रंगीन फूलगोभी की खेती कैसे करें? | Colourful Cauliflower Farming Business Idea In Hindi 

इस लेख में रंगीन फूलगोभी की खेती कैसे करें? (Colourful Cauliflower Farming Business Idea In Hindi) की पूरी जानकारी दी जा रही है। Colourful Cauliflower Cultivation Business Idea In Hindi – Climate, Soil, Irrigation, Cultivation, Fertilizer, Temperature, Investment, Income etc.

Colourful Cauliflower Farming Business Idea In Hindi

आजकल किसान खेती में विविधता लाकर नई फसलों के साथ नए प्रयोग कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसी दिशा में एक कदम है रंगीन फूलगोभी की खेती।

सफेद फूलगोभी से तो हम सभी परिचित हैं और सब्जी के तौर पर उसका स्वाद लेते रहते हैं। ब्रोकली के रूप में ग्रीन/हरी गोभी से भी अब हम वाकिफ होने लगे हैं। लेकिन बैंगनी, पीले, गुलाब फूलगोभी हमें हैरान करती हैं। 

आजकल ऐसी रंगीन फूलगोभी की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, क्योंकि स्वास्थवर्धक होने के कारण मार्केट में इसकी डिमांड बढ़ी है और सफेद सामान्य फूलगोभी की तुलना में इसका मार्केट रेट दुगुना है। इसकी खेती भी सामान्य सफेद फूलगोभी की तरह ही की जाती है और लागत भी उतना ही रहता है। लेकिन मुनाफा डबल होने के कारण अब किसान इसकी खेती की तरफ आकर्षित होने लगे हैं।

इस लेख में रंगीन फूलगोभी की खेती (Rangeen Phoolgobhi Ki Kheti) के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।

Colourful Cauliflower Farming In Hindi 

Table of Contents

रंगीन फूलगोभी क्या होती है? | What Is Colorful Cauliflower 

रंगीन फूलगोभी एक विशेष प्रकार की फूलगोभी होती है। यह सब्जी परिवार (Family) से संबंधित है। इस गोभी की विशेष बात ये है कि इसके पत्ते और फूल कई रंगों के होते हैं, जैस हरे, सफेद, पीले, लाल, गुलाबी, जामुनी। 

मुख्यत: रंगीन फूलगोभी में दो मुख्य संकर किस्में अधिक उगाई जाती हैं –

1. कैरोटीन (Carotena) : ये पीले रंग की फूलगोभी की किस्म होती है।

2. बैलीटीना (Valentena) : ये बैंगनी रंग की फूलगोभी की किस्म होती है।

यह एक स्वादिष्ट सब्जी है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होती है। इसका इस्तेमाल सब्जी, सलाद और स्नेक्स के रूप में किया जाता है। यह विटामिन सी, फोलिक एसिड, अन्य विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। यह शरीर में कोलेजन को भी कम करती है। इस प्रकार ये स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक है और कई बीमारियों के खतरे को कम करती है।

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रंगीन फूलगोभी के क्या लाभ हैं? | Benefits Of Colorful Cauliflower In Hindi 

रंगीन फूलगोभी स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभदायक है। इसमें कई प्रकार के विटामिन, मिनरल्स, फोलिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। रंगीन फूल गोभी के मुख्य स्वास्थ्य लाभों का वर्णन इस प्रकार है :

1. रंगीन फूलगोभी में विटामिन सी, फोलिक एसिड, अन्य कई विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी हैं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं।

2. रंगीन फूलगोभी त्वचा बालों और नाखूनों के लिए भी लाभदायक है। इसके सेवन से शरीर में कॉलेजन का उत्पादन बढ़ता है, जो त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह बालों का झड़ने कम करती है और नाखूनों को मजबूत बनाती है।

3. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह कोशिकाओं की क्षति को रोकने में मददगार है। इसमें इंडोल 3 कार्बिनॉल नामक एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम कर देता हैं।

4. यह कम कैलोरी वाली सब्जी है। इसके सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है।

5. रंगीन फूलगोभी में चोलीन नामक एक तत्व होता है जो अल्जाइमर लोक से लड़ने में सहायक होता है।

6. रंगीन फूलगोभी में फोलेट भी पाया जाता है, जो खून बढ़ाने में मददगार है और एनीमिया कम करता है।

