ब्लैक होल के बारे में 5 रोचक तथ्य क्या हैं? | 5 Interesting Facts About Black Hole In Hindi
5 Interesting Facts About Black Hole In Hindi
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ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमयी और शक्तिशाली वस्तुओं में से एक है। यह एक ऐसा खगोलीय पिंड है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि प्रकाश भी इससे बच नहीं सकता। इसीलिए इसे ‘ब्लैक’ कहा जाता है।
ब्लैक होल कैसे बनते हैं?
महाविस्फोट: वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड के निर्माण के समय बने कई विशाल तारे जब अपने ईंधन का उपयोग कर लेते हैं तो अपने ही गुरुत्वाकर्षण के कारण अंदर की ओर गिरने लगते हैं। इस प्रक्रिया में वे इतने सिकुड़ जाते हैं कि एक बिंदु पर सिमट जाते हैं। इसी बिंदु को ब्लैक होल कहते हैं।
विशाल तारों का विस्फोट: जब कोई विशाल तारा अपने जीवन के अंत में विस्फोट करता है, तो उसका केंद्र इतना सघन हो जाता है कि एक ब्लैक होल बन जाता है।
ब्लैक होल के मुख्य भाग
घटना क्षितिज: यह ब्लैक होल की वह सीमा है जिसके पार जाने पर कोई भी चीज, यहां तक कि प्रकाश भी वापस नहीं आ सकता।
एकवचनता: यह ब्लैक होल का केंद्र होता है जहां गुरुत्वाकर्षण अनंत होता है और भौतिक नियम काम करना बंद कर देते हैं।
ब्लैक होल के बारे में रोचक तथ्य
ब्लैक होल के बारे में ये 5 रोचक तथ्य हैं:
1. प्रकाश भी नहीं बच सकता : ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि यह प्रकाश को भी खींच लेता है। इसीलिए हम इसे देख नहीं सकते, क्योंकि इसके अंदर से कोई भी प्रकाश या जानकारी बाहर नहीं आ सकती।
2. इवेंट होराइजन : इवेंट होराइजन वह सीमा होती है जिसके पार कुछ भी जाने पर वापस नहीं आ सकता। यह ब्लैक होल का वह बिंदु है जिसके भीतर समय और स्थान पूरी तरह से बदल जाते हैं।
3. सिंगुलैरिटी : ब्लैक होल के केंद्र में एक सिंगुलैरिटी होती है, जहाँ द्रव्यमान असीमित घनत्व और गुरुत्वाकर्षण में समाहित होता है। यहाँ, सामान्य भौतिकी के नियम काम नहीं करते।
4. स्पेस और टाइम का विकृत होना : ब्लैक होल के पास समय धीमा हो जाता है और स्थान विकृत हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति ब्लैक होल के करीब जाता है, तो बाहरी पर्यवेक्षकों को यह प्रतीत होगा कि वह धीरे-धीरे रुक रहा है।
5. हॉकिंग रेडिएशन : प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने सिद्धांत दिया कि ब्लैक होल भी धीरे-धीरे वाष्पित हो सकते हैं। यह प्रक्रिया “हॉकिंग रेडिएशन” के रूप में जानी जाती है, जिसमें ब्लैक होल से छोटे-छोटे कण निकलते हैं और समय के साथ ब्लैक होल की ऊर्जा समाप्त हो जाती है।