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भारत का सबसे बड़ा बांध कौन सा है? | Which is The Largest Dam In India?

पानी या भूमिगत धाराओं के प्रवाह को रोकने के लिए बांध का निर्माण किया जाता है. बांध द्वारा रोके गये पानी को जलाशय में संचित कर विभिन्न कार्यों जैसे सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, उद्योगों को आपूर्ति, विद्युत उत्पादन आदि में उपयोग किया जाता है.

विश्व में कई बांध निर्मित किये गए हैं और उनमें जल संचय कर सदुपयोग किया गया है. इस लेख में हम भारत के सबसे बड़े बांध के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai

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Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai

Tehri Dam India In HIndi | Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai | Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai

भारत का सबसे बड़ा/ऊँचा बांध कौन सा है? Which is The Largest Dam In India?

टिहरी बांध (Tehri Dam) भारत का सबसे बड़ा, सबसे ऊँचा और सबसे लंबा बांध है. इसे “रामतीर्थ सागर बांध” (Ramtirth Sagar Dam) भी कहा जाता हैं. दुनिया के सभी प्रकार के बांधों में टिहरी बाँध (Tehri Dam) एशिया का दूसरा सबसे बड़ा/ऊँचा बांध तथा विश्व का आठवां सबसे बड़ा/ऊँचा बांध भी है.

टिहरी बांध एक embankment dam है, जो मिट्टी और पत्थर से निर्मित है. embankment dam के तौर पर टिहरी बांध एशिया का सबसे ऊँचा बांध और विश्व का चौथा सबसे ऊँचा बांध है.

टिहरी बांध कहाँ है? Where Is Tehri Dam Located?

टिहरी बांध उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में स्थित है.

टिहरी बांध की ऊँचाई कितनी है? What is the height of Tehri Dam?

टिहरी बांध की ऊँचाई २६०.५ मीटर (८५५ फ़ीट)) है.

टिहरी बांध की लंबाई कितनी है? What is the length of Tehri Dam?

टिहरी बांध की लंबाई ५७५ मीटर (१८८६ फ़ीट)) है.

टिहरी बांध की चौड़ाई कितनी है? What is the width of Tehri Dam?

टिहरी बांध की शिखा की चौड़ाई २० मीटर (६६ फ़ीट)) और आधार की चौड़ाई ११२८ मीटर (३७०१ फ़ीट) है.

टिहरी बांध किसी नदी पर है? In which river Tehri Dam is located?

टिहरी बांध हिमालय की दो प्रमुख नदियों पर बना है. जिनमें से है गंगा (Ganga) की प्रमुख सहायक नदी “भागीरथी नदी” (Bhagirathi River) और दूसरी है “भिलंगना नदी” (Bhilangna River). भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर टिहरी बांध बनाया गया है.

टिहरी बांध का निर्माण कब हुआ? When was Tehri Dam built?

तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा १९४९ में टिहरी गढ़वाल क्षेत्र भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर बांध बनाने की योजना तैयार कर ली थी. १९६१ में टिहरी बांध परियोजना (Tehri Dam Project) का प्राथमिक जाँच कार्य पूर्ण हुआ. इसकी डिजाईन या रूपरेखा १९७२ तक बनकर तैयार हुई, जिसमें बांध के साथ ६०० मेगावाट के बिजली संयंत्र के निर्माण का भी खाका तैयार किया गया. 

व्यवहार्यता के अध्ययन उपरांत १९७८ में टिहरी बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ. उस समय इस बांध की प्रारंभिक क्षमता ६०० मेगावाट निर्धारित थी. लेकिन आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के कारण इसका निर्माण बाधित हुआ और इसमें विलंब होता रहा.

वर्ष १९८६ में Union Of Soviet Socialist Republics (USSR) द्वारा टिहरी बांध परियोजना को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की गई. लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण यह प्रोजेक्ट अधर में लटका रहा.

१९८८ में केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने मिलकर टिहरी बांध के प्रबंधन हेतु THDC (Tehri Hydro Development Corporation) का गठन किया और निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ करवाया. THDC के स्वामित्व और प्रबंधन में टिहरी बांध का निर्माण कार्य संपादित किया गया. (वर्ष २०१९ में भारत सरकार ने NTPC द्वारा THDC के अधिग्रहण की अनुमति प्रदान की गई.)

