भगवान श्रीकृष्ण के बारे में रोचक तथ्य (Facts About Lord Krishna In Hindi)
Facts About Lord Krishna In Hindi
Table of Contents
यहाँ भगवान कृष्ण के बारे में 50 रोचक तथ्य दिए गए हैं:
1. जन्म: भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। उनके जन्मदिन को “जन्माष्टमी” के रूप में मनाया जाता है।
2. माता-पिता: कृष्ण के माता-पिता वासुदेव और देवकी थे। उनका पालन-पोषण नंद और यशोदा ने किया था।
3. कंस वध: कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया, जो एक अत्याचारी राजा था।
4. गोकुल में बाल लीला: कृष्ण ने गोकुल में अपने बालसुलभ क्रीड़ाओं से सबका मन मोह लिया। वे माखन चुराने के लिए प्रसिद्ध थे।
5. कालिया नाग वध: बाल कृष्ण ने यमुना नदी में रहने वाले विषैले नाग कालिया को परास्त कर उसे वहां से भगाया।
6. गोवर्धन पर्वत उठाना: इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था।
7. रासलीला: कृष्ण और गोपियों के साथ उनकी रासलीला प्रसिद्ध है, जो भक्ति और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है।
8. राधा: कृष्ण की परम भक्त और प्रेमिका राधा के साथ उनका संबंध अत्यधिक चर्चित है। राधा-कृष्ण को अविभाज्य माना जाता है।
9. सुदर्शन चक्र: कृष्ण के पास सुदर्शन चक्र था, जो अजेय था और उन्होंने इसे कई बार दुश्मनों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया।
10. मुरली: कृष्ण की बांसुरी (मुरली) उनकी पहचान थी। उनके मुरली की धुन पर गोपियाँ और ग्वाल-बाल मोहित हो जाते थे।
11. कुरुक्षेत्र युद्ध: महाभारत के युद्ध में कृष्ण अर्जुन के सारथी बने और उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया।
12. भगवद गीता: भगवद गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संग्रह है, जिसमें जीवन के गूढ़ रहस्यों का वर्णन है।
13. द्वारका नगरी: कृष्ण ने मथुरा से द्वारका नगरी की स्थापना की थी, जो एक समृद्ध राज्य था।
14. कृष्ण का रंग: कृष्ण का वर्ण श्याम (काला) था। उनका यह रूप अत्यंत मोहक और आकर्षक माना जाता है।
15. उद्धव संदेश: कृष्ण ने अपने मित्र उद्धव के माध्यम से गोपियों को आध्यात्मिक संदेश भेजा था।
16. कंस वध के बाद: कंस के वध के बाद, कृष्ण ने अपने माता-पिता को कारागार से मुक्त कराया।
17. रुक्मिणी विवाह: कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण करके उनसे विवाह किया। रुक्मिणी को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
18. कई पत्नियाँ: कृष्ण की 16,108 पत्नियाँ थीं, जिनमें रुक्मिणी, सत्यभामा और जाम्बवती प्रमुख थीं।
19. कृष्ण का राज्याभिषेक: द्वारका में कृष्ण का राज्याभिषेक हुआ था और उन्होंने एक आदर्श राज्य की स्थापना की।
20. बलराम: बलराम, कृष्ण के बड़े भाई थे और उनके प्रमुख साथी थे। बलराम को शेषनाग का अवतार माना जाता है।
21. सुदामा और कृष्ण की मित्रता : कृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग प्रसिद्ध है, जिसमें सुदामा की गरीबी दूर करने के लिए कृष्ण ने उन्हें धन-धान्य से भर दिया था।
22. भक्त प्रह्लाद: कृष्ण ने नरसिंह अवतार में भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी।
23. मधु और कैटभ वध: कृष्ण ने मधु और कैटभ नामक दैत्यों का वध किया था।
24. कृष्ण की शिक्षा: कृष्ण ने अपनी शिक्षा ऋषि संदीपनी के आश्रम में प्राप्त की थी।
25. गोवर्धन पूजा की शुरुआत: कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की शुरुआत की थी, ताकि लोगों को इंद्र के क्रोध से बचाया जा सके।
