Car Insurance In Hindi

कार इंश्योरेंस क्या होता है? | Car Insurance In Hindi

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कार खरीदी के बाद आरटीओ में कार के रजिस्ट्रेशन के साथ ही कार का बीमा (Car Insurance) भी करवाना अनिवार्य है। बिना कार इंश्योरेंस के सड़क पर कार चलाना गैर कानूनी है। ऐसा करने पर जुर्माना भी लगता है और दंडात्मक कार्यवाही भी होती है। इसलिए कार खरीदने के बाद कार का बीमा करवाया जाता है।

कार इंश्योरेंस क्या होता है? कार इंश्योरेंस कितने प्रकार का होता है? कार इंश्योरेंस कैसे काम करता है? कार इंश्योरेंस में क्या कवर किया जाता है? कार इंश्योरेंस में क्या कवर नहीं किया जाता? कार इंश्योरेंस के क्या लाभ हैं? सारी जानकारी इस पोस्ट में विस्तार से दी जा रही है।

Car Insurance In hindi

Car Insurance In Hindi 

कार इंश्योरेंस क्या होता है? | What Is Car Insurance In Hindi?

कार इंश्योरेंस एक प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी होती है, जो आपकी कार को दुर्घटना, चोरी या अन्य हादसों से होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है। 

कार खरीदने के बाद आरटीओ रजिस्ट्रेशन के साथ ही कार बीमा (Car Insurance) भी करवाया जाता है। कार बीमा  (Insurance Of Car) का मतलब है कि आप एक निश्चित प्रीमियम चुकाकर एक निश्चित अवधि के लिएं कार बीमा कंपनी से अपनी कार को हानि, चोरी, या दूसरी आपत्तियों से सुरक्षित रखने के लिए एक पॉलिसी खरीदते हैं, जो कुछ अनपेक्षित घटना हो जाने पर आपको वित्तीय सहायता प्रदान करती है और आपको आर्थिक नुकसान से बचाती है।

सड़क पर कार चलाने के लिए कार इंश्योरेंस अनिवार्य है, ताकि सड़क पर गाड़ी चलाने वाले सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। बिना कार इंश्योरंस के सड़क पर गाड़ी चलाना एक दंडनीय अपराध है।

कार बीमा कितने प्रकार के होते हैं? | Types Of Car Insurance In Hindi 

कार इंश्योरेंस कई प्रकार होते हैं, जिनमें से प्रमुख रूप से दो प्रकार के कार इंश्योरेंस प्रचलन में हैं :

1. थर्ड पार्टी कार बीमा (Third Party Car Insurance)

थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस तीसरे पक्ष के लिए होती है, अर्थात् यह किसी दुर्घटना में आपकी कार में हुए नुकसान की भरपाई नहीं करती, न आपके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा को प्रदान करती है, बल्कि यह थर्ड पार्टी को या उनकी संपत्ति को पहुंची क्षति की भरपाई करती है, जैसे कि किसी एक्सीडेंट के दौरान दूसरे कार की क्षति या उसमें सवार लोगों के घायल या मृत्यु होने पर आर्थिक क्षतिपूर्ति।

भारत में मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करना अनिवार्य है।

2. कॉम्प्रिहेंसिव कार बीमा (Comprehensive Car Insurance)

कंप्रिहेंसिव बीमा एक प्रकार का संपूर्ण बीमा या समग्र बीमा होता है। इस प्रकार के इंश्योरेंस प्लान में आपको किसी हादसे के दौरान कार में होने वाली हर प्रकार की क्षति के लिए भरपाई या मुआवजा मिलता है, जिसमें बीमा कंपनी द्वारा आपकी खुद की कार को हुई क्षति को कवर करती है, साथ ही दूसरे की कार या उसकी संपत्ति को हुए नुकसान, शारीरिक चोट आदि को भी कवर करती है और उसके लिए मुआवजा प्रदान करती है। अर्थात इसमें थर्ड पार्टी बीमा भी कवर किया जाता है, साथ ही 15 लाख के अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ भी प्राप्त होता है, जिसमें व्यक्तिगत शारीरिक क्षति कवर की जाती है।

3. अन्य कार बीमा 

(i) स्टैंडऑलोन कार इंश्योरेंस (Stand-Alone Car Insurance): स्टैंडऑलोन कार इंश्योरेंस केवल कार में होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखने के लिए होती है और अन्य इंश्योरेंस नीतियों के साथ नहीं जुड़ी होती है। यह बीमा आपकी कार को विभिन्न प्रकार के खतरों, जैसे कि चोरी, आग, और दुर्घटना से होने वाले नुकसान पर सुरक्षा प्रदान करती है।