वर्ष १९९० में परियोजना की डिजाईन परिवर्तित कर इसकी क्षमता ६०० मेगावाट से बढ़ाकर २४०० मेगावाट कर दी गई. इस डिजाईन में १००० मेगावाट की दो और ४०० मेगावाट की १ इकाई शामिल की गई (विवरण नीचे दिया गया है).

टिहरी बांध निर्माण की लागत का ७५% भाग केंद्र सरकार का और २५% भाग राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया. वर्ष २००६ में इसके प्रथम फेज़ में टिहरी बांध बनकर तैयार हुआ.

टिहरी बांध का निर्माण किस देश के सहयोग से किया गया? | Tehri Dam was constructed with the help of which country?

टिहरी बांध का निर्माण Union Of Soviet Socialist Republics (USSR) के सहयोग से हुआ. वर्ष १९८६ में USSR द्वारा टिहरी बांध परियोजना को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की गई.

टिहरी बांध की क्षमता कितनी है? What is the Capacity of Tehri Dam?

टिहरी बांध परियोजना के अंतर्गत ‘Tehri Hydroelectric Power Complex’ निर्मित है. १ बिलियन डॉलर से निर्मित इस कॉम्प्लेक्स में ३ प्रमुख इकाइयाँ स्थापित हैं.

  • टिहरी बांध और जल विद्युत इकाई (Tehri Dam Hydro Power Plant) – यह इकाई Phase-I के अंतर्गत जुलाई २००६ में बनकर तैयार हुई. इस इकाई द्वारा १००० मेगावाट की विद्युत उत्पन्न की जाती है.
  • कोटेश्वर जल विद्युत प्लांट (Koteshwar Hydro Power Plant) – टिहरी बांध से २० किलोमीटर दूर कोटेश्वर बांध (Koteshwar Dam) बनाया गया. यह एक gravity dam है. वर्ष २०१२ में बनकर तैयार हुए इस बांध की ऊँचाई १०० मीटर है और क्षमता ४०० मेगावाट है.
  • टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (Tehri Pump Storage Plant) – इस निर्माणाधीन प्लांट की क्षमता १००० मेगावाट है, जो मई २०२१ तक पूर्ण होने की संभावना है.

टिहरी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत स्थापित इकाइयों के कुल क्षमता २४०० मेगावाट है.

टिहरी बांध आंदोलन क्या था? What was Tehri Dam Andolan? Tehri Dam conflict movement

टिहरी बांध परियोजना का विरोध कई पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों द्वारा किया गया. अधिवक्ता वी. डी. सकलानी द्वारा ‘Anti-Tehri Dam Struggle Committee’ स्थापित की गई और इस परियोजना का दुष्परिणाम सामने बताते हुए विरोध किया गया.

पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा (Sunder Lal Bahuguna) भी इस परियोजना के विरोध में शामिल हुए और १९८० से २००४ तक ‘टिहरी बांध विरोधी आंदोलन’ (Anti-Tehri Dam Movement) चलाया.

विरोध के मुख्य कारण थे :

  • टिहरी बांध परियोजना (Tehri Dam Project) के कारण टिहरी क़स्बा और उसके आस-पास के २३ गाँव पूर्णरूपेण तथा ७२ गाँव आंशिक रूप से डुबान क्षेत्र में आ रहे थे. उस क्षेत्र की लगभग ५२०० हेक्टेयर भूमि (जिसमें १६०० हेक्टेयर कृषि भूमि सम्मिलित है) भी डुबान क्षेत्र में थी. वहाँ के रहवासी लगभग १ लाख से अधिक लोगों के पुनर्वास सबंधी अधिकारों और मुआवजों को विरोध किया गया और इस संबंध में लंबी कानूनी लड़ाई चली.
  • गहन भूकंपीय सक्रियता क्षेत्र में स्थित होने के कारण भविष्य में भूकंप आने पर बांध टूटने की संभावना को लेकर परियोजना का विरोध किया गया, क्योंकि बांध टूटने पर जलाशय का पानी आस-पास के इलाकों में भयंकर तबाही मचा सकता था.

