भारतीय पहलवान अमन सेहरावत की जीवनी | Indian Wrestler Aman Sehrawat Biography In Hindi

भारतीय पहलवान अमन सेहरावत की जीवनी (Indian Wrestler Aman Sehrawat Biography In Hindi) Wrestler Aman Sehrawat Ki Jivani 

अमन सेहरावत एक उभरते हुए भारतीय पहलवान हैं, जिन्होंने हाल के वर्षों में कुश्ती की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। युवा और होनहार पहलवान अमन सेहरावत ने अपने साहस, समर्पण और प्रतिभा के बल पर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जगह बनाई है। उनकी कहानी एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले खिलाड़ी की है, जिसने अपनी मेहनत से बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कीं।

Wrestler Aman Sehrawat Biography In Hindi

Wrestler Aman Sehrawat Biography In Hindi

प्रारंभिक जीवन और परिवार

अमन सेहरावत का जन्म 2004 में हुआ था। वे हरियाणा के एक छोटे से गांव नाहरपुर में एक साधारण किसान परिवार में पले-बढ़े। हरियाणा, जो भारत में कुश्ती का गढ़ माना जाता है, ने कई महान पहलवान दिए हैं और अमन भी इसी परंपरा का हिस्सा हैं। उनके पिता, जोगिंदर सिंह, एक किसान हैं, और परिवार में खेल की संस्कृति पहले से ही मौजूद थी। अमन के चाचा, जिन्होंने खुद भी कुश्ती में रुचि दिखाई थी, ने अमन को इस खेल की ओर प्रेरित किया। 

कुश्ती के प्रति रुचि और शुरुआती प्रशिक्षण

अमन की कुश्ती में रुचि बचपन से ही दिखाई देने लगी थी। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के ही एक स्कूल में हुई, लेकिन उनकी खेल की रुचि ने उन्हें अन्य बच्चों से अलग कर दिया। उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने चाचा की प्रेरणा से कुश्ती के दांव-पेंच सीखने शुरू कर दिए थे। 

जब अमन 10 साल के थे, तब उन्हें और अधिक गंभीर प्रशिक्षण की जरूरत महसूस हुई। उनके परिवार ने उन्हें दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भेजने का फैसला किया, जो कि कुश्ती के प्रशिक्षण के लिए भारत का एक प्रमुख केंद्र है। यह वही जगह है जहां से सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे पहलवान निकले हैं।

छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण

छत्रसाल स्टेडियम में अमन सेहरावत को उचित मार्गदर्शन और कोचिंग मिली। यहाँ उन्हें माने हुए कोच महाबली सतपाल और अन्य प्रशिक्षकों से कुश्ती के उन्नत तकनीकों की सीख मिली। सतपाल ने अमन की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित करना शुरू किया। अमन की लगन और कठिन परिश्रम ने उन्हें स्टेडियम के अन्य पहलवानों में अलग पहचान दिलाई।

राष्ट्रीय स्तर पर उभरते सितारे

अमन सेहरावत ने जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा। उन्होंने 2018 में कैडेट राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लिया और वहां स्वर्ण पदक जीता। उनकी सफलता की यात्रा यहीं से शुरू हुई और वे एक के बाद एक प्रतियोगिताओं में पदक जीतते चले गए। 

2019 में, उन्होंने एशियन कैडेट चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया और वहां स्वर्ण पदक जीता। इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे भविष्य में भारतीय कुश्ती के लिए एक मजबूत दावेदार होंगे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता

अमन सेहरावत ने 2022 में अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान को और भी मजबूती दी, जब उन्होंने बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इस प्रतियोगिता में, अमन ने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में भाग लिया और बिना कोई अंक गंवाए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। 

यह जीत भारतीय कुश्ती के इतिहास में महत्वपूर्ण थी, क्योंकि अमन इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध कर दिया।

खेल की शैली और तकनीक

अमन सेहरावत की कुश्ती शैली बेहद आक्रामक और तकनीकी रूप से समृद्ध है। वे अपनी तेजी, संतुलन और तकनीकी कौशल के लिए जाने जाते हैं। अमन के दांव-पेंच में एक विशेषता है कि वे अपने प्रतिद्वंद्वी को जल्दी से पकड़ लेते हैं और उन्हें वापसी का मौका नहीं देते। 

उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी फुर्ती और उनके थ्रो हैं, जिनके जरिए वे अक्सर अपने मुकाबलों में विजय प्राप्त करते हैं। उनके प्रशिक्षण के दौरान मिले मार्गदर्शन ने उन्हें तकनीकी रूप से भी मजबूत बना दिया है, जिससे वे कठिन से कठिन प्रतिद्वंद्वी को भी मात देने में सक्षम हैं।

भविष्य की उम्मीदें और लक्ष्य

अमन सेहरावत की युवा उम्र और उनकी उपलब्धियों को देखते हुए, उनसे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा सकती है। उनका लक्ष्य अब सीनियर स्तर पर भी अपने प्रदर्शन को दोहराने का है और भारत को विश्व मंच पर गौरवान्वित करना है। 

वे 2024 के पेरिस ओलंपिक और अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर स्वर्ण पदक जीतने की दिशा में अग्रसर हैं। अमन के कोच और उनके प्रशंसक मानते हैं कि अगर वे इसी तरह कड़ी मेहनत करते रहे, तो वे भविष्य में एक और ओलंपिक पदक भारत के लिए जीत सकते हैं।

समाज और प्रेरणा

अमन सेहरावत न केवल एक उत्कृष्ट पहलवान हैं, बल्कि वे युवा पहलवानों के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर किसी के पास दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत की क्षमता हो, तो वे किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। 

उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। अमन ने दिखाया है कि सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत से आप किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।

निष्कर्ष

अमन सेहरावत की कहानी भारतीय कुश्ती की एक नई उम्मीद की कहानी है। उनकी सफलता ने यह साबित किया है कि भारतीय कुश्ती के पास एक सुनहरा भविष्य है और अमन उस भविष्य के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उनकी मेहनत, समर्पण, और उपलब्धियों ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक विशेष स्थान दिलाया है। 

आने वाले वर्षों में, अमन सेहरावत न केवल भारतीय कुश्ती में, बल्कि विश्व कुश्ती में भी एक बड़ा नाम बन सकते हैं। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं, यह साबित करती है कि कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता अगर आपके पास उसे पाने का जुनून हो।

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