(ii) जीपीएस और ट्रैकर के साथ कार इंश्योरेंस (Car Insurance with GPS and Tracker): जीपीएस और ट्रैकर के साथ कार इंश्योरेंस पॉलिसी में कार को जीपीएस या ट्रैकर जैसी टेक्नोलॉजी से लैस कर दिया जाता है। कार को ट्रैक करने और उसे मॉनिटर करने के लिए यह कार पॉलिसी इस्तेमाल की जाती है। इससे बीमा कंपनी को कार की सुरक्षा और स्थिति के बारे में अपडेट मिलती है और वह सुनिश्चित कर पाती है कि कार का उपयोग सुरक्षित और सावधानी से हो रहा है।

इसमें कार बीमा का प्रीमियम रेट कम होता है। किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर की ट्रैकर या जीपीएस के माध्यम से तुरंत पता चल जाता है और सुरक्षा के त्वरित कदम उठाए जा सकते हैं। हालांकि इसमें गोपनीयता की समस्या आती है, जिस पर विचार कर ये पॉलिसी ली जानी चाहिए।

5. को-पर्शियल कार इंश्योरेंस (Co-Pay Car Insurance): को-पर्शियल कार इंश्योरेंस में, जब किसी दुर्घटना में कार को क्षति पहुंचती है, तो दूसरी पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई का कुछ हिस्सा कार मालिक खुद चुकाता है, कुछ कार बीमा कंपनी के द्वारा चुकाया जाता है। इस प्रकार दूसरे को मुआवजा देने का पूरा भार कार मालिक पर नहीं आता।

आपकी जरूरतों और बजट के आधार पर, आप इन प्रकारों में से किसी एक कार इंश्योरेंस का चयन कर सकते हैं, जो आपकी कार को हानि से सुरक्षित रखेगा।

पढ़ें : कार इंश्योरेंस रिन्यूअल के टिप्स

कार इंश्योरेंस कैसे काम करता है? | How Car Insurance Works?

कार इंश्योरेंस निम्नलिखित तरीके से कार्य करता है:

1. पॉलिसी खरीदी

सबसे पहले आपको कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी होती है। इस पॉलिसी में आपको अपनी कार की विभिन्न प्रकार के जोखिमों से सुरक्षा के लिए निश्चित प्रीमियम चुकाना होता है। 

2. प्रीमियम भुगतान

पॉलिसी लेने के बाद पॉलिसी की शर्तों के अनुसार आपको नियमित अंतराल पर पॉलिसी प्रीमियम चुकाना होता है। प्रीमियम की रेट बीमा कम्पनी के नियमों और पॉलिसी के प्रकार के अनुसार तय की जाती है।

3. दुर्घटना की सूचना

यदि आपकी कार का एक्सीडेंट होता है और उसमें क्षति पहुंचती है, तो आपको उसकी सूचना इंश्योरेंस कंपनी को देनी होती है, ताकि एक्सीडेंट में हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी से मिल सके।

4. दावा प्रक्रिया

कार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आपको मुआवजे के लिए क्लेम करना होगा। इंश्योरेंस कंपनी आपकी दावा की प्रक्रिया या क्लेम की प्रक्रिया आरंभ कर कार को हुए नुकसान की जाँच करेगी और नुकसान का आंकलन कर उसके हिसाब से मुआवजे की राशि निर्धारित करेगी।

5. मुआवजा भुगतान

अगर आपका क्लेम बीमा कंपनी द्वारा मान्य किया जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आपको मुआवजे का भुगतान किया जाता है। मुआवजा आपके द्वारा की गई पॉलिसी की नीतियों और हुए नुकसान के हिसाब से मिलता है।

6. पॉलिसी नवीनीकरण

कार बीमा पॉलिसी की समाप्ति के बाद उसका नवीनीकरण करवाना होता है, जिसमें आपको फिर से प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है। आमतौर पर कार इंश्योरेंस 1 साल का होता है। प्रतिवर्ष इंश्योरेंस रिन्यू करवाना होता है।

कार इंश्योरेंस का कार को यातायात से जुड़े जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करता है और वाहन चालकों हो होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है।