इसके अतिरिक्त भागीरथी नदी और भिलंगना जैसी पवित्र नदियों के प्रवाह को बांध बनाकर रोकने पर धार्मिक भावनाओं के आहत होने को लेकर भी स्थानीय लोगों द्वारा ‘टिहरी बांध परियोजना’ का विरोध किया गया. हालांकि इसके लिए बाद में टिहरी बांध में सुरंग बनाकर दोनों नदियों के पानी के प्रवाह को अनवरत रखा गया.

टिहरी बांध के फायदे और नुकसान क्या हैं? What are the advantages and disadvantages of Tehri Dam?

टिहरी बांध से कई फायदें है, तो कई नुकसान भी है. जानते हैं इसके फ़ायदे और नुकसान के बारे में :

टिहरी बांध के फ़ायदे (Advantages Of Tehri Dam)

  • टिहरी बांध से २४०० मेगावाट बिजली उत्पादित होती है, जिसकी आपूर्ति उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में की जाती है.
  • जिस राज्य में बांध निर्मित होता है, उस राज्य को १२% बिजली फ्री में प्रदाय की जाती है. इस प्रकार उत्तराखंड को १२% बिजली फ्री में मिलती है.
  • प्रतिदिन १०.२० लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड को सप्लाई होता है, जिससे पेयजल कमी पूरी की जाती है.
  • न्यू टिहरी शहर में पेयजल टिहरी बांध से सप्लाई होता है.
  • टिहरी बांध निर्माण के उपरांत २७०००० हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हेतु पानी की सप्लाई होने लगी है.
  • टिहरी जलाशय में किये जाने वाले मत्स्य-पालन से लगभग १५००० टन मछली उत्पादित होती है.
  • बाढ़ में कमी आई है क्योंकि टिहरी बांध के कारण भागीरथी नदी का flow कम हुआ है. जिससे बारिश एक मौसम में भागीरथी नदी के over-flow के कारण होने वाली बाढ़ कम हो गई है.
  • टिहरी जलाशय की क्षमता काफ़ी अधिक है. नदी का पानी जो सागर में जाकर व्यर्थ हो जाता था. उसे जलाशय में एकत्रित कर लिया जाता है, जो सूखे के समय काम आता है.

टिहरी बांध के नुकसान (Disadvantages of Tehri Dam)

  • टिहरी बांध के कारण इस क्षेत्र के मौसम में बदवाल देखने को मिला है. यहाँ अचानक तेज बारिश हो जाती है.
  • टिहरी परियोजना द्वारा क्षेत्र में पौधारोपण न किये जाने से भू-स्खलन के रूप में पर्यावरणीय खतरा बढ़ गया है. इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं.
  • टिहरी बांध क्षेत्र भूकंप ज़ोन-४ में आता है. यहाँ भूकंप की संभावना अत्यधिक है. हालांकि बांध रिक्टर स्केल पर ९ तीव्रता तक के भूकंप को झेल पाने में सक्षम है. लेकिन यदि इससे अधिक तीव्रता का भूकंप कभी आया, तो वह बांध और उसके आस-पास के क्षेत्रों एक लिए घातक सिद्ध होगा.

यदि टिहरी बांध टूट जाये, तो क्या होगा? What would happen if Tehri dam collapsed?

टिहरी बांध क्षेत्र भूकंप ज़ोन-४ में आता है. यह बांध रिक्टर स्केल पर ८.५ तीव्रता तक के भूकंप को झेल पाने में सक्षम है. लेकिन इसे अधिक तीव्रता का भूकंप आपने पर यह बांध टूट सकता है.

पर्यावरणविदों के अनुसार यदि टिहरी बांध टूटा, तो इसका प्रभाव पश्चिम बंगाल तक पड़ेगा. सबसे अधिक ऋषिकेश और हरिद्वार प्रभावित होंगें, जो पूरी तरह जलमग्न हो जायेंगे. जबकि बिजनौर, मेरठ, हापुड़ और बुलंद शहर में १० मीटर की ऊँचाई तक पानी भर जायेगा.

टिहरी बांध कैसे पहुँचे? | How To Reach Tehri Dam?

