ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें? Dragon Fruit Farming Business Idea In Hindi

इस लेख में ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें? (Dragon Fruit Farming Business Idea In Hindi) Dragon Fruit Ki Kheti Kaise Karen, Dragon Fruit Cultivation : Benefits, Climate, Soil, Temperature, Fertilizer, Land Preparation, Cost, Profit के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।

Dragon Fruit Farming Business Idea In Hindi

आजकल किसान पारंपरिक खेती से हटकर व्यवसायिक खेती की तरफ अधिक ध्यान देने लगे हैं, क्योंकि उनमें व्यवसायिक लाभ अधिक है। इसी क्रम में ड्रैगन फ्रूट की खेती भी की जा रही है। इम्यूनिटी वृद्धि और अन्य स्वास्थ्यवर्धक लाभ के कारण कोरोना काल के बाद भारत में ड्रैगन फ्रूट की डिमांड बढ़ी है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, हाईफाइबर, विटामिन्स और कैलशियम आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, वजन घटाने, कोलेस्ट्राल कम करने, खून पतला करने के लिए, आंतो के लिए, कैंसर से बचाव के लिए भी इस फल को खाने की सलाह दी जाती है।

भारत में 70% ड्रैगन फ्रूट विदेशों से आयात किया जाता है। बढ़ती मांग और भारत में इस फल की कमी को देखते हुए किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ आकर्षित हुए हैं।

ड्रैगन फ्रूट व्यवसायिक दृष्टि से किसानों के लिए काफ़ी लग्भदायक है, क्योंकि एक बार लगाए जाने पर यह 25 सालों तक फल देता है और इससे सालाना ₹15 लाख से ₹25 लाख तक का लाभ कमाया जा सकता है।

इस लेख में ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में पूरी जानकारी (Dragon Fruit Farming Business Idea In Hindi) विस्तार से दी जा रही है।

ड्रैगन फ्रूट क्या है? | What Is Dragon Fruit?

Table of Contents

ड्रैगन फ्रूट गुलाबी रंग का मीठा रसीला फल है, जिसे हिंदी में पिताया कहते हैं। यह कैक्टस प्रजाति का पौधा है। ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम सेलेनिकेरेस अनडाटस (पूर्व नाम – हिलोकेरेस अंडटस) है। कमल जैसा दिखने के कारण गुजरात सरकार ने इस फल को कमलम नाम दिया है।

ड्रैगन फ्रूट की कितनी प्रजातियां होती हैं? | Types Of Dragon Fruit 

ड्रैगन फ्रूट की तीन प्रजातियां होती हैं :

1. सफेद गूदे वाला गुलाबी रंग का ड्रैगन फ्रूट : यह मीठा होता है। बाज़ार में सबसे ज्यादा डिमांड इसी की होती है।

2. लाल गूदे वाला गुलाबी रंग का ड्रैगन फ्रूट : ये थोड़ा फीके स्वाद का होता है। मधुमेह के रोगियों के लिए ये काफ़ी लाभप्रद होता है।

3. सफेद गूदे वाला पीले रंग का ड्रैगन फ्रूट : ये स्वाद में खट्टा मीठा होता है।

इन्हीं तीन प्रकारों में ड्रैगन फ्रूट 200 से अधिक वैरायटी दुनिया में मौजूद है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती किन देशों में की जाती है? | Dragon Fruit Producing Countries 

ड्रैगन फ्रूट मुख्यत: दक्षिण पूर्व एशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, कैरिबियन, ऑस्ट्रेलिया, मेसोअमेरिका में उगाया जाता है। इसकी कृषि उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।

भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती किन राज्यों में की जाती है? | Dragon Fruit Farming In India

भारत में यह ड्रैगन फ्रूट कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उगाया जाता है।

ड्रैगन फ्रूट का क्या उपयोग है? | Uses Of Dragon Fruit 

भारत में पहले लोग ड्रैगन फ्रूट से अधिक परिचित नहीं थे। लेकिन इसके गुण और इस्तेमाल की जानकारी होने के बाद से इसकी मांग बढ़ी है। भारत में इसकी सीमित या न के बराबर खेती होने से ये बड़ी मात्रा में विदेशों से निर्यात किया जाता है। ड्रैगन फ्रूट का इस प्रकार इस्तेमाल होता है :