7. इसमें पाया जाने वाला फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने और कब्ज से राहत दिलाने में फायदेमंद है।

8. पीले रंग की फूलगोभी में कैरोटेना नामक तत्व पाया जाता है, वहीं बैंगनी रंग की फूलगोभी में एलेंटीना नामक तत्व पाया जाता है। दोनों ही आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक होते हैं।

रंगीन फूलगोभी के लिए कैसी जलवायु चाहिए? | Climate For Colourful Cauliflower Cultivation In Hindi 

रंगीन फूल गोभी के लिए उष्णकटिबंधीय और समतटीय जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। उच्च तापमान और उच्च आर्द्रता वाले स्थान इसकी खेती के लिए उत्कृष्ट होते हैं। 

तापमान : रंगीन फूल गोभी की खेती के लिए औसत तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

आर्द्रता : रंगीन फूलगोभी की खेती के लिए आद्रता 60 से 65% के मध्य होनी चाहिए।

रंगीन फूलगोभी की खेती के लिए स्थिर मौसम उपयुक्त माना जाता है। तेज हवा और बारिश से इसकी फसल प्रभावित हो सकती है।इसलिए रंगीन फूलगोभी की कृषि के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अधिक संतुलित और उपयुक्त माना जाता है। बीज उगाने के लिए उचित तापमान भी इस मौसम में उपलब्ध होता है।

मुख्यत: रंगीन फूल गोभी की फसल नवंबर महीने में उगाई जाती है और फरवरी तक इसकी फसल ले ली जाती है।

सितंबर और अक्टूबर के महीने में इसके खेत तैयार कर दिए जाते हैं और नवंबर – दिसंबर के महीनों में इसकी बुवाई कर दी जाती है। 

रंगीन फूलगोभी के लिए कैसी मिट्टी चाहिए? | Soil Requirement For Colourful Cauliflower Farming 

रंगीन फूलगोभी के लिए रेतीली दोमट मिट्टी/ बलुआ दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का पी.एच. बैलेंस 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए। रेतीली मिट्टी खेत में जलभराव कम होता है और रंगीन फूलगोभी की फसल के लिए अच्छे जल निकासी प्रबंध वाले खेत की आवश्यकता होती है। अधिक जल भराव फसल को खराब कर सकता है और पानी की कमी भी फसल को नुकसान पहुंचाती है। अतः रेतीली दोमट मिट्टी रंगीन फूलगोभी के लिए संतुलित मिट्टी है। 

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रंगीन फूलगोभी की खेती कैसे करें? | Colourful Cauliflower Cultivation In Hindi 

रंगीन फूलगोभी की खेती के लिए खेत की जुताई, बुवाई, रोपाई और सिंचाई आदि चरणों की विस्तार से जानकारी इस प्रकार है।

रंगीन फूलगोभी के नर्सरी की तैयारी

रंगीन फूलगोभी के बीज सीधे खेत में नहीं लगाई जाती। पहले नर्सरी में इसके पौधे तैयार किए जाते हैं। 

  • अगस्त के अंत या सितंबर माह के प्रारंभ में नर्सरी तैयार कर लें।
  • पौधे कतार में लगाए। 
  • ऊंचा बेड तैयार करें, जिसकी चौड़ाई 1 सेमी और लंबाई आवश्यकता अनुसार रखें। 
  • 2 इंच की दूरी पर बीज लगाएं। यदि एक स्थान पर ज्यादा बीज लगाएंगे, तो अच्छी पौध नहीं होगी।
  • 1 हेक्टेयर की जमीन में 200 से 250 ग्राम बीज लगाकर पौधे तैयार करें।
  • 4 से 5 सप्ताह में रंगीन फूल गोभी के पौधे तैयार हो जायेंगे। जिनकी अब खेत में रोपाई की जाएगी।
  • रोपाई के पहले 1 ग्राम स्टेप्टोसाइक्लिन नामक दवा 10 लीटर पानी में घोलकर नर्सरी के पौधों में छिड़काव कर पौधों को उपचारित कर लें। उसके बाद ही खेतों में रोपाई करें।

रंगीन फूलगोभी के खेत की तैयारी (जुताई)

रंगीन फूलगोभी की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत तैयार करना पड़ता है। 