वायु मार्ग (By Air) – टिहरी बांध पहुँचने के लिए सबसे निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Jolly Grant Airport) है, जो दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ जैसे शहरों से रोज़ाना फ्लाइट के माध्यम से जुड़ा हुआ है. जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से न्यू टिहरी टाउन ९१ किमी दूर है, जहाँ पहुँचने के लिए कैब और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है. 

रेल मार्ग (By Rail) – न्यू टिहरी टाउन का निकटतम रेलवेस्टेशन ऋषिकेश है. ऋषिकेश रेलमार्ग द्वारा भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. ऋषिकेश से टिहरी जाने के लिए बस और टैक्सी सुविधायें आसानी से उपलब्ध है.

सड़क मार्ग (By Road) – न्यू टिहरी टाउन सड़क मार्ग द्वारा उत्तराखंड और उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों से जुड़ा हुआ है. उत्तराखंड के प्रमुख शहरों जैसे देहरादून, मसूरी, हरिद्वार, देव-प्रयाग, श्रीनगर और उत्तरकाशी से टिहरी के लिए बस और टैक्सी सर्विस उपलब्ध है.

टिहरी बांध विजिट करने का समय | Tehri Dam Visit Timings

टिहरी बांध पूरे दिन खुला रहता है. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय तक यहाँ पर्यटक विजिट कर सकते हैं.

टिहरी झील/जलाशय | Tehri Lake/ Reservoir

 Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai

Tehri Lake/Reservoir | Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai | Bharat Ka Sabse Bada Bandh Konsa Hai

1,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, टिहरी झील (Tehri Lake) एक कृत्रिम बांध जलाशय (artificial dam reservoir) है. यह टिहरी बांध के निर्माण के दौरान अस्तित्व में आया, जब भागीरथी नदी के पानी को बांध के जलाशय को भरने के लिए मोड़ दिया गया.

उत्तराखंड राज्य में भागीरथी और भीलांगना नदी के संगम पर एक छोटा सा क़स्बा टिहरी बसा हुआ था. टिहरी बांध परियोजना के अंतर्गत जलग्रहण क्षेत्र में आने के कारण यहाँ के रहवासियों को “न्यू टिहरी” में विस्थापित किया गया. पुराना टिहरी जलमग्न हो गया और टिहरी झील/जलाशय (Tehri Lake/Reservoir) बन गया. 

टिहरी झील/जलाशय (Tehri Lake/Reservoir) एशिया की सबसे बड़ी मानव-निर्मित झील (Asia’s largest manmade lake) है. इस झील/जलाशय की क्षमता ४ घन किमी (३२००००० एकड़ फीट) है. इसका सतही क्षेत्रफल (surface area) ५२ वर्ग किलोमीटर (२० वर्ग मील) है.

टिहरी झील के निर्माण के समय राज्य सरकार ने इसे Adventure Tourism Desntination बनाने का निर्णय लिया. यहाँ jet skiing से लेकर air ballon rides जैसी एक्टिविटीज की जा सकती हैं.

टिहरी झील (Tehri Lake) में आप निम्न Adventures activities कर सकते हैं :

नौका विहार (Boating)

जेट स्पीड बोट सवारी (Jet Speed Boar Ride)

वाटर स्कीइंग (Water Skiing)

ज़ोर्बिंग (Zorbing)

बनाना बोट राइड (Banana Boat Ride)

बैंडवेगन बोट राइड (Bandwagon Boat Ride)

हॉटडॉग राइड (Hotdog Ride)

पैराग्लाइडिंग (Paragliding)

टिहरी लेक फेस्टिवल | Tehri Lake Festival

टिहरी लेक फेस्टिवल (Tehri Lake Festival) एशिया का सबसे बड़ा लेक फेस्टिवल (Asia’s Biggest Lake Festival) है, जो प्रतिवर्ष Uttarakhand Tourist Development Board (UTDB) द्वारा आयोजित किया जाता है. यह फेस्टिवल विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाटर स्पोर्ट्स और कई adventures activities के लिए मशहूर है.

टिहरी झील विजिट करने का सर्वोत्तम समय | Best Time To Visit Tehri Lake

टिहरी झील विजिट करने का सर्वोत्तम समय गर्मी का मौसम है. आप अप्रैल से जून के मध्य यहाँ विजिट कर इस झील के ख़ूबसूरत नज़ारे और रोमांचकारी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं.


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