिजिटल एसेट इन्वेस्टमेंट फंड Alphabit में काम किया। ONEX AE में उन्होंने सीनियर रिसर्च एनालिस्ट के तौर पर काम किया, जो दुबई की एक फाइनेंशियल कंसल्टेंसी फर्म है।

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कैसे हुई GoSats की शुरुवात?

क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते हुए मार्केट को देखकर मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा स्टार्टअप प्रारंभ करने का फैसला लिया। उन्होंने देखा कि बिटकॉइन, एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसीज लोगों का ध्यान खींच रही है और लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने लगे हैं। डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) क्रिप्टो करेंसी ट्रांसेक्शन, एक्सचेंज और फाइनेंशियल सर्विसेज को ऑर्गेनाइज करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वहीं बिटकॉइन की तरह NFTs (non-fungible token) भी लोगों में प्रचलित होने लगा है। निवेश के नए तरीकों की तरफ लोग आकर्षित हुए हैं और क्रिप्टोकरेंसी का बाज़ार लगातार प्रगति कर रहा है। अनुमान अनुसार, वर्ष 2026 तक क्रिप्टो करेंसी का मार्केट 2.2 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंच जायेगा।

इन संभावनाओं को देखते हुए मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम ने अपनी कंपनी GoSats की शुरुआत की। कंपनी की शुरुवात करने के लिए उन्होंने अपने 20 लाख रुपये की कीमत के बिटकॉइन बेच दिए थे और अपनी कंपनी की नींव रखी थी। 

GoSats पर कैसे कमाएं बिटकॉइन?

GoSats पर बिटकॉइन कमाने के दो तरीके हैं :

1) GoSats कार्ड से – कस्टमर GoSats कार्ड से ट्रांसेक्शन कर सकते हैं और बिटकॉइन रिवार्ड हासिल कर सकते हैं। प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर यूजर को 1.5% बिटकॉइन मिलते हैं।

2) ब्रांड्स के वाउचर द्वारा – जिन ब्रांड्स के साथ GoSats ने करार किया हुआ है, उनके वाउचर पर शॉपिंग करके भी यूजर बिटकॉइन कमा सकते हैं।

GoSats के सामने आई चुनौतियां

प्रारंभ से ही GoSates को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कंपनी की शुरुवात के लिए ही दोनों फाउंडर्स को अपने 20 लाख रुपये की कीमत के बिटकॉइन बेचने पड़े थे। फंड जुगाड़ कर उससे उबरे, तो अन्य चुनौतियां सामने थीं :

अप्रूवल प्राप्त करने में समस्या

GoSats की शुरुवात करने के लिए विभिन्न विभागों से स्वीकृति प्राप्त करने में कठिनाइयां हुई, क्योंकि उन्हें ये समझाने में वक्त लगा कि GoSats एक्सचेंज नहीं है। यहां बिटकॉइन में पेमेंट नहीं किया जाता। GoSats Cards के सभी पेमेंट्स यूजर के बैंक खाते से होते हैं। काफ़ी माथा पच्ची के बाद उन्हें अप्रूवल मिला और वे अपने बिजनेस को आगे ले जा पाए।

बाजार को शिक्षित करने की समस्या

प्रारंभ में बाजार को शिक्षित करना भी एक बड़ी समस्या रही। बाजार के लिए अब तक क्रिप्टो प्रॉडक्ट एक्सचेंज या टोकन था। जबकि GoSats का बिज़नेस मॉडल अलग था। ये न तो टोकन था न ही एक्सचेंज। उनके नए कांसेप्ट को समझने में वक्त लगा।

GoSats को मिली फंडिंग

GoSats की शुरुआत करते समय इसके फाउंडर को 30 लाख कीमत के बिटकॉइंस बेचने पड़े थे। मगर कंपनी की शुरुवात के बाद GoSats ने फंडिंग जुटाना शुरू किया।

कंपनी को पहली फंडिंग अगस्त 2021 में 700,000 डॉलर की मिली।

कंपनी को दूसरी फंडिंग जून 2022 में अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में 4 करोड़ डॉलर की मिली।

GoSats का बिजनेस मॉडल 

GoSats का बिजनेस मॉडल तैयार करते समय ही मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम ने फैसला कर लिया था कि वे लोग ट्रेडिंग में नहीं उतरेंगे। उनके बिजनेस की बुनियाद की यूजर्स को रिवार्ड के रूप में क्रिप्टोकरेंसी प्रदान करना है और उनका क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को सरल बनाना हैं। वर्तमान में GoSats का बिज़नेस मॉडल तीन तरीकों से पैसा कमाता है :

1. एफिलिएट फीस

2. इंटरचेंज फीस

3. कार्ड सब्सक्रिप्शन 

GoSats का रेवेन्यू कितना है?

GoSats के पास वर्तमान में 2.5 लाख का कस्टमर यूजर्स बेस है और कंपनी का नेट रेवेन्यू ₹3 करोड़ वार्षिक है। आगामी वित्तीय वर्ष में कंपनी के नेट रेवेन्यू में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है और कंपनी का टारगेट ₹15 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त करने का है।

GoSats की भविष्य की योजनाएं क्या हैं?

1. GoSats अपने यूजर्स को सरल से सरल तरीका प्रदान करना चाहती है, जिससे वे बिटकॉइन अर्जित कर सकें।

2. GoSats अधिक से अधिक यूजर्स को जोड़कर अपना कस्टमर बेस बढ़ाना चाहती है।

3. नए नए ब्रांड्स से पार्टनरशिप कर बिज़नेस का विस्तार करना है।

4. यूजर्स के लिए कई नए फीचर्स लॉन्च करना है, ताकि यूजर्स को बिटकॉइन स्टैकिंग का अच्छा एक्सपीरियंस मिल सके और बिटकॉइन में निवेश के लिए एक बेहतरीन इको सिस्टम तैयार हो सके।

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