  • ड्रैगन फ्रूट को फल के रूप में खाया जाता है। ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और कैलशियम होने के कारण इम्यूनिटी बढ़ाने, वजन कम करने, कोलेस्ट्राल कम करने, खून पतला करने, आतों के रोग, मधुमेह के रोग, किडनी रोग से बचाव और कई स्वास्थ्य लाभ के लिए ये एक उपयोगी फल है। 
  • फल के रूप में खाने के अतिरिक्त जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस और वाइन आदि बनाने में भी ड्रैगन फ्रूट इस्तेमाल किया जाता है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के फायदे | Dragon Fruit Farming Business Benefits 

भारत में लोग पहले ड्रैगन फ्रूट के बारे में नहीं जानते थे। लेकिन कोरोना काल के दौरान लोगों ने इसके स्वास्थ्य वर्धक फायदों के बारे में जाना और इसकी मांग बढ़ने लगी। भारत में इसकी खेती कम होने के कारण ये विदेशों से आयात किया जाता है। मांग बढ़ने के कारण और अच्छा मुनाफा होने के कारण लोग इस फल की तरफ आकर्षित हुए हैं। 

ड्रैगन फ्रूट एक नगदी फसल है। इसकी खेती कई प्रकार से फायदेमंद है।

1. एक बार लगाने के बाद ड्रैगन फ्रूट का पौधा 25 साल तक रहता है और 25 सालों तक इससे फल प्राप्त होते रहते हैं। इस प्रकार ड्रैगन फ्रूट लगाने में शुरुवाती खर्च के बाद थोड़े बहुत मेंटेनेंस के साथ 25 साल तक मुनाफा कमाया जा सकता है।

2. ड्रैगन फूट का पौधा लगातार 6-7 महीने फल देता है। मई जून में इसमें फल लगने शुरू होते हैं। उसके बाद से दिसंबर – जनवरी तक इसके पौधे में फल लगते रहते हैं। ऐसा और कोई पौधा नहीं है, जो इतने महीने लगातार फल देता है।

3. ड्रैगन फ्रूट के साथ अंतरवर्ती खेती (इंटरक्रॉप) करके भी लाभ कमाया जा सकता है। ड्रैगन फ्रूट का खेत तैयार करते समय सीमेंट पोल के सहारे पौधे लगाए जाते हैं। सीमेंट पोल से लगे पौधों के बीच 7 से 10 फीट की दूरी रखना होता है। इस छूटी हुई खाली अन्य फसल या सब्जी लगाकर अतिरिक्त आय कमाई जा सकती है। ध्यान रहे कि ड्रैगन फ्रूट के खेत में धान या ऐसी फसल जिसमें पानी के जमाव की जरूरत पड़ती है, वह छोड़कर कोई भी अन्य फसल ली जानी चाहिए। क्योंकि ड्रैगन फ्रूट कम पानी की आवश्यकता वाला पौधा है। अधिक पानी से पौधा सड़ जायेगा।

4. ड्रैगन फ्रूट की खेती में केवल शुरुवाती खर्च होता है। उसके बाद का मेंटेनेंस और लेबर खर्च बहुत कम है। इसकी खेती में कम पानी, कम खाद की जरूरत होती है और साल में मात्र 3 या 4 बार खाद देनी पड़ती है। कीड़े नहीं लगने के कारण इसमें कोई कीटनाशक छिड़काव की भी जरूरत नहीं पड़ती। शुरुवाती खर्च के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है।

5. ड्रैगन फ्रूट के पौधे में कोई बीमारी नहीं लगती, न ही कीड़े लगते हैं। बस चींटियां आती है, जिससे छुटकारे के लिए नीम ऑयल पानी में मिलाकर स्प्रे कर दिया जाता है। इस प्रकार कीड़ों से फसल खराब होने की झंझट नहीं रहती और कीटनाशक पर अतिरिक्त खर्च करने का बोझ नहीं रहता।