कार इंश्योरेंस कितने साल के लिए होता है? | Car Insurance Term In Hindi 

कार इंश्योरेंस की टर्म आमतौर पर 1 साल की होती है। लेकिन, कुछ कंपनियां 6 महीने के लिए भी कार बीमा पॉलिसी दे सकती हैं। कार बीमा पॉलिसी की वैलिडिटी समाप्त होने पर उसे रिन्यू करवाया जाता है।

मार्केट में कुछ लॉंग-टर्म पॉलिसीज भी उपलब्ध हैं, जो 2 या 3 साल तक की हो सकती हैं। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) 3 साल का होता हैं। आप अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार कार इंश्योरेंस की टर्म का चुनाव कर सकते हैं।

कार इंश्योरेंस के लाभ | Car Insurance Benefits In Hindi 

कार इंश्योरेंस के कई लाभ होते हैं, जिनका विस्तार से विवरण नीचे दिया जा रहा हैं:

1. कार की वित्तीय सुरक्षा

कार इंश्योरेंस आपकी कार को चोरी, हानि, या अन्य नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है। इस प्रकार किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अवांछित घटना में होने वाले आर्थिक नुकसान में पॉलिसी कवर द्वारा एक बड़ी सहायता मिल जाती है।

2. कानूनी मामलों से बचाव

सड़क पर कार चलाने के लिए कार का इंश्योरेंस कानूनी रूप से अनिवार्य होता है। कार इंश्योरेंस न होने पर जुर्माने और दंड का प्रावधान है। इस प्रकार कार इंश्योरेंस से आपको कानूनी मामलों से बचाव मिलता है और सड़क पर कार चलाने के लिए विधिवत अनुमति प्राप्त होती हैं

3. गेराज नेटवर्क

कई बीमा कम्पनियां गेराज नेटवर्क से जुड़ी होती हैं। जब कार की किसी एक्सीडेंट में क्षति होती है, तो उसकी सर्विसिंग उन गैराज में आसानी से की जा सकती है। इस स्थिति में कार के प्रीमियम रेट में भी छूट मिलती है।

4. थर्ड पार्टी के लिए सुरक्षा

भारत में अब थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस अनिवार्य है। इसमें आपको एक्सीडेंट के समय थर्ड पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई मिल जाती है। 

5. मानसिक शांति

कार इंश्योरेंस होने से आप मानसिक शांति के साथ कार ड्राइव करते हैं, क्योंकि आप जानते है कि आपकी कार की सुरक्षा का ध्यान रखा गया है और यदि कुछ होता है, तो आप पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और आपकी वित्तीय सहायता प्राप्त हो जायेगी।

इस प्रकार कार इंश्योरेंस का आपको वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है और अनपेक्षित खर्चों से आपका बचाव करता है।

कार इंश्योरेंस में क्या क्या कवर किया जाता है? | What Does Car Insurance Cover In India In Hindi 

कार इंश्योरेंस में प्रदान किए जाने वाले बीमा कवर इस प्रकार है :

1. कार का नुकसान

कार इंश्योरेंस में बीमा धारक के कार को होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है। कार चलाते वक्त किसी हादसे में कार में हुई क्षति का मुआवजा बीमा कंपनी प्रदान करती हैं

2. थर्ड पार्टी कवरेज

कार का किसी दूसरे वाहन से एक्सीडेंट होने की स्थिति में थर्ड पार्टी की शारीरिक चोट या गाड़ी व संपत्ति के नुकसान की भरपाई बीमा में कवर की जाती है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है।

3. शारीरिक चोट

कार दुर्घटनाग्रस्त होने पर कार चालक और कार में बैठे लोगों की शारीरिक चोट को बीमा में कवर किया जाता है। साथ ही थर्ड पार्टी की शारीरिक चोट भी बीमा में कवर की जाती है।

4. मृत्यु का मुआवजा

कार दुर्घटना में कार में मौजूद ड्राइवर या अन्य व्यक्तियों की मृत्यु हो जाए, तो उसके मुआवजे को भी कार बीमा। में कवर किया जाता है।

5. प्राकृतिक आपदा का कवर

कंप्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी में प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, बाढ़, आगजनी, बिजली गिरना, ओले आदि से होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है।

कार इंश्योरेंस में क्या क्या कवर नहीं किया जाता? | What Is Not Covered In Car Insurance In India In Hindi? 