26. अर्जुन का मित्र: महाभारत में अर्जुन और कृष्ण की गहरी मित्रता का वर्णन है। कृष्ण ने अर्जुन को सच्चे मित्र के रूप में मार्गदर्शन किया।
27. द्वारका का निर्माण: कृष्ण ने द्वारका नगरी का निर्माण समुद्र के किनारे करवाया था।
28. महाभारत के सूत्रधार: कृष्ण महाभारत युद्ध के प्रमुख सूत्रधार थे, जिन्होंने धर्म की स्थापना के लिए पांडवों का साथ दिया।
29. कृष्ण और कुब्जा: मथुरा में कुब्जा नामक एक विकलांग महिला को कृष्ण ने स्पर्श मात्र से सुंदर बना दिया था।
30. कृष्ण की मृत्यु: कृष्ण ने अपना शरीर त्यागने का समय खुद ही चुना और अंततः एक शिकारी के बाण से उनकी मृत्यु हुई।
31. कृष्ण का पुनर्जन्म: भगवान कृष्ण को विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है।
32. कृष्ण और शिशुपाल: कृष्ण ने शिशुपाल के सौ अपराधों को माफ किया और फिर उसका वध किया।
33. भीष्म के प्रति सम्मान: महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह के प्रति कृष्ण का आदर और सम्मान दिखाई देता है।
34. शांति का प्रयास: युद्ध से पहले कृष्ण ने शांति दूत बनकर कौरवों से समझौता करने का प्रयास किया था, लेकिन वे असफल रहे।
35. कृष्ण और युधिष्ठिर: महाभारत के युद्ध के बाद, युधिष्ठिर को धर्मराज बनाने में कृष्ण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
36. सुभद्रा: कृष्ण की बहन सुभद्रा अर्जुन की पत्नी बनीं और अभिमन्यु उनकी संतान था।
37. कृष्ण का तेज: महाभारत में वर्णित है कि जब भी कृष्ण ने अपना विराट स्वरूप दिखाया, तो उनका तेज असहनीय हो जाता था।
38. कृष्ण और द्रौपदी: कृष्ण और द्रौपदी का संबंध भाई-बहन जैसा था। कृष्ण ने द्रौपदी का चीरहरण से बचाया।
39. मिश्रित अवतार: भगवान कृष्ण का अवतार मिश्रित अवतार था, जिसमें आधे गुण नर (मानव) और आधे गुण नारायण (ईश्वर) के थे।
40. कृष्ण की नीति: कृष्ण की नीति ‘सर्वजन हिताय’ थी, जिसमें उन्होंने हमेशा धर्म की स्थापना का प्रयास किया।
41. गोकुल में नाम: गोकुल में कृष्ण को प्यार से ‘कन्हैया’, ‘गोपाल’, ‘मुरलीधर’ जैसे नामों से बुलाया जाता था।
42. कृष्ण और मीराबाई: मीराबाई भगवान कृष्ण की परम भक्त थीं, जिन्होंने कृष्ण को अपने पति के रूप में स्वीकार किया।
43. कृष्ण की शिक्षा: कृष्ण ने कहा कि जीवन में कर्म करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
44. सत्य का प्रतीक: कृष्ण सत्य के प्रतीक माने जाते हैं और उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए कई बार असत्य का भी सहारा लिया।
45. कृष्ण की धैर्यता: कृष्ण ने जीवन के हर कठिन समय में धैर्य और संयम का पालन किया।
46. अकुरुर: अकुरुर कृष्ण के प्रिय भक्त और मंत्री थे जिन्होंने उन्हें गोकुल से मथुरा लाने का काम किया।
47. पारिजात वृक्ष: कृष्ण ने सत्यभामा के लिए स्वर्ग से पारिजात वृक्ष लाकर उसे द्वारका में लगाया था।
48. कृष्ण और अष्टसखियाँ: राधा के साथ कृष्ण की अष्टसखियाँ भी प्रसिद्ध हैं, जो उनके साथ रासलीला में भाग लेती थीं।
49. कृष्ण और नारद: देवर्षि नारद भी कृष्ण के प्रिय भक्त थे और उनके जीवन में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का सूत्रधार बने।
50. कृष्ण की अखंड भक्ति: कृष्ण के प्रति भक्ति का अर्थ है जीवन के सभी रिश्तों में भगवान को सर्वोपरि रखना। उनके जीवन के प्रत्येक पहलू में भक्ति और प्रेम का संदेश छिपा है।