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चंद्रमा को जीवाश्म ग्रह क्यों कहते हैं? | Chandrama Ko Jivashm Grah Kyon Kehte Hain?

इस आर्टिकल में हम ‘चंद्रमा को जीवाश्म ग्रह क्यों कहते हैं’ (Chandrama Ko Jivashm Grah Kyon Kehte Hain) प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं. उत्तर जानने के लिए पढ़िये ये आर्टिकल :

Chandrama Ko Jivashm Grah Kyon Kehte Hain? | Why Moon Is Called Fossil Planet?

Chandrama Ko Jivashm Grah Kyon Kehte Hain

Chandrama Ko Jivashm Grah Kyon Kehte Hain | Chandrama Ko Jivashm Grah Kyon Kehte Hain

चंद्रमा के बारे में सामान्य जानकारी 

चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है. इसकी उत्पत्ति लगभग ४.५ अरब वर्ष पूर्व मानी जाती है. इस संबंध में एक लोकप्रिय सिद्धांत के अनुसार आकार में मंगल ग्रह के बराबर थिया (Theia) नामक चट्टान लगभग ४.५ अरब वर्ष पूर्व पृथ्वी से आकर टकराई थी. इस टकराव के फलस्वरूप निकले मलबों से चंद्रमा का निर्माण हुआ था.

सौरमंडल के १८१ उपग्रहों में चंद्रमा पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह है. चंद्रमा का आकार अंडाकार है. इसका व्यास ३,४७६ किमी और वजन लगभग ८१ अरब टन है. यह २,३०० मील/घंटे (३,७०० किलोमीटर/घंटे) की औसत गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है. पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में इसे २७.३ दिन लगते हैं.

चंद्रमा को ‘जीवाश्म ग्रह’ (fossil planet) क्यों कहा जाता है?  

चंद्रमा को ‘जीवाश्म ग्रह’ (fossil planet) भी कहा जाता है. इसका कारण है कि चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है. नतीजतन, वहाँ न हवा है, न पानी है और न ही मौसम. (चंद्रमा के साउथ पोल में बर्फ़ की मौजूदगी है.) हवा-पानी के प्रभाव के बिना चंद्रमा पर अपक्षरण (erosion) नहीं होता.

चंद्रमा पर ज्वालामुखी अवश्य हैं. लेकिन वे लाखों वर्षों से सुप्त पड़े हैं. इस तरह चंद्रमा पर कोई ज्वालामुखीय गतिविधियाँ (volcanic activity) भी नहीं होती, जो वहाँ की सतह की आकृति में कोई परिवर्तन कर सके. चंद्रमा की सतह पर जो गड्ढे हैं, वो वहाँ अरबों वर्ष पूर्व हुई उल्कापिंडों की बमबारी के कारण है. वर्तमान में चंद्रमा एक शांत उपग्रह है.

कोई अपक्षरण नहीं होने के कारण चंद्रमा में जो चीज़ जैसी है, उसी अवस्था में सैकड़ों हजारों वर्षों तक रहती है. चूंकि चंद्रमा पर हर वस्तु जीवाश्म की तरह लंबे समय तक उसी अवस्था में रहती है. इसलिए उसे जीवाश्म ग्रह (fossil planet) कहा जाता है.

ये जानकर आप हैरान होंगे कि वर्ष १९६९ में अपोलो-११ द्वारा चंद्रमा की सतह पर सबसे पहुँचने वाले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) और बज़ एड्रियन (Buzz Adrian) के पदचिह्न आज भी चंद्रमा पर मौजूद हैं.


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