कार इंश्योरेंस में कई चीजें है, को कवर नहीं की जाती। उनकी जानकारी निम्नलिखित है:

1. केवल वैद्य पॉलिसी पर ही क्षतिपूर्ति

कार इंश्योरेंस पॉलिसी की वैधता तिथि समाप्ति पर उसका इंश्योरेंस रिन्यू करवाना अनिवार्य हैं। यदि आपकी कार पॉलिसी समाप्त हो चुकी है और कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, तो उसका उसे इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता। उस स्थिति में आपको कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। अतः कार बीमा नवीनीकरण समय पर करवाएं।

2. कंज्यूमेबल्स कवर नहीं होते

कार बीमा पॉलिसी कंज्यूमेबल्स आइटम्स का कवर प्रदान नहीं करती। कंज्यूमेबल्स आइटम्स में ऑयल, लुब्रिकेंट, ग्रीस, नट बोल्ट, गैस आदि शामिल हैं। इसमें हुए किसी भी प्रकार के नुकसान की अपनी अपनी जेब से भरना होगा।

3. यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर 

यदि आप कार चलाते वक्त यातायात नियमों का पालन नहीं करते और आपकी कार दुर्घटना का शिकार हो जाती है, तो उस स्थिति में आपको बीमा कंपनी द्वारा कोई मुआवजा नहीं दिया जाता। 

4. नशे में कार चलाना

शराब पीकर नशे में कार चलाना, लापरवाही से कार चलाना, रेड लाइट का उल्लंघन करना आदि कारणों से कार एक्सीडेंट होने पर बीमा कंपनी द्वारा कोई कवर नहीं दिया जाता।

5. व्यक्तिगत कार का व्यवसायिक इस्तेमाल करने पर

यदि आपकी कार व्यक्तिगत उपयोग के किए पंजीकृत है, लेकिन आप उसका व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं और वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है, तो भी बीमा कंपनी उसे पॉलिसी में कवर नहीं करती, क्योंकि आपकी कार में व्यक्तिगत उपयोग के प्रयोजन से बीमा है, न कि व्यवसायिक उपयोग के प्रयोजन से।

6. ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अनिवार्य दस्तावेजों के बिना ड्राइविंग

यदि आप कार ड्राइविंग के समय के अनिवार्य दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पीयूसी सर्टिफिकेट साथ नहीं रखते और आपकी कार का एक्सीडेंट होता है, तो होने वाले नुकसान का मुआवजा बीमा कंपनी कवर नहीं करती।

7. व्यक्तिगत सामानों की क्षतिपूर्ति नहीं

कार में रखे व्यक्तिगत सामान जैसे मोबाइल, लैपटॉप या अन्य कोई कीमती सामान को बीमा पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता। उसकी चोरी या क्षति होने पर बीमा कंपनी कोई मुआवजा नहीं देती।

8. किसी और की कार ड्राइव करने पर कवरेज नहीं

यदि आप किसी और की कार ड्राइव कर रहे हैं या आपकी रेंटल कार है और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई, तो आपको बीमा कंपनी द्वारा कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। बीमा कंपनी केवल बीमा धारक की पंजीकृत कार के क्लेम को मान्य करता है। यदि आपकी कार आपके परिवार का कोई सदस्य चला रहा हो और वह हादसे का शिकार हो गई, तब भी आपको कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।

9. कार की नियमित टूट फूट पर कोई कवर नहीं

कार के रेगुलर मेंटेनेंस या वक्त के साथ कार के पुराने होने पर होने वाली टूट फूट और पार्ट्स के रिप्लेसमेंट आदि के खर्च को आमतौर पर बीमा पॉलिसी कवर नहीं करती। इसका खर्च स्वयं वहन करना होता है।

10. कार का मॉडिफिकेशन 

यदि आपके अपनी कार का मॉडिफिकेशन करवाया है, जैसे एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम, इंजिन में मॉडिफिकेशन, चेसिस ब्रेंसिंग, एल एस डी आदि, लेकिन पॉलिसी खरीदते समय वह बीमा में कवर नहीं थी, तो उसका मुआवजा आपको नहीं दिया जाएगा। अतः अपना क्लेम खारिज होने से बचाने के लिए जब भी कार में कोई मॉडिफिकेशन करवाएं और एडवांस उपकरण लगवाएं, तो उसकी जानकारी बीमा कंपनी को दें।

आशा है आपको Car Insurance In Hindi जानकारी उपयोगी लगी होगी। ऐसी ही जानकारियों के लिए हमें subscribe करना न भूलें।

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