  • बलुआ दोमट मिट्टी रंगीन फूलगोभी की उपज के लिए सर्वोत्तम है। 
  • खेत में जलनिकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
  • यदि मिट्टी में अम्लीयता है, तो उसकी अम्लीयता कम कर उसे उदासीन करना होगा। इसके लिए 3 से 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से चूना या डोलोमाइट का उपयोग करना चाहिए। 
  • यदि खेत में नमी है, तो पलेवा कर लें।
  • खेत की अच्छे से 3 से 4 बार जुताई कर लें। एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें, एक जुताई डिस्क हल से और दो जुताई कल्टीवेशन हल से करके खेत में पाटा लगाकर खेत को समतल कर दें। 

रंगीन फूलगोभी के लिए खाद और उर्वरक

अच्छी पैदावार के लिए रोपाई के पहले खेत में खाद पानी देना भी अवश्य है।

  • रोपाई के लगभग 3 हफ्ते पहले 20 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद डालें। 
  • रसायनिक खाद/उर्वरक में 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालने के लिए तैयार रखें। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा अंतिम जुताई या पौधों के रोपण के पहले खेत में डालें।
  • नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा रोपाई के पहले खेत में डाले। बची नाइट्रोजन को रोपाई के 15 दिन बाद तथा फिर से 30 दिन बाद गुड़ाई के समय डालें।

रंगीन फूलगोभी की रोपाई

नर्सरी में रंगीन फूलगोभी के पौधे 4 से 5 सप्ताह में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। 

  • रोपाई के पहले खेत में खाद उर्वरक डाल कर खेत तैयार कर लें। 
  • अब रंगीन फूलगोभी की 60X 60 से.मी. और 60X45 से.मी. की दूरी पर रोपाई करें।
  • 1 एकड़ में 12 हजार से 13 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। 
  • रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई जरूर करें।

रंगीन फूलगोभी की सिंचाई 

एक बार रोपाई करने के बाद हर 10 से 15 दिन बाद खेत की सिंचाई आवश्यक है। निराई-गुड़ाई काम रोपाई के 3 सप्ताह बाद एक बार अवश्य करें। उसके बाद आवश्यकता पड़ने पर समय समय पर निराई-गुड़ाई और मिट्टी चढ़ाने का काम करते रहें। रहना चाहिए।

रंगीन फूलगोभी की कटाई

रंगीन फूलगोभी के पौधों की रोपाई के बाद 70 से 100 दिनों बाद फूलगोभी की फसल आ जाती है। आमतौर पर फरवरी माह में फूलगोभी कटाई लायक हो जाती है। एक फूलगोभी का वजन लगभग 800 ग्राम से 1 किलो तक होता है। यदि एक हेक्टेयर जमीन पर रंगीन फूलगोभी लगाई गई, तो औसतन 200-300 क्विंटल रंगीन फूलगोभी की फसल होगी। 

रंगीन फूलगोभी की खेती में कितना खर्च आता है? | Investment For Colourful Cauliflower Farming Business In Hindi 

रंगीन फूलगोभी की खेती में मुख्य खर्च बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरी आदि का है। जिसमें एक एकड़ के खेत के हिसाब से कुल मिलाकर ₹20 से ₹25 हजार का खर्च आएगा। बीज लगभग ₹9-₹10 हजार के आयेंगे, खाद और उर्वरक लगभग ₹5 से ₹7 हजार, उसके अलावा खेत तैयार करने, रोपाई, निराई आदि में मजदूरों का खर्च ₹5 से ₹7 हजार तक होगा। इस प्रकार लागत लगभग ₹20-₹25 हजार तक की आएगी।

रंगीन फूलगोभी की खेती से कितनी कमाई होती है? | Colourful Cauliflower Farming Business Income 

सामान्य सफेद फूलगोभी की तुलना में रंगीन फूलगोभी का मार्केट रेट दुगुना होता है। एक फूलगोभी 30 से 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। 1 हेक्टेयर में 200 से 300 क्विंटल गोभी का उत्पादन होता है। किलो के हिसाब से 20000 से 30000 गोभी उत्पादित होती है। ₹30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से ₹6,00,000 से ₹9,00,000 का मुनाफा कमाया जा सकता है।

आशा है आपको Rangeen Phoolgobhi Farming Business Kaise Shuru Karen जानकारी उपयोगी लगी होगी। जानकारी फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें। ऐसे ही Agriculture Business Idea In Hindi जानने के लिए हमें subscribe करना न भूलें।

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