ये भी पढ़ें : औषधीय फसलों की खेती से छत्तीसगढ़ का किसान कमा रहा है लाखों

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु कौन सी होती है? | Best Climate For Dragon Fruit Farming  

ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming) उष्णकटिबंधीय जलवायु में की जाती है। आर्द्र और गर्म जलवायु इसके लिए सर्वोत्तम है। तेज धूप ड्रैगन फ्रूट की फसल के लिए उचित नहीं मानी जाती। अधिक धूप वाले क्षेत्रों में शेड लगाकर इसकी खेती की जाती है, ताकि इसे तेज़ धूप से बचाया जा सके।

ड्रैगन फ्रूट के लिए कितना तापमान होना चाहिए? | Temperature Requirement For Dragon Fruit 

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 40 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान उपयुक्त होता है। इसलिए फसल उस मौसम में लगानी चाहिए, जब तापमान इन दो बिंदुओं के मध्य स्थिर हो। 

ड्रैगन फ्रूट के लिए कितनी वर्षा की ज़रूरत होती है? | Raib Requirement For Dragon Fruit Farming 

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती। सालाना 50 सेमी की बारिश ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इससे अधिक बारिश या बर्फबारी वाले क्षेत्रों ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते। दोनों ही स्थिति में पौधे नहीं पनपेंगे या खराब हो जायेंगे।

भारत में ड्रैगन फ्रूट किस मौसम में लगाएं? | Best Season For Dragon Fruit Cultivation 

भारत में ड्रैगन फ्रूट के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च या 15 जून से अगस्त तक। जब भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच हो, तब ड्रैगन फ्रूट लगाना चाहिए। ये तापमान ड्रैगन फ्रूट के लिए सर्वोत्तम है।

ड्रैगन फ्रूट के लिए कौन सी मिट्टी अच्छी होती है? | Soil Requirement For Dragon Fruit Cultivation 

ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation Farming) के लिए दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। 

इसके लिए मिट्टी की क्वालिटी एसिडिक मिट्टी होनी चाहिए। खेती के पहले मिट्टी की जांच जरूर कराएं। मिट्टी का PH मान 5.5 से 7 तक हो, तो सर्वोत्तम फसल मिलेगी। इसके ऊपर के तापमान पर भी फसल हो जाती है, लेकिन उतने अच्छे फल नहीं निकलते।

ड्रैगन फ्रूट लगाते समय सावधानियां 

ड्रैगन फ्रूट लगाते समय निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए।

  • ड्रैगन फ्रूट रेतीली भूमि का पौधा है। इसकी खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए अधिक जल जमाव वाले स्थान में इसकी खेती नहीं की जानी चाहिए। यदि जल जमाव की स्थिति बनती है, तो जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। 
  • खेतों में खरपतवार हैं, तो उन्हें हटाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए और खेत को अनावाश्यक खरपतवार से साफ रखना चाहिए।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बीज और पौधे | Seed For Dragon Fruit Farming 

ड्रैगन फ्रूट की खेती बीज लगाकर भी की जा सकती है और कलम लगाकर भी की जा सकती। बीज लगाने में फसल आते आते 4 – 5 साल लग जाते हैं। इसलिए व्यवसायिक दृष्टि से किसान इसे फायदेमंद नहीं मानते और कलम लगाकर ड्रैगन फ्रूट की खेती को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि कलम लगाने पर पहले की साल से फल लगने लगते हैं। दूसरे तीसरे से व्यवसायिक उत्पादन होने लगता है 

जब भी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बीज या कलम लगाए जाएं, उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि बीज और कलम जितनी अच्छी क्वालिटी के होंगे, पैदावार उतनी ही अच्छी होगी। बीज इस्तेमाल कर ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी हो, तो ग्राफ्टेड बीज का इस्तेमाल करें और कलम लगाने हो, तो ग्राफ्टेड पौधों का इस्तेमाल करें। ये अच्छी क्वालिटी के होते हैं और इनसे पैदावार अच्छी होती है और पैदावार लंबे समय तक चलती है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती का तरीका | Dragon Fruit Farming Technique

ड्रैगन फ्रूट की खेती किस प्रकार की जानी चाहिए, इसकी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। 

(I) ड्रैगन फ्रूट के खेत की जुताई

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे पहले खेत तैयार किया जाता है। बुआई या रोपाई करने के पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लेनी चाहिए। खेत से सारे खरपतवार हटा लेना चाहिए। उसके बाद कंपोस्ट या गोबर की खाद को अच्छी तरह मिट्टी में मिला लेना चाहिए। खेत अब बुआई या रोपाई के लिए तैयार है।

ड्रैगन फ्रूट को सही तरीके से बढ़ने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती है। इसलिए खेत तैयार करते समय इसके सहारे के लिए निश्चित दूरी (10×7 या कम से कम 8 x 6 की दूरी) पर बांस या सीमेंटेड कॉलम लगाए जाते हैं, जिसके ऊपर रिंग (बजट कम है, तो सीमेंटेड रिंग की जगह टायर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।) बनी होती है। सामान्यतः किसान सीमेंटेड कॉलम का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि ये लंबे समय तक चलते हैं। 

कॉलम डालकर खेत तैयार कर लेने के बाद खेत में बुआई या रोपाई करनी चाहिए।

(II) ड्रैगन फ्रूट के खेत की बुआई

जुताई के बाद खेत तैयार कर लेने के बाद बुआई का समय आता है। ड्रैगन फ्रूट बीज द्वारा भी लगाए जाते हैं और कलम द्वारा भी।

एक ड्रैगन फ्रूट में 1000 से 1500 तक बीज होते हैं। ये काले रंग के छोटे आकार के बीज होते हैं। इन्हें अंकुरित कर ड्रैगन फ्रूट के पौधे उगाए जा सकते हैं। 

बीजों द्वारा ड्रैगन फ्रूट लगाने पर फल आते आते 5 साल लग जाते हैं। 

सामान्यतः व्यासायिक दृष्टिकोण से किसान नर्सरी से कलम लाकर कलम द्वारा ड्रैगन फ्रूट लगाने को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि कलम लगाने पर पहले ही साल फल का उत्पादन शुरू हो जाता है और दूसरे तीसरे साल से व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो जाता है।

(III) ड्रैगन फ्रूट के खेत की रोपाई

ड्रैगन फ्रूट की रोपाई के लिए 60 सेमी गहरा और 60 सेमी चौड़ा गड्ढा खोदकर, उसमें 1:1:2 के अनुपात में गोबर, मिट्टी और बालू मिलाकर भरकर पौधों की रोपाई की जाती है। रोपाई के समय 100 ग्राम सुपर फास्फेट खाद गड्ढे में भर दिया जाता है। एक पोल के चारों ओर चार पौधे लगाए जाते हैं। यदि 1 एकड़ का खेत है, तो लगभग 1700 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जा सकते हैं।

(IV) ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए खाद और उर्वरक

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए समय समय पर खेत में खाद और उर्वरक डालने होते हैं, ताकि पौधों का विकास अच्छी तरह से हो और अच्छे किस्म के फल प्राप्त हो सके।

(i) कम्पोस्ट खाद

गोबर खाद : गोबर की खाद ड्रैगन फ्रूट के पौधों के विकास के लिए सर्वोत्तम है। यदि आप रसायनिक उर्वरक का उपयोग नहीं करना चाहते, तो गोबर की खाद का इस्तेमाल करें। ध्यान रहे कि खेत में जलनिकासी का उचित प्रबंध हो।

सड़ी हुई खाद : सड़े हुए पशु अपशिष्ट और सड़े हुए पुआल का उपयोग भी ड्रैगन फ्रूट के पौधों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखते हैं, जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक है।

(ii) जैविक खाद

चिकन खाद : अच्छी तरह से कंपोस्ट की गई चिकन खाद या मुर्गी की खाद ड्रैगन फ्रूट के लिए काफी लाभदायक होती है, क्योंकि इसके पौधे के विकास के लिए काफ़ी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। 3 से 4 इंच की कंपोस्ट चिकन खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर 6 इंच गड्ढे में भर दें, जहां ड्रैगन फ्रूट लगाना है। हालांकि चिकन खाद पौधों को जला सकती है और उसे नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए उसे अच्छी तरह कंपोस्ट किया जाना चाहिए।

(iii) प्राकृतिक खाद

अंडे के सेल की बनी प्राकृतिक खाद भी ड्रैगन फ्रूट के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है। इस खाद में 90% कैल्शियम, 6% मैग्नीशियम, 1% फास्फोरस होता है, जो सॉल्ट फ्री खाद है और ड्रैगन फ्रूट के पौधों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर हैं।

(iv) रसायनिक खाद व उर्वरक

एन पी के : ड्रैगन फ्रूट के लिए अकार्बनिक खाद 6-6-6 और 8-3-9 अच्छी रसायनिक खाद है। 20-20-20 मिश्रण का इस्तेमाल भी कभी कभी किया जाना चाहिए। वसंत के पहले पौधे को खाद देनी चाहिए और उसके बाद फूल लगने पर जल में घुलनशील 20-20-20 खाद दी जानी चाहिए। 1 गैलन पानी में 1 टेबल स्पून खाद मिलाएं।

ड्रैगन फ्रूट के लिए कई प्रकार की रसायनिक खाद उपयोग की जा सकती है :

1. ऑल पर्पस फर्टिलाइजर 6-6-6 (All Purpose Fertilizer 6-6-6)

2. बायो बेसिस 8-3-9 (Biobasis 8-3-9)

3. टेराप्लस नतुरा बैलेंस 8-4-12 (Terraplus Natura Balance 8-4-12)

(V) ड्रैगन फ्रूट के खेत की सिंचाई

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती। जलजमाव की स्थिति पौधों के लिए नुकसानदायक है। इसलिए फव्वारा सिंचाई या ड्रिप सिंचाई ड्रैगन फ्रूट के लिए बेस्ट है। इससे पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है, जड़ों के आसपास नमी बनी रहती है और जलजमाव नहीं होता।

(VI) ड्रैगन फ्रूट की कटाई (Dragon Fruit Harvesting)

मई जून में फूल आने के बाद से ड्रैगन फ्रूट के पौधे में अगस्त से दिसंबर तक फल लगते रहते हैं। फल तोड़ने के लिए हाथ के इस्तेमाल की जगह प्रूनर (Pruner) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इससे फल अच्छी तरह से कटते हैं।

ये एकमात्र फल का पौधा है, जिसमें इतनी लंबी अवधि तक लगातार फल लगते रहते हैं। प्रारंभिक वर्षों में 2 से 4-5 टन के बाद तीसरे साल से प्रति वर्ष 10 टन फल प्राप्त होते हैं। यह क्रम 25 साल तक जारी रहता है। इस प्रकार एक बार लगाए जाने के बाद ड्रैगन फ्रूट का पौधा 25 साल तक फल देता रहता है।

(VII) ड्रैगन फ्रूट का संग्रह (Dragon Fruit Storage)

ड्रैगन फ्रूट तोड़ने के बाद उसके संग्रहण की बारी आती है। 25 डिग्री सेल्सियस यानी कमरे के सामान्य तापमान पर ड्रैगन फ्रूट को 5 से 7 दिन तक रखा जा सकता है। ड्रैगन फ्रूट को 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाए, तो 22 दिन तक संग्रहित करके रखा जा सकता है।

(VIII) ड्रैगन फ्रूट की पैकिंग (Dragon Fruit Packing)

ड्रैगन फ्रूट को तोड़ने के बाद 5 -8 मिनट के लिए ओजोन डिटॉक्सिफाइंग डिटर्जेंट युक्त स्टरलाइज्ड स्टेराइल वाटर में डुबोया जाता है। उसके बाद उसे प्लास्टिक ट्रे में रखकर सामान्य रूप से सूखने दिया जाता है। सूखने के बाद उसे नायलॉन बैग में पैक कर कर दिया है। फिर कार्टून बॉक्स में रख कर सप्लाई के लिए तैयार कर लिया जाता हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में कितना खर्च होता है? | Dragon Fruit Farming Business Cost 

ड्रैगन फ्रूट की खेती में होने वाले खर्च की जानकारी इस प्रकार है :

शुरुवाती खर्च

ड्रैगन फ्रूट की खेती में शुरुवाती खर्च अधिक होता है, क्योंकि पौधे लगाने के लिए खेत तैयार करना पड़ता है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे को सहारे की जरूरत पड़ती है। इसलिए इसके सहारे के लिए खेत में पोल लगाने पड़ते हैं। लकड़ी के पोल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अधिकतर किसान मजबूती के हिसाब से सीमेंटेड पोल लगाते है। सीमेंटेड पोल का खर्चा मुख्य खर्चा है, क्योंकि समस्त खर्चों की लगभग 70% राशि पोल निर्माण में लगती है। यदि ख़ुद से पोल बनवाया जाए, तो एक पोल का खर्चा लगभग ₹500 के आसपास पड़ता है। 1 एकड़ के खेत में 10×7 की दूरी के हिसाब से 525 पोल की जरूरत पड़ती है। एक पोल के चारों ओर 4 पौधे लगते हैं। इस प्रकार 2100 पौधे 1 एकड़ के खेत में लगा सकते हैं। जिसका खर्च लगभग 5 से 6 लाख तक का पड़ता है। ये शुरुआती खर्च है। लेकिन इस शुरुवाती खर्च के बाद 25 साल तक लाभ कमाया जाता है।

मेंटेनेंस खर्च 

ड्रैगन फ्रूट की खेती में मेंटेनें मुख्यतः खेत से खरपतवार साफ करना और समय समय पर पौधों को खाद पानी देना है। खाद 3 – 4 माह में देना होता है। पानी की भी अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती। इसलिए 2 लेबर के साथ आसानी से खेत का रखरखाव किया जा सकता है। 1 एकड़ की जमीन पर रखरखाव का खर्च लगभग ₹50,000 सालाना पड़ता है। इस प्रकार कम खर्च में ड्रैगन फ्रूट का आसानी से रख रखाव किया जा सकता है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में कितनी कमाई होती है? | Dragon Fruit Farming Business Profit 

ड्रैगन फ्रूट की खेती में शुरुवाती खर्च होता है, लेकिन जब फल लगना शुरू होता है, तो थोड़े बहुत मेंटेनेंस खर्च के साथ कमाई ही कमाई होती है। पहले साल ही ये फल देना शुरू कर देता है, लेकिन पहले साल कमर्शियल क्वांटिटी में फल नहीं मिलते। दूसरे साल से 2 से 3 टन सालाना उत्पादन होता है। तीसरे साल में 6 से 8 टन उत्पादन होने लगता है। उसके बाद चौथे साल से 10 टन फल का उत्पादन होने लगता है, जो उसके बाद स्थिर हो जाता है और 25 सालों तक नियमित रूप से 10 टन सालाना का उत्पादन प्राप्त होता है। 

होल सेल मार्केट में बेचने पर फल के साइज और क्वालिटी के हिसाब से ₹100 से ₹150 प्रति किलो तक का रेट प्राप्त होता है। डायरेक्ट कस्टमर को बेचने पर ₹200 से ₹300 प्रति किलो तक का रेट मिलता है। डायरेक्ट कस्टमर चेन बनाने के लिए अच्छी मार्केटिंग का सहारा लिया जा सकता है। हर साल लगभग 10 टन फल हो जाता है। इस प्रकार आसानी से ₹15 से ₹25 लाख की सालाना कमाई ड्रैगन फ्रूट की खेती से की जा सकती है।

आशा है आपको Dragon Fruit Farming Business Kaise Shuru Karen जानकारी उपयोगी लगी होगी। जानकारी फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें। ऐसे ही Business Idea In Hindi जानने के लिए हमें subscribe करना न भूलें।

पेट्रोल पंप कैसे शुरू करें?

आटा चक्की बिजनेस कैसे शुरू करें?

पेपर प्लेट का बिजनेस कैसे शुरू